कानपुर में लेदर पार्क की स्थापना से पचास हजार लोगों को मिलेगी नौकरी
Date posted: 28 January 2021
लखनऊ: अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम डा. नवनीत सहगल ने कहा कि कानपुर में 260 एकड़ क्षेत्र में बनने वाले मेगा लेदर क्लस्टर प्रोजेक्ट के तहत मेगा लेदर पार्क की स्थापना से पचास हजार लोगों को नौकरी मिलेगी और 5850 करोड़ रुपये का निवेश आएगा। उन्होंने कहा कि लेदर पार्क में 20 मिलियन लीटर प्रति दिन (एमएलडी) की क्षमता का कामन एफ्ल्युऐंट ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जायेगा, ताकि गंगा नदी में प्रदूषण न हो।
डा0 सहगल आज निर्यात भवन में लेदर पार्क की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि लेदर पार्क की डिलेल्ट प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) भारत सरकार के उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) को भेज दी गई है। स्वीकृति प्राप्त होते ही मेगा लेदर क्लस्टर डेवलपमेंट यूपी लिमिटेड कंपनी वहां विकास का कार्य शुरू कर देगी। इससे पहले भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय से इस प्रोजेट के लिए सहमति प्राप्त की जा चुकी है।
डा. सहगल ने कहा कि कानपुर के रमईपुर गांव में मेगा लेदर क्लस्टर की स्थापना के लिए भूमि अधिग्रहित की गई। यह देश का पहला लेदर पार्क होगा। इसकी स्थापना से कानपुर देश के दस बड़े लेदर मैन्युफैक्चरिंग राज्यों में अपने स्थान को और बेहतर करने में सफल होगा। कानपुर में मेगा लेदर क्लस्टर प्रोजेक्ट के तहत बनने वाले लेदर पार्क में 50,000 लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा, जबकि डेढ़ लाख लोग अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार पाएंगे। डेढ़ सौ से अधिक टेनरी इकाइयां इस पार्क में कार्य करेंगी। चमड़े से बने जूते, पर्स, जैकेट से लेकर अन्य विश्वस्तरीय उत्पाद इस पार्क में बनाकर उनका निर्यात किया जा सकेगा।
डा. सहगल ने कहा कि मेगा लेदर क्लस्टर प्रोजेक्ट के लिए करीब 36 करोड़ रूपये से 235 एकड़ भूमि कानपुर के रमईनगर गांव में अधिग्रहीत की गई है। लेदर पार्क सभी तरह की सुविधाओं से लैस होगा। इसमें लेदर प्रोडक्ट के उत्पादन से लेकर उत्पादो के प्रदर्शन की भी व्यवस्था होगी। यहीं नहीं लेदर पार्क में उत्पादों को खरीदने के लिए आने वाले दुनियाभर के निवेशकों के रुकने और खाने-पीने की व्यवस्था भी होगी। पार्क में कैंटीन से लेकर रेस्टहाउस जैसी सुविधायें विकसित की जायेंगी।
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