प्रदेश का बेरोजगार नौजवान, हताशा और निराशा का जीवन जीने के लिए मजबूर हैं
Date posted: 17 November 2018

लखनऊ 16 नवम्बर। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश प्रवक्ता सुरेन्द्रनाथ त्रिवेदी ने कहा कि केन्द्र सरकार ने अपने सम्पूर्ण कार्यकाल में अब तक हिन्दू मुसलमान, शमसान कब्रिस्तान करते करते देश के किसानों, नौजवानों एवं मजदूरों के साथ साथ छात्रहितों की लगातार अनदेखी की और अब विगत डेढ वर्ष से उत्तर प्रदेश सरकार उपरोक्त मुददों के अतिरिक्त गाय, गंगा और गोबर में आम जनता को उलझाये हुये हैं साथ ही अपना बहुत बडा काम केवल नाम परिवर्तन करके दिखाना चाहती है जबकि किसी भी प्रदेश के विकास की नींव स्वास्थ और शिक्षा से बनती है।
श्री त्रिवेदी ने कहा कि उ0प्र0 में स्वास्थ्य और शिक्षा दोनो ही विभाग बदहाली की कहानी कह रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग में प्राथमिक एवं सामुदायिक केन्द्रों पर न ही डाक्टर और न ही दवायें उपलब्ध हैं। हद तो तब हो जाती है जब मरीजों को लाने ले जाने के लिए स्टेªचर की भी व्यवस्था नहीं मिलती है। प्रदेश के स्वास्थ मंत्री केवल मुख्यमंत्री के प्रवक्ता की भूमिका निभाने में व्यस्त रहते हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने स्वास्थ मंत्री की कृपा पाकर प्राइवेट अस्पतालों और नर्सिग होमों से सांठगांठ कर रखी है। यही कारण है कि भाजपा शासन में गांव के छोलाछाप डाक्टरों से लेकर कस्बांे तक चल रहे नर्सिंग होम फल फूल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग की दुर्दषा केवल इस बात से समझी जा सकती है कि दोनो ही सत्र आधे बीत जाने के पष्चात भी स्कूलों में किताबे आदि नहीं मिल पाती हैं केवल शिक्षा के नाम पर स्कूलों में दलिया खिचडी आदि बटती रहती है और अधिकारी मौज मस्ती करके धन की बंदरबांट करते रहते हैं। बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जयसवाल को अपने राजसी ठाठ बांठ में व्यस्त रहने के अतिरिक्त विभाग की दुर्दषा देखने का समय नहीं है। माध्यमिक शिक्षा का भी हाल संतोषजनक नहीं है। केवल एन0सी0आर0टी0 की पुस्तके लागू करके माध्यमिक शिक्षा मंत्री ने इतिश्री कर ली हैं जबकि वास्तविकता यह है कि सरकारी सहायता प्राप्त इण्टर कालेजों में प्रधानाचार्यो और षिक्षकों के हजारों पद रिक्त पडे़ हैं। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की र्भिर्तयां विगत लम्बे समय से बंद पडी हैं और हजारों पद रिक्त हैं। जिससे कालेजों का कार्य प्रभावित होता है।
रालोद प्रवक्ता ने कहा कि ऐसा लगता है कि सरकार का ध्यान स्वास्थ और शिक्षा जैसी महत्वपूर्ण विकास की राह की ओर नहीं है केवल हिंदुत्व की भावनाओं का प्रचार प्रसार करके और मंन्दिर मस्जिद जैसी सामाजिक भावना फैलाकर प्रदेश में विकास की गंगा बहाने का सपना देख रही है। प्रदेश का बेरोजगार नौजवान, हताषा और निराषा का जीवन जीने के लिए भाजपा शासन में मजबूर हैं।
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