भागीरथी सांस्कृतिक मंच में 719वीं काव्य गोष्ठी का आयोजन

नोएडा: भागीरथी सांस्कृतिक मंच में 719वीं काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया।कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि  चंद्रगुप्त प्रसाद वर्मा अकिँचन तथा संचालन वरिष्ठ कवि सत्य नारायण पथिक ने किया। कार्यक्रम का शुभारंभ वरिष्ठ कवि प्रेमनाथ मिश्रकी वाणी वंदना से हुआ। तत्पश्चात युवा कवि कुंदन वर्मा’पूरब’ ने बचपन की नादानियों की बात यूं की – यूं तो पैसा, शोहरत का जीवन में होना बहुत जरूरी है यारों, बचपन की नादानियां भी बढ़ते जीवन में होना बहुत जरूरी है यारों।

अरुण कुमार श्रीवास्तव वरिष्ठ शायर ने अपनी रचना “अब के मौसम का यह अंदाज दीगर देखा है, हमने बरसात में जलता हुआ घर देखा है” पढ़कर लोगों की वाहवाही लूटी। वरिष्ठ शायर डॉ.बहार गोरखपुरी ने दिल की बातों को इस तरह साझा किया |
दिल पत्थर का अपना बनाऊं ऐसा कैसे हो सकता है। तुम रुठो और  मैं न मनाऊं ऐसा कैसे  हो सकता है । अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ कवि चंद्रगुप्त प्रसाद वर्मा अकिंचनजी जी ने प्रकृति का वर्णन यूं किया | पूनमी रात में चान निकसल रहल, जोत सगरो जहां में फइलल रहल।  विधु क मुखड़ा गिरल,विभा खो गइल ओके गरहन लगल रामा का हो गइल।।
अन्य जिन कवियों ने काव्य पाठ किया उनके नाम हैं- सर्वश्री अरुण ब्रम्हचारी, वागीश्वरी प्रसाद मिश्र वागीश, राजीव रंजन मिश्र,अभय कुमार श्रीवास्तव ज्योति , निरंकार शुक्ल साकार, प्रेमनाथ मिश्र, प्रदीप मिश्र,सत्य नारायण ‘पथिक’ व श्रीमती तारा सिंह, प्रेमलता रसविंदु, आदि।
इस अवसर पर श्रोताओं में संजीव सिन्हा, युसुफ जमाल, अफ्फान नबाब व सिनेमा स्कूल के रंगकर्मी उपस्थित रहे। सभी के प्रति  संस्था कोषाध्यक्ष संजीव कुमार सिन्हा आभार व्यक्त किया।

Facebook Comments