90 करोड़ लोगों को मिल रहा है डीबीटी से लाभ, भ्रष्टाचारियों की टूटी कमर: राजीव रंजन
Date posted: 24 August 2021
पटना: डीबीटी यानी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर को भ्रष्टाचार के खिलाफ आज तक का सबसे कारगर हथियार बताते हुए भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष सह पूर्व विधायक राजीव रंजन ने आज कहा कि आजादी के बाद कांग्रेस की सरपरस्ती में सरकारी योजना में घुसा बिचौलिया तंत्र दशकों तक आमलोगों के लिए मुसीबत का सबब बना रहा. दशकों तक सरकारी मदद, सब्सिडी, पेंशन आदि के पैसों का काफी हिस्सा फर्जीवाड़े का शिकार हो जाता था, वहीं योजनाओं का लाभ देने में घूसखोरी आम थी.
श्री रंजन ने कहा कि कभी पूर्व प्रधानमन्त्री राजीव गाँधी ने सरकार द्वारा भेजे 1 रु में से 20 पैसे ही जनता के पास पंहुचने की बात को खुद स्वीकार किया था, लेकिन अपने इतने बड़े नेता की इस स्वीकृति के बाद भी कांग्रेस इन बिचौलियों को पोसती और पालती रही. लेकिन मोदी सरकार ने आते ही डीबीटी के जरिए मात्र 7 वर्षों में ही स्थिति को पूरी तरह पलट कर रख दिया. आज डीबीटी के माध्यम से सरकार द्वारा भेजा गया एक-एक पैसा वास्तविक लाभार्थियों के बैंक खातों में पहुंच रहा है, जिससे न सिर्फ कांग्रेस पोषित बिचौलियों की कमर टूट गयी है बल्कि सरकार के लाखों करोड़ रुपए भी इनके हाथों में जाने से बच रहे हैं.
आंकड़े देते हुए उन्होंने कहा कि आज 54 मंत्रालयों की 314 योजनाओं का लाभ डीबीटी के माध्यम से दिया जा रहा है, जिसका फायदा करीब 90 करोड़ लोगों को मिल रहा है. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत 1.35 लाख करोड़ रुपये सीधे किसानों के बैंक खातों में पहुंचाए गए वहीं एमएसपी पर खरीदे गए गेहूं का लगभग 85 हजार करोड़ रुपये सीधा किसानों के बैंक खातों में भेजा गया है. इसके अतिरिक्त रसोई गैस सब्सिडी, राशन के पैसे और अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का पैसा डीबीटी के जरिये सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में पहुंचाकर मोदी सरकार अब तक 1.78 लाख करोड़ रुपये बचा चुकी है. भ्रष्टाचार के खिलाफ़ मील का पत्थर साबित हो रही इस योजना का सबसे अधिक फायदा देश के गरीब, पिछड़े और वंचित समुदायों को मिल रहा है.
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