आईटीबीपी के 62 जवानों ने पिछले दस वर्षों में की ख़ुदकुशी 

नोएडा: यहाँ के समाजसेवी एवं अधिवक्ता  रंजन  तोमर द्वारा ग्रह मंत्रालय भारत सरकार में लगाई गई आर टी आई से कुछ चौंकाने  एवं दुखद नतीजे सामने आये हैं , आर टी आई के सवाल में रंजन तोमर ने पूछा था के पिछले दस वर्षों में ग्रह मंत्रालय के अंदर कार्य करने वाले जवानों ने खुद ख़ुशी की है , इसके जवाब में आईटीबीपी अर्थात भारत तिब्बत बॉर्डर पुलिस द्वारा जानकारी दी गई है के पिछले दस वर्षो में 62 जवानों ने ख़ुदकुशी की है।

सबसे ज़्यादा 9 जवानों ने 2015 में आत्महत्या की , जबकि 2014  में 8 जवानों ने ख़ुदकुशी की , 7 -7 जवानों ने 2012 एवं 2013 में आत्महत्या की हैं , 2011 एवं 2016 में सबसे कम 3 -3  जवानों ने आत्महत्या की , बड़ी बात यह भी है के 2019 तक भी कोई बड़ा बदलाव इस पैटर्न में नहीं आया है , इससे कई सवाल खड़े होते हैं , हमारे जवान क्यों आत्महत्या करने पर मजबूर हैं , समय पर छुट्टी न मिलना , काम का अत्यधिक बोझ अथवा परिवार से दूर रहने का ग़म , जो भी हों सरकारों को इस बाबत कुछ न कुछ सोचना होगा ,  लगातार काउंसलिंग , ऐसे जवानों की जानकारी एकत्रित करना जिनके  व्यवहार में बदलाव दिखाई पड़ता हो आदि। जब तक इस प्रकार की कार्यप्रणाली नहीं लगाई जाती हारे जवान मरते रहेंगे , जिससे देश को हानि होना तय है।

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