जातिवाद की राजनीति करके प्रदेश का माहौल खराब करने में लगे कुछ हिंदूवादी संगठन: अरुण श्रीवास्तव
Date posted: 14 August 2021
गोरखपुर: पूरे देश में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर को गंगा जमुना तहजीब का प्रतीक माना जाता है यहां रहने वाले अलग-अलग धर्म के लोग एक साथ मिलजुल कर रहते हैं और इस शहर में कहीं मुस्लिम बड़े मंगल का भंडारा करता है तो वही हिन्दू रोजा इफ्तार करता है।लेकिन कुछ तथाकथित हिंदू वादी संगठन जातिवाद के नाम पर राजनीति करके इस शहर की एकता को खत्म करने में लगे हुये है।
पीस पार्टी के कार्यालय पर पत्रकारों को सम्बोधित करते हुये पीस पार्टी के प्रदेश महासचिव अरुण कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि गोरखपुर देश का एक ऐसा शहर है जहा के लोग एक दूसरे के त्योहारो को पूरे हर्षोल्लास के साथ मानते है।लेकिन कुछ तथाकथित हिंदू वादी संगठन जातिवाद के नाम पर राजनीति करके इस शहर की एकता को खत्म करने में लगे हुये है।ऐसा ही एक उदाहरण उत्तर प्रदेश के कानपुर का है जहा पुलिस की मौजूदगी में एक गरीब रिक्शा वाले व उसकी लगभग छः साल की बेटी को कुछ कथित हिंदूवादी संगठन के लोगों द्वारा पीटा गया और उन्हें जय श्रीराम के नारे लगाने के लिए बाध्य किया।जिसको देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि भारत में भी तालिबान की कोइ नई शाखा खुल गयी है।और तो और ऐसे उन्मादियों को ना पकड़ कर पुलिस अपनी जिम्मेवारी से बचती नजर आती है।इस प्रकरण में जनता के गुस्से को देखकर पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया।लेकिन हद तो तब हो जाती है जब उन उन्मादियों को छुड़ाने के लिए तथाकथित हिंदूवादी दलों द्वारा थाने का घेराव किया जाता है।
थाने का घेराव करने वाले इन लोगों के खिलाफ कारवाई ना करके पुलिस ने अपनी कार्य शैली पर प्रशन चिन्ह लगा दिया है।आगे बताया कि सरकार पूरे देश में इस तरह से उन्माद फैलाकर अगले चुनाव में हिन्दू मुस्लिम ध्रुवीकरण करके ओछी राजनीति करने का प्रयास कर रही है।जिसे पीस पार्टी के कार्यकर्ता कभी सफल नहीं होने देंगे क्योंकि हमारी पार्टी के नाम से ही शाँति का संदेश जाता है।देश की जनता यह जानती है कि भगवान श्री राम का नाम अत्याचार और अन्याय की समाप्ति के लिए लिया जाता है लेकिन इन कथित हिंदू वादियों ने आतताई बन कर भारत की शांतिप्रिय जनता को परेशान करना शुरू कर दिया है। देश में अमन चैन कायम करने और ऐसे अत्याचारों से निजात पाने के लिए सब को एक साथ मिलकर इन्हीं की भाषा में इनको जवाब देना होगा। वरना सरकार इन्हें छद्म रूप से बढ़ावा देती रहेगी और ये लोग ऐसे ही जय श्रीराम के नारे को एक युद्धघोष बनाकर राजनीति करते रहेगें।जिसकी वजह से आने वाली पीढ़ियां हमें कभी माफ नहीं करेंगी।
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