यूपी बाढ़ नियंत्रण परिषद की स्थायी संचालन समिति की 55वीं बैठक संपन्न
Date posted: 8 December 2022
लखनऊ: प्रदेश के जलशक्ति मंत्री एवं उत्तर प्रदेश राज्य बाढ़ नियंत्रण परिषद की स्थायी संचालन समिति के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह की अध्यक्षता में आज बाढ़ परियोजनाओं की स्थायी संचालन समिति की 55वीं बैठक की गयी। बैठक में रामकेश निषाद राज्यमंत्री जलशक्ति विभाग एवं समिति के सदस्यगण/ प्रतिनिधिगण के समक्ष नवीन बाढ़ परियोजनाओं का क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा प्रस्तुतीकरण किया गया। साथ ही समिति द्वारा परियोजनाओं पर गहन विचार-विमर्श करते हुए बाढ़ परियोजनाओं के अनुमोदन की कार्यवाही सम्पन्न की गयी।
जलशक्ति मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रेरणा से सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अन्तर्गत नई बाढ़ परियोजनाओं को, प्रदेश में युद्धस्तर पर प्रारम्भ किया गया और बाढ़काल से पूर्व परियोजनाओ को पूर्ण पारदर्शिता एवं गुणवत्ता के साथ समयबद्ध रूप से पूर्ण किया गया। उन्होंने कहा कि इस कदम से परियोजनाओं के पूर्ण होने की संख्या में वर्ष-प्रतिवर्ष उत्तरोत्तर वृद्धि हुई है, जिससे जनता को समय से पूर्ण लाभ उपलब्ध हुआ।
श्री सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व में सिंचाई विभाग चहुॅमुखी प्रगति पर है। वर्तमान सरकार में बाढ़ काल की पूर्व तैयारियों के दृष्टिगत मुख्यमंत्री द्वारा अभूतपूर्व निर्णय लेते हुए प्रति वर्ष बाढ़ परियोजनाओं को समय से पूर्ण किये जाने हेतु समुचित धनराशि उपलब्ध कराये जाने की वचनबद्धता सुनिश्चित की गयी। इस निर्णय से विभाग में नई ऊर्जा का संचार हुआ ताकि बाढ़ परियोजनाओं को समय से पूर्ण किया जा सके। उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश में बाढ़ प्रभावित जनपदों एवं संवेदनशील क्षेत्रों की जनता लाभान्वित हुई तथा आबादी व कृषि योग्य भूमि सुरक्षित हुई।
जलशक्ति मंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जनमानस के प्रति मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा गहरी संवेदनशीलता प्रकट की गयी। मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व में विभाग के अधिकारियों द्वारा दिन-रात सजग रहकर बाढ़ कार्यो का सम्पादन कर संवेदनशील स्थलों को सुरक्षित किया गया। उन्होंने कहा कि बाढ़ के समय में विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों के द्वारा प्रभावित क्षेत्रों में ग्रामीणों/आम जन के बीच रहकर अपने दायित्वों का सफलतापूर्वक निवर्हन किया गया।
प्रमुख सचिव सिंचाई एवं जल संसाधन अनिल गर्ग ने बताया कि प्रदेश में वर्तमान वर्ष में 253 बाढ़ परियोजनायें पूर्ण हो चुकी है। प्रदेश में नदियों पर डेªजिंग एवं चैनलाइजेशन कार्य की परियोजनाएं संचालित हैं। विगत वर्षो की भॉति आगामी वर्ष 2023 में भी प्रदेश में बाढ़ कार्यों की परियोजनाओं के कार्यों को अभियान के रूप में कराये जाने हेतु सिंचाई विभाग प्रतिबद्ध हैं। क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा स्थलों के निरीक्षणोपरान्त प्रासंगिकता, लोकहित एवं तकनीकी साध्यता को दृष्टिगत रखते हुए बाढ़ परियोजनाओं का गठन किया गया है। उन्हांेने बताया कि प्रदेश राज्य बाढ़ नियंत्रण परिषद की स्थायी संचालन समिति के समक्ष कुल 301 बाढ़ परियोजनाओं का प्रस्तुतीकरण किया गया। इसमें बाढ़ परियोजनाओं में कटाव निरोधक परियोजनाएं, तटबन्ध की परियोजनाएं, नालों पर पुल निर्माण की परियोजनाएं, तटबन्धों के टॉप को पक्का करने की परियोजनाएं सम्मिलित है। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं के गठन में नवीन तकनीकी विधियों का समावेश किया गया है। बाढ़ परियोजनाओं के क्रियान्वयन धरातल पर पूर्ण पारदर्शिता एवं गुणवत्तापूर्ण ढंग से सुनिश्चित किया जाना है। बाढ़ कार्याे के पारदर्शी व गुणवत्तापूर्ण क्रियान्वयन हेतु और बाढ़ से होने वाली सम्भावित क्षति को न्यून से न्यूनतम् करने हेतु सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग तत्पर एवं दृढ़ संकल्प है। उन्होंने प्रत्येक कार्यो में क्षेत्रीय अधिकारियों को गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित किये जाने के निर्देश भी दिये।
बैठक में जलशक्ति राज्यमंत्री रामकेश निषाद, विशेष सचिव सिंचाई एवं जल संसाधन अनीता वर्मा, मुश्ताक अहमद, प्रमुख अभियन्ता एवं विभागाध्यक्ष, एन0सी0 उपाध्याय, प्रमुख अभियन्ता (परि0 एवं नियो0), अनिल कुमार, प्रमुख अभियन्ता (परियोजना), प्रमुख अभियन्ता यांत्रिक देवेन्द्र अग्रवाल व अन्य संबंधित अधिकारी आदि उपस्थित रहे।
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