पिछड़े वर्ग के विकास के लिए योजनाएंं ऑनलाइन संचालित
Date posted: 19 October 2020
लखनऊ: प्रदेश सरकार द्वारा पिछड़े वर्गो के विकास के लिए शैक्षिक कार्यक्रमों के अन्तर्गत पूर्वदशम् छात्रवृत्ति, दशमोत्तर छात्रवृत्ति एवं छात्रावास निर्माण के साथ दशमोत्तर कक्षाओं के लिए प्रवेश शुल्क प्रतिपूर्ति तथा बेरोजगार युवक/युवतियों के कम्प्यूटर प्रशिक्षण देने हेतु स्वैच्छिक संस्थाओं को भारत सरकार से अनुदान दिलाये जाने की योजनाएँ भी संचालित की जा रही हैं।
ये योजनाएं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के माध्यम से आनलाइन संचालित है। पूर्वदशम् छात्रवृत्ति योजना के तहत उत्तर प्रदेश में स्थित समस्त राजकीय विद्यालय, राजकीय सहायता प्राप्त एवं निजी क्षेत्र के मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं में अध्ययनरत् छात्र/छात्रायें जो उत्तर प्रदेश के मूल निवासी हों तथा उनके माता पिता अथवा अभिभावक की वार्षिक आय 2 लाख रुपये या उससे कम हो उन्हें इस योजना का लाभ दिया जा रहा है। इस योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु छात्र को छात्रवृत्ति प्रबन्धन प्रणाली की वेबसाइट ेबीवसंतेीपचण्नचण्दपबण्पद पर निर्धारित समयान्तर्गत आनलाइन आवेदन करना होता है। ये योजना कक्षा 9-10 हेतु संचालित है। कक्षा 9 व 10 तक 150 रुपये प्रति माह, अधिकतम् 10 माह हेतु एवं वार्षिक तर्द्थ अनुदान रुपए 750/- एकमुश्त, अधिकतम् रुपये 2250/- वार्षिक पीएफएमएस पोर्टल के माध्यम से सीधे छात्रों के बैंक खातों में दिए जाने का प्राविधान है।
इसी तरह दशमोत्तर छात्रवृत्ति/शुल्क प्रतिपूर्ति योजना से समस्त राजकीय विद्यालय, राजकीय सहायता प्राप्त एवं मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं, जो उत्तर प्रदेश में स्थित हो, उत्तर प्रदेश के मूल निवासी ऐसे अध्ययनरत् छात्र/छात्रायें, जिनके माता पिता/अभिभावक की वार्षिक आय रुपये 2 लाख या उससे कम हो, उन्हें इस योजना का लाभ दिया जा रहा है। इस योजना का लाभ पाने हेतु छात्र को छात्रवृत्ति प्रबन्धन प्रणाली की वेबसाइट ेबीवसंतेीपचण्नचण्दपबण्पद पर निर्धारित समयान्तर्गत आनलाइन आवेदन किया जाना होता है। कोर्स ग्रुप समूह-1 में बी.टेक,एम.बी.ए.,एम.बी.बी.एस. कोर्स, समूह-2 में एम.एस.सी.,एम.ए.,बी.बी.ए.,पी.जी
शादी अनुदान योजना के अंतर्गत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने (शहरी क्षेत्र हेतु अधिकतम आय सीमा रुपये 56,460/- व ग्रामीण क्षेत्र हेतु अधिकतम आय सीमा रुपये 46,080/-) वाले अन्य पिछड़े वर्ग के परिवारों की पुत्रियों की शादी हेतु अनुदान दिये जाने का प्राविधान है। शादी योजना में रुपये 20,000/- प्रति शादी की सहायता दी जाती है। शादी योजना में लड़की की उम्र 18 वर्ष एवं लड़के की उम्र 21 वर्ष होना आवश्यक है। योजनान्तर्गत विकलांग, विधवा, दैवीय आपदा से ग्रसित एवं भूमिहीनों को प्राथमिकता दी जाती है। यह योजना पूर्णतया आनलाइन है, जिसमें लाभार्थी पुत्री की शादी की तिथि के 90 दिन पूर्व तक अथवा 90 दिन बाद तक आनलाइन आवेदन कर सकता है, जिसका सत्यापन व अग्रसारण खण्ड विकास अधिकारी (ग्रामीण क्षेत्र हेतु)/उपजिलाधिकारी (शहरी क्षेत्र हेतु) के द्वारा आनलाइन किया जाता है। लाभार्थी को अनुदान का भुगतान पीएफएमएस पोर्टल के माध्यम से सीधे बैंक खातों में दिए जाने का प्राविधान है। लाभार्थियों के चयन के लिए जनपद स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति गठित है जिसमें मुख्य विकास अधिकारी-उपाध्यक्ष, जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी-सदस्य/सचिव और जनपद के समस्त सांसदगण एवं विधायकगण अथवा उनके नामित प्रतिनिधि सदस्य के रूप में नामित हैं।
कम्प्यूटर प्रशिक्षण योजना के अंतर्गत अन्य पिछड़े वर्ग के इण्टरमीडिएट पास बेरोजगार युवक/युवतियों, जिनके माता-पिता/अभिभावकों की वार्षिक आय रुपये एक लाख तक अथवा उससे कम है, को भारत सरकार की नीलिट से मान्यता प्राप्त संस्थाओं के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान किये जाने का प्राविधान है। ‘ओ’ लेवल कम्प्यूटर प्रशिक्षण हेतु भुगतान की जाने वाली धनराशि अधिकतम् रुपये 15,000/- प्रति प्रशिक्षार्थी तथा सीसीसी कम्प्यूटर प्रशिक्षण हेतु रुपये 3500/- अधिकतम सीधे संस्था को भुगतान किये जाने की व्यवस्था है। यदि लाभार्थी द्वारा संस्था को पूरी फीस जमा कर दी गई हो तो जमा रसीद को संस्था से सत्यापित कराने के बाद भुगतान विभाग द्वारा सीधे लाभार्थी को किये जाने की व्यवस्था है। ‘ओ’ लेवल कम्प्यूटर प्रशिक्षण की अवधि 01 वर्ष तथा सीसीसी कम्प्यूटर प्रशिक्षण की अवधि 03 माह होती है। कम्प्यूटर प्रशिक्षण हेतु संस्थाओं के चयन की कार्यवाही निदेशक की अध्यक्षता में एवं लाभार्थियों के चयन के लिए जनपद स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति के माध्यम से की जाती है।
छात्रावास निर्माण योजना का उद्देश्य अन्य पिछड़े वर्ग के निर्धन छात्र/छात्राओं को आवासीय सुविधा उपलब्ध कराना है। छात्रावासों का निर्माण शैक्षिक संस्था के परिसर में किया जाता है। वर्तमान में छात्रावासों का निर्माण 100/50 छात्र/छात्राओं की क्षमता के कराये जाते हैं। वर्तमान में 100 छात्र क्षमता के 01 छात्रावास की निर्माण लागत रुपये 207.74 लाख एवं 50 छात्र क्षमता के छात्रावास की निर्माण लागत रुपये 131.73 लाख निर्धारित है। यह योजना केन्द्र/राज्य पोषित योजना है। राजकीय शिक्षण संस्थाओं में वित्त पोषण का अनुपात छात्राओं के लिए छात्रावास हेतु 90ः10 केन्द्रांश व राज्यांश है और छात्रों के लिए छात्रावास हेतु 60ः40 केन्द्रांश व राज्यांश है। योजनान्तर्गत 33 प्रतिशत छात्रावासों का निर्माण छात्राओं हेतु किये जाने का प्राविधान है।
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