स्वच्छ अमृत महोत्सव-2021 में यूपी के 18 शहर देश के प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित

लखनऊः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प के आशानुरूप मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्ग-दर्शन प्रदेश के शहरों में चलाये जा रहे स्वच्छता अभियान के परिणाम स्वरूप इस वर्ष पुनः स्वच्छता सर्वेक्षण मंे प्रदेश के अनेक नगरों कोे उत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु सम्मानित किया गया।
यह जानकारी ़नगर विकास, नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन मंत्री आशुतोष टंडन ने अपने सरकारी आवास पर आयोजित प्रेस वार्ता में दी। उन्होंने बताया कि आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार के तहत आयोजित स्वच्छ अमृत महोत्सव-2021 में राज्य के शहरों को देश के प्रतिष्ठित 18 पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। विगत दिवस में नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित स्वच्छ अमृत महोत्सव-2021 में महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने ‘‘नम्बर वन बेस्ट गंगा टाउन’’ का पुरस्कार वाराणसी शहर को प्रदान किया।

वाराणसी को यह पुरस्कार एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों की श्रेणी में मिला र्है। यह पुरस्कार प्रदेश के नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन ने महामहिम राष्ट्रपति से ग्रहण किया। स्वच्छ अमृत महोसव-2021 प्रदेश की राजधानी लखनऊ को ‘‘बेस्ट स्टेट कैपिटल इन सिटीजन फीड बैक’’ का पुरस्कार दिया गया। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के एक अन्य बड़े शहर मेरठ को ‘‘फास्टेस्ट मूवर बिग सिटी’’ के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। मेरठ को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार 10 लाख से 40 लाख तक की आबादी वाले शहरों की श्रेणी के तहत मिला है। गाजियाबाद को ‘‘बेस्ट बिग सिटी इनोवेशन एण्ड बेस्ट प्रेक्टिसेस’’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। नोएडा को 3 लाख से 10 लाख तक के आबादी के शहरों की श्रेणी में ‘‘इण्डियाज क्लीनेस्ट मीडियम सिटी’’ का पुरस्कार मिला।

श्री टंडन ने बताया कि इस महोत्सव में एक लाख से कम आबादी वाले शहरों की श्रेणी में कन्नौज को ‘‘नम्बर वन बेस्ट गंगा टाउन’’ का पुरस्कार मिला। हापुड़ शहर को 1 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों की रेणी में ‘‘बेस्ट सिटी इन मैक्सीमम सिटीजन्स पार्टीसिपेशन’’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पटियाली को 1 लाख से कम आबादी वाले शहरों की श्रेणी में ‘‘बेस्ट सिटी इन मैक्सीमम सिटीजन्स पार्टीसिपेशन’’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। हसनपुर शहर को 50 हजार से 1 लाख की श्रेणी में ‘‘फास्टेस्ट मूवर सिटी’’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। आवागढ़ शहर को 25 हजार आबादी वाले शहरों की श्रेणी में एवं गजरौला को 50 हजार से 1 लाख की श्रेणी में ‘‘बेस्ट सिटी इन सिटीजन फीडबैक’’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। मेरठ कैन्ट को 1 लाख की आबादी वाले शहर की श्रेणी में ‘‘इण्डियाज क्लीनेस्ट कैन्टोनमेन्ट’’ के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। साथ ही वाराणसी कैन्ट को लाख से अधिक आबादी वाले शहर की श्रेणी में ‘‘बेस्ट कैन्टोनमेन्ट इन सिटीजन फीडबैक’’ के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

गार्वेज फ्री सिटी शहरों की श्रेणी में प्रदेश के 5 शहरों को स्टार रेटिंग का पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इसमे 10 लाख की आबादी से अधिक शहरों की श्रेणी में लखनऊ एवं गाजियाबाद को, 1 लाख से 10 लाख की आबादी वाले शहरों की श्रेणी में नोएडा, अलीगढ़ एवं झाँसी को स्टार रेटिंग का पुरस्कार मिला।

