टीकाकरण का कार्य नगर निगम को सौंपना चाहिए: रामवीर सिंह बिधूड़ी
Date posted: 23 June 2021
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने केजरीवाल सरकार पर आरोप लगाया कि 11 लाख से भी अधिक वैक्सीन होने के बावजूद मात्र 76000 वैक्सीन लगाए गए जिससे उनकी लचर स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़ा होता है और उनकी मंशा पर भी शक होता है। आज प्रदेश कार्यालय में हुए संयुक्त प्रेसवार्ता में प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी, प्रदेश महामंत्री एवं वैक्सीनेशन के संयोजक कुलजीत सिंह चहल एवं प्रदेश भाजपा मीडिया प्रमुख नवीन कुमार जिंदल उपस्थित थे।
आदेश गुप्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा ऐलान किया गया मुफ्त वैक्सीनेशन का अभियान पूरे देश में एक उत्सव के रुप में मनाया गया और रिकॉर्ड 86 लाख लोगों ने एक ही दिन में वैक्सीनेशन करवाया जिससे प्रतित होता है कि मोदी सरकार कितनी संवेदनशील है और वह हर नागरिक की चिंता करती है। उन्होंने कहा कि इस समय दिल्ली के मुख्यमंत्री होने के नाते केजरीवाल को यहां की व्यवस्थाओं को देखने की जरुरत है लेकिन वे वैक्सीन सेंटर्स पर जाना तो दूर दिल्ली से ही गायब हो गए हैं और पंजाब में अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने का काम कर रहे हैं। दिल्ली सरकार द्वारा 2700 वैक्सीन सेंटर्स खोलने की बात कही गई थी लेकिन सिर्फ 1000 सेंटर्स ही अभी दिखाए जा रहे हैं जिसमें 728 सेंटर्स 45 साल के अधिक के आयुवर्ग के लिए और बाकी 45 साल से कम उम्र के आयुवर्ग के लिए है लेकिन 1000 सेंटर्स के भी होने का क्या फायदा अगर आप सिर्फ एक दिन में 76000 ही वैक्सीन लगा पाए हैं।
आदेश गुप्ता ने केजरीवाल सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब दूसरे राज्यों में वैक्सीनेशन का आंकड़ा देश के कुल आंकड़ों के अनुसार जा रहा है तो दिल्ली में इतनी कम वैक्सीनेशन मात्र 76000 लोगों को ही वैक्सीन क्यों लगाई गई, उसका जवाब कौन देगा? उन्होंने कहा कि अभी तक 65,26,770 लोगों को टीका लगा है। यही नहीं दिल्ली में सिर्फ 73 प्रतिशत स्वास्थ्य कर्मचारियों का वैक्सीनेशन हुआ है जबकि अगर देश की बात करें तो लगभग 82 प्रतिशत स्वास्थ्य कर्मचारियों को टीका लगाया गया है। ठीक उसी तरह दिल्ली में 81 प्रतिशत कोरोना वॉरियर्स को टीका लगाया गया जबकि देश में यह आंकड़ा 90 प्रतिशत है। दिल्ली में 45 साल से ऊपर के सिर्फ 50 प्रतिशत लोगों को वैक्सीन दी गई है।
श्री आदेश गुप्ता ने कहा कि दिल्ली में लगभग 2 लाख वैक्सीन बर्बाद कर दी गयी है। केंद्र सरकार द्वारा मिले वैक्सीन का सिर्फ 75 प्रतिशत ही केजरीवाल सरकार उपयोग कर पाई है। 21 जून की सुबह तक केजरीवाल सरकार के पास 11 लाख से अधिक टीके उपलब्ध होने के बावजूद जनता में भय फैलाने का काम किया गया। केजरीवाल सरकार से सीधा सवाल है कि आखिर बाकी के वैक्सीन वह कहां बेच आई या उसे कौन से कूड़ेदान में फेंक दिया। केजरीवाल को इसका जवाब दिल्ली की जनता को देना चाहिए। हमने पिछले प्रेसवार्ता में लगातार 12 मुद्दे उठाए लेकिन उसका जवाब केजरीवाल सरकार ने नहीं दिया। सिर्फ केंद्र सरकार पर आरोप लगाना और अपनी जिम्मेदारियों से दूर भागना यही केजरीवाल की सबसे बड़ी पहचान है।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने केजरीवाल सरकार पर कुप्रबंधन और निचले स्तर की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यदि केजरीवाल से वैक्सीनेशन का सही तरह से वितरण नहीं हो पा रहा है या वह पूरे दिल्ली के लोगों को वैक्सीन नहीं लगवा पा रहे हैं तो वह बताएं। उन्होंने कहा कि हम उपराज्यपाल से सभी तीन नगर निगमों को टीकाकरण का कार्य सौंपने का आग्रह करेंगे, जिन्होंने बाधाओं के बावजूद इस संबंध में बहुत अच्छा काम किया है। अभी तक राजधानी में लगभग 1.82 लाख वैक्सीन की खुराक बर्बाद हो चुकी है, जिससे पता चलता है कि राज्य सरकार के पास इन टीकों को संरक्षित करने की व्यवस्था नहीं है और इन सब के जिम्मेदार अरविंद केजरीवाल हैं।
श्री रामवीर सिंह बिधूड़ी ने आरोप लगाया कि केजरीवाल दिल्लीवासियों की जान बचाने के बजाय टीका देने के काम में जानबूझकर देरी कर रहे हैं ताकि अगर कुछ गलत होता है, तो वे हमेशा की तरह इसके लिए केंद्र सरकार को दोषी ठहरा सके। यह उनकी मानसिकता को दर्शाता है और सस्ते राजनीतिक लाभ के लिए वह किस हद तक जा सकते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले सात वर्षों में केजरीवाल सरकार द्वारा एक भी अस्पताल, कॉलेज, स्कूल या फ्लाई ओवर शुरू नहीं किया गया है। उनका एकमात्र काम दिल्लीवासियों को केंद्रीय कल्याण योजनाओं के लाभों को लागू न करके उन्हें वंचित करना है। उनकी उपलब्धियों में यह भी शामिल है कि वह दिल्ली को दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी बनाने में सफल रहे हैं।
श्री कुलजीत सिंह चहल ने टीकाकरण में जमाखोरी के डर से टीकों के ऑडिट की मांग की जैसा कि पहले ऑक्सीजन, इंजेक्शन और दवाओं के मामले में होता था। सभी आयु समूहों को मुफ्त टीके उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हुए उन्होंने खेद व्यक्त किया कि 11 लाख टीके उपलब्ध होने के बावजूद उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया अभी भी आरोप लगा रहे हैं कि केंद्र सरकार पर्याप्त संख्या में टीके उपलब्ध नहीं करा रही है जबकि उनके विधानसभा पड़पड़गंज के हर एक वैक्सीनेशन सेंटर पर वैक्सीन उपलब्ध है। यह सब दिखाता है कि केजरीवाल और सिसोदिया कोरोना वैक्सीन के इस गंभीर मामले में भी केवल राजनीति कर रहे हैं।
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