कृषि बिल के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत का संकल्प भी साकार होगा: सुनील यादव

नई दिल्ली:  दिल्ली देहात के नजफगढ़ जिले में आयोजित “किसान रागनी“, कार्यक्रम के माध्यम से कृषि बिल को लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का धन्यवाद किया गया और सांसद प्रवेश साहिब सिंह, प्रदेश संगठन महामंत्री सिद्धार्थन एवं प्रदेश उपाध्यक्ष सुनील यादव ने कार्यक्रम उपस्थित किसान भाई-बहनों को संबोधित कर कृषि बल से मिलने वाले लाभ और जीवन में आने वाले सकारात्मक बदलाव से अवगत कराया।

इस कार्यक्रम में जिला अध्यक्ष विजय सोलंकी समेत निगम पार्षद व मंडल अध्यक्षों और नजफगढ़ के 30 से ज्यादा गांव के ग्रामीणों ने भाग लिया। नजफगढ़ के गौशाला में रंग-बिरंगी पगड़ियां पहने हजारों किसानों ने हर्षोल्लास के साथ कृषि बिल का समर्थन किया और मोदी जी को धन्यवाद दिया।
सांसद  प्रवेश साहिब सिंह ने कहा कि मोदी सरकार ने पहले दिन से किसानों की भलाई के लिए कदम उठाए हैं चाहे वो प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना की बात हो, सिंचाई योजना की बात हो, किसान क्रेडिट कार्ड की बात, सॉयल हेल्थ कार्ड की बात हो या फसल बीमा की बात हो। मोदी सरकार किसानों के लिए काम करने के लिए प्रतिबद्ध है और उसी कड़ी में किसानों के दायरे को व उनकी आय को बढ़ाने के लिए मोदी सरकार कृषि बिल किसानों के उत्थान के लिए लेकर आई है। आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चुनाव के सब मुद्दे खत्म कर दिये तो विपक्ष अब मुद्दे ढूंढ रहा है किसानों को भटकाने का और अपनी राजनीति चमकाने का। उन्होंने कहा कि कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर से उन्होंने स्वंय अनुरोध किया है कि वह दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल को निर्देशित करें कि किसानों का डाटा कृषि मंत्रालय को सौंपे, एमएसपी सेंटर बनाएं, प्राइस सपोर्ट सिस्टम के आधार पर केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाए ताकि एफसीआई पूरी तैयारी के साथ दिल्ली के किसानों से फसल खरीदने आए। इसके लिए कृषि मंत्री ने आश्वस्त किया है कि दिल्ली सरकार से बात करके नजफगढ़ जिले में एमएसपी सेंटर खुलवाएंगे।
प्रदेश संगठन महामंत्री सिद्धार्थन ने ग्रामीणों को विश्वास दिलाया कि एमएसपी योजना जारी रहेगी। इन बिलों के प्रभाव से किसान अब स्वतंत्र होंगे कि पूरे देश में वो जहां चाहें जिसे चाहें अपनी फसल बेच सकते हैं, प्रतिस्पर्धा बढ़ने से किसानों को अपनी फसल के अच्छे मूल्य मिलेंगे। साथ ही संविदा कृषि का भी प्रावधान लाया गया जिसके अंतर्गत कोई भी कंपनी किसान के साथ उसकी फसल के संविदा कर सकता है और इसके सारे नियम किसान के हितों की रक्षा करने के लिए बनाए हैं जैसे कि किसान चाहे तो संविदा से पीछे हट सकता है, लेकिन व्यापारी अगर पीछे हटता है तो उसे किसान को भुगतान करना पड़ेगा और तीन दिन के अंदर ही किसान को फसल का भुगतान किया जाएगा। आवश्यक वस्तु अधिनियम की वजह से जो कृषि आधारिक संरचना का निर्माण नहीं हो पाया वो अब हो पायेगा और किसान को कभी भी अपनी फसल को सड़क पर नहीं फेकना पड़ेगा।
प्रदेश उपाध्यक्ष सुनील यादव ने आत्मनिर्भर भारत की बात करते हुए एक देश-एक बाजार के मूल मंत्र को साकार करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी जी का धन्यवाद किया। बिल के फायदों के बारे में बताते हुए कहा कि मोदी जी अब किसानों को अन्य विकल्प दिए हैं, जहां उनको फसल का दाम ज्यादा मिलेगा, अपनी फसल को वहां पर बेच सकेंगे। देश का व्यापारी किसान की फसल को किसी भी राज्य में जाकर बिना शुल्क के, बिना मंडी टैक्स के खरीद सकेगा, जिससे सारा पैसा किसान को बचेगा।

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