विगत वर्षों में नगर विकास विभाग में स्वच्छता अभियान को जन आन्दोलन के रूप में क्रियान्वित करने हेतु दृढ़ सकल्पित हो कार्य किया गया है और उसी का परिणाम रहा है कि जहां वर्ष 2018 में हुए स्वच्छ सर्वेक्षण में राज्य की रैकिंग देश में 18वें स्थान पर थी, वहीं इसमें उत्तरोत्तर प्रगति करते हुए इस वर्ष की रैकिंग में राज्य छठे स्थान पर रहा।

इस वर्ष के सर्वेक्षण में आरम्भ की गयी नई कैटगरी ‘‘प्रेरक दौर सम्मान’’ में भी राज्य के उन्नीस शहरों को इस प्रकार सम्मानित किया गया जिसमें गोल्ड (अनुपम) श्रेणी के अन्तर्गत सहारनपुर, प्रयागराज, मेरठ, वाराणसी और नोएडा को अवार्ड दिया गया है। सिल्वर (उज्जवल) श्रेणी के अन्तर्गत गाजियाबाद, न0पा0परि0-ललितपुर, लखीमपुर, देवरिया एवं न0पं0-भरगैन, मझौलीराज, फरीहा एवं अकबरपुर को अवार्ड दिया गया है। ब्रोन्ज (उदित) श्रेणी के अन्तर्गत न0नि0-अलीगढ़ एवं मथुरा-वृन्दावन तथा न0पा0परि0-मोदीनगर को अवार्ड दिया गया है। कॉपर (आरोही) श्रेणी के अन्तर्गत न0नि0-फिरोजाबाद तथा न0पा0परि0-मुबारकपुर एवं नूरपुर को अवार्ड दिया गया है।

नगर विकास मंत्री आशुतोष टण्डन जी व अपर मुख्य सचिव, डॉ रजनीश दुबे ने इन शहरों को मिले पुरस्कारों के लिए संबंधित नगर नगरीय निकायों के नागरिकों की व्यापक भागीदारी के लिये एवं मेयरगण, अध्यक्षगण एवं अधिकारियों को उत्साहपूर्वक कार्य करते हुये उपलब्धी हासिल करने के लिये बधाई दी है। आशुतोष टण्डन ने प्रदेश में स्वच्छता को आंदोलन के रूप में परिवर्तित करने के लिये संतोष प्रकट करते हुये कहा कि आगामी सर्वेक्षण में और अधिक उपलब्धियॉ प्राप्त करने के लिये प्रयास किया जायेगा।

उन्होंने बताया कि स्वच्छता के लिये एक्शन प्लान और कार्ययोजना बनाकर सतत रूप से कार्य किया जा रहा है, जिसमें ठोस अपशिष्ट प्रसंस्करण हेतु नवीन प्लांटों की स्थापना, मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी हेतु मशीनरी व उपकरण की आपूर्ति, प्लास्टिक वेस्ट टू फ्यूल प्लांट की स्थापना, सी0 एण्ड0 डी0 प्लान्ट की स्थापना, सैनेटरी वेस्ट के डिस्पोजल हेतु इन्सिनरेशन यूनिट की स्थापना, मैकेनाइज स्वीपिंग का कार्य तथा फिकल स्लज एवं सैप्टज मैनेजमेन्ट हेतु वेहिकल माउण्टेड ऑन साइट डि-वॉटरिंग मशीनरी की आपूर्ति इत्यादि किया जाना प्रस्तावित है। ऐसी 37 निकाय जहां न्यूनतम 40 टन प्रतिदिन कूड़ा जनित होता है, नवीन प्लांटों के विषयक कार्यवाही प्रगति पर है। प्रदेश की विभिन्न निकायों में लगभग 20 लाख टन (आगरा- 8 लाख टन, कानपुर- 7.50 लाख टन, मेरठ- 3 लाख टन) लीगेसी वेस्ट का निस्तारण सुनिश्चित कराया गया है तथा लगभग 44 लाख टन लीगेसी वेस्ट के निस्तारण की कार्यवाही प्रगति पर है। राज्य स्तर से उत्तर प्रदेश ठोस अपशिष्ट (प्रबन्धन, संचालन एवं स्वच्छता) नियमावली 2021 निर्गत की गयी है, देश में पहली बार किसी राज्य द्वारा इस प्रकार की स्वच्छता नियमावली अधिसूचित की गयी है।

