दिल्ली सरकार की प्रदूषण को लेकर घोषणा चुनावी घोषणा पत्र की तरह ही हवा-हवाई
Date posted: 31 October 2020
नई दिल्ली: दिल्लीवासी पहले ही कोरोना और वायु प्रदूषण की दोहरी मार से पस्त हैं और अब यमुना नदी में अमोनिया का स्तर बढ़ने से लोगों की दिक्कतें बढ़ गई है। इस विषय पर चिंता जाहिर करते हुए दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि समय रहते प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली सरकार ने उचित कदम नहीं उठाये जिसके कारण आज बढ़ता प्रदूषण दिल्ली में बढ़ते कोरोना मामलों में हो रही वृद्धि का भी कारण बन रहा है।
दिल्ली सरकार ने दिल्लीवासियों को जहरीला पानी पीने पर मजबूर कर दिया है, क्या मुख्यमंत्री केजरीवाल स्वयं यह पानी पिएंगे? मुख्यमंत्री केजरीवाल को चुनौती है कि वह मेरे साथ चलें, मैं बताऊंगा कि कहां-कहां से दिल्ली में जहरीला पानी आ रहा है, क्योंकि पिछले साल चुनाव के समय मुख्यमंत्री केजरीवाल द्वारा किए वादे के मुताबिक इस साल दिल्ली के अमोनिया रहित पानी मिलना था।
आदेश गुप्ता ने कहा कि कोरोना के शुरुआती दौर में मुख्यमंत्री केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कोरोना से निपटने के लिए स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर दावे किए थे वह कोरोना के मामले बढ़ने पर खोखले साबित हुए। साथ ही केजरीवाल सरकार ने कोरोना मरीजों के हाल जानने के नाम पर प्राइवेट एजेंसियों पर 250 करोड़ रुपए खर्च किए। ठीक उसी तरह प्रदूषण नियंत्रण को लेकर केजरीवाल सरकार द्वारा की गई तैयारियां दिल्ली वासियों की गाढ़ी कमाई के करोड़ों रुपए खर्च करके होर्डिंग्स और चैक-चैराहों पर खड़े आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं के प्लेकार्ड पर ही दिख रही है, जमीन पर नहीं। दिल्ली सरकार की प्रदूषण को लेकर सरकारी घोषणा और आकलन भी उनके चुनावी घोषणा पत्र की तरह ही हवा-हवाई हैं।
आदेश गुप्ता ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड के मुखिया अरविंद केजरीवाल ही हैं, और जल प्रदूषण को रोकने की बजाय उन्होंने दिल्ली वासियों को राम भरोसे छोड़ दिया है। दिल्ली सरकार ने 60,000 करोड़ रुपए लिये लेकिन लगता है प्रदूषण नियंत्रण की तैयारियों को लागू करने के लिए 600 रुपए भी नहीं खर्चे हैं। इसलिए हवा जहरीली हो गई है और वायु गुणवत्ता सूचकांक के आंकड़े तो किसी का भी रोंगटे खड़ा कर देने वाले हैं और अब यमुना नदी का पानी भी जहरीला हो गया है। यमुना नदी में अमोनिया की मात्रा बढ़ने से सोनिया विहार और भागीरथी जल शोधन संयंत्र में पानी को साफ करने का कार्य प्रतिकूल रूप से प्रभावित रही जिसके कारण दिल्लीवासियों को जलापूर्ति में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। लॉकडाउन के दौरान दिल्ली की हवा और पानी दोनों शुद्ध थे और 4 महीने पहले हरियाणा की फैक्ट्री खुलने पर भी यमुना नदी का पानी साफ था लेकिन जैसे ही दिल्ली में जीवन सामान्य की ओर बढ़ा, यमुना नदी का पानी प्रदूषित हो गया। दिल्ली वासियों की आम समस्याएं जस की तस बनी हुई है जो दिल्ली सरकार की अक्षमता को उजागर करती है।
उन्होंने कहा कि वायु-प्रदूषण और जल प्रदूषण का असर सबसे ज्यादा लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ता है और उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है जो कोरोना महामारी को पनपाने का बड़ा कारण बन सकती है इसलिए दिल्ली सरकार को गंभीर होकर कार्य करने की जरूरत है। मुख्यमंत्री केजरीवाल दिल्लीवासियों के हितों में किए गए वादों को सिर्फ प्रचार में प्रदर्शित न करें बल्कि उसे जमीन पर भी उतारें ताकि दिल्लीवासियों की तकलीफ कम हो और उन्हें प्रदूषण से होने वाली समस्याओं का सामना न करना पड़े।
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