आम बजट: गांव, गरीब और किसानों की उन्नति होगी मोदी सरकार की प्राथमिकता

नई दिल्ली:  कोरोना महामारी के संकट काल में जब विनिर्माण एवं सेवा क्षेत्र के विकास पर ब्रेक लग गया था तब भारत में कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र की गाड़ी रफ्तार भर रही थी। देश ने किसान और कृषि क्षेत्र की ताकत देखी। सरकार ने भी खेती-किसानी से जुड़ी देश की एक बड़ी आबादी की सुध ली और कृषि क्षेत्र में सुधार की बयार तेज करने के मकसद से नये कानून बनाए। कृषि सुधार पर तकरार और कोरोना की मार से उबरने की उम्मीदों के बीच सोमवार को संसद में आम बजट 2021-22 पेश होने जा रहा है।

ऐसे में उम्मीद की जाती है कि गांव, गरीब और किसान की उन्नति को प्राथमिकता देने का दावा करने वाली मोदी सरकार आगामी बजट में भी कृषि और ग्रामीण विकास को तरजीह देगी। आर्थिक समीक्षा 2020-21 के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में जहां उद्योग और सेवा क्षेत्रों में जहां क्रमश: 9.6 फीसदी और 8.8 फीसदी की गिरावट का अनुमान है वहां कृषि व संबद्ध क्षेत्र की संवृद्धि दर 3.4 फीसदी पर बरकरार रह सकती है। कृषि व संबद्ध क्षेत्र में वित्त वर्ष 2020-21 (पहला अग्रिम अनुमान) के दौरान स्थिर मूल्यों पर 3.4 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की गई है।

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