नगर विकास विभाग को ग्रीन चैम्पियन पुरस्कार के सम्बंध में नगर विकास मंत्री टंडन ने जानकारी देते हुए बताया कि हाल ही में नगर विकास विभाग, उत्तर प्रदेश को ग्रीन चैम्पियन पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। ग्रीन चैम्पियन पुरस्कार इण्डिया ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल द्वारा भारत में ग्रीन बिल्डिंग मूवमेंट के लीडर को दिये जाने वाला सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार है और इण्डिया ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (आईजीबीसी) द्वारा इस वर्ष उक्त से संबंधित समारोह की श्रंखला में नगर विकास विभाग उ0प्र0 सरकार को ग्रीन चैम्पियन पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

ग्रीन बिल्डिंग फुटप्रिंट के मामले में उत्तर प्रदेश देश के शीर्ष राज्यों में से एक है। राज्य में ग्रीन बिल्डिंग ईमारतों को प्रोत्साहित किया गया है और ग्रीन बिल्डिंग्स के प्रोत्साहन हेतु एफएआर के साथ-साथ टिकाऊ डिजाइन और पद्धति को बढ़ावा दिये जाने का कार्य किया जा रहा है। लखनऊ, नोएडा, कानपुर और आगरा की मेट्रो परियोजनाओं को ग्रीन रेटिंग के अनुसार विकसित किया जा रहा है। पब्लिक ट्रान्सपोर्ट को पर्यावरणीय दृष्टिकोण से संचालित करने के उद्देश्य से 700 ई-बसों का संचालन का निर्णय लिया गया है, जिनमें से 75 ई-बसों को हाल ही में प्रधानमंत्री के कर-कमलों द्वारा आजादी के 75वें वर्ष में आयोजित अमृत महोत्सव कार्यक्रम में फ्लैगऑफ भी किया गया है।

नगर विकास विभाग द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में अनेक इनोवेशन और जन सुविधाओं को सरल रूप से नागरिकों को उपलब्ध कराये जाने हेतु कार्य किया जा रहा है, जिसमें ई-नगर सेवा के माध्यम से न केवल निर्गत होने वाले प्रमाण-पत्रों, प्रापर्टी टैक्स के ऑनलाइन जमा कराये जाने, जीआईएस मैपिंग पर प्रापर्टी का सर्वेकार्य किये जाने के साथ-साथ जीआईएस बेस्ड मास्टर प्लान पर कार्य किया जा रहा है। ग्रीन कवर विकसित किये जाने हेतु पार्कों के निर्माण एवं शहरों की वाटर बॉडीज को पुनर्जीवित करने का भी कार्य किया जा रहा है।

इस अवसर पर नगर विकास राज्यमंत्री महेश चन्द्र गुप्ता, लखनऊ नगर निगम की मेयर संयुक्ता भाटिया, अपर मुख्य सचिव सूचना डॉ. नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव नगर विकास डॉ. रजनीश दुबे, सचिव नगर विकास अनुराग यादव, विशेष सचिव डॉ. इन्द्रमणि त्रिपाठी, डॉ. संजय कुमार यादव, स्थानीय निकाय निदेशक डॉ. शकुन्तला गौतम सहित अधिकारीगण उपस्थित थे।

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