वास्तव में दिल्ली सरकार समाधान नहीं व्यवधान उत्पन्न करना चाहती है: गुप्ता
Date posted: 11 September 2020

नई दिल्ली: लोगों की सुरक्षा की दृष्टि से उच्चतम न्यायालय ने रेलवे ट्रैक के आसपास से 48,000 झुग्गियों को हटाने का निर्देश दिया है, जिसके बाद से झुग्गी वासियों के आवास की व्यवस्था को लेकर दिल्ली सरकार और उनके मंत्री ओछी राजनीति पर उतर आए हैं। इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री स्वयं दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड के अध्यक्ष है जिनकी यह जिम्मेदारी है कि समय रहते रेलवे के किनारे रहने वाले झुग्गी वासियों के आवास की व्यवस्था करें।
लेकिन अभी तक दिल्ली सरकार की ओर से उन झुग्गी वासियों के वैकल्पिक आवास की व्यवस्था के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए हैं। वास्तव में दिल्ली सरकार समाधान नहीं व्यवधान उत्पन्न करना चाहती है।
श्री गुप्ता ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री वास्तव में झुग्गी वासियों के हितैषी बनने का सिर्फ दिखावा करते हैं क्योंकि उनके हितों से दिल्ली सरकार का कोई संबंध नहीं है और यही कारण है कि दिल्ली सरकार ने पहले प्रधानमंत्री आवास योजना को रोकने का काम किया। फिर जब डीडीए ने “जहां झुग्गी, वहां मकान“ के तहत सर्वे कराने के लिए पैसे दिए तो दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड ने 2 साल तक योजना को लटकाए रखा। रेलवे ने भी झुग्गियों के पुनर्वास के लिये 11.25 करोड़ दिए थे लेकिन इस ओर कोई काम नहीं किया गया।
कांग्रेस की सरकार ने 15 सालों तक मकान के नाम पर झुग्गी वासियों को गुमराह करते रहे। आम आदमी पार्टी की भी सरकार कांग्रेस की राह पर चलते हुए पिछले 6 वर्षों से झुग्गी वासियों को मकान देने के नाम पर बरगला रही है। इतना ही नहीं दिल्ली में झुग्गी-बस्ती में रहने वाले लोगों को धोखा देने के लिए दिल्ली सरकार ने मुख्यमंत्री आवास योजना की घोषणा की जो सिर्फ कागजों तक सीमित रही। यह बहुत ही खेद का विषय है कि दिल्ली सरकार राजनीतिक स्वार्थ के लिए झुग्गी वासियों को मकान देने के नाम पर उनकी भावनाओं के साथ खिलवाड़ करती आई है।
श्री गुप्ता ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले पर भी आम आदमी पार्टी सरकार ने नकारात्मक प्रतिक्रिया देकर एक बार फिर से यह साबित किया है कि झुग्गी वासियों की परेशानियों से दिल्ली सरकार का कोई वास्ता नहीं है क्योंकि झुग्गी वासिसों को उन्होंने सिर्फ वोट बैंक समझा, मानवता के आधार पर उन्हें कभी इंसान समझा और न ही दिल्ली का हिस्सा समझा। दिल्ली सरकार झुग्गी वासियों को अपना परिवार बताने का जो ढोंग कर रही है उससे दिल्ली के लोग अब वाकिफ हैं।
उन्होंने कहा कि दिल्ली भाजपा कई दिनों से लगातार दिल्ली सरकार से अपील कर रही है कि खाली पड़े मकानों में रेलवे के किनारे रहने वाले झुग्गी वासियों के रहने की व्यवस्था की जाए लेकिन दिल्ली सरकार की ओर से कोई भी सकारात्मक जवाब नहीं आया है इसके विपरीत उन्होंने इस पर राजनीति शुरू कर दी है। लेकिन हम झुग्गी वासियों के साथ खड़े हैं और दिल्ली सरकार को हम चुनौती देते हैं कि अगर उन्होंने अगले 90 दिनों के अंदर राजीव रत्न आवास योजना के तहत खाली पड़े 52,000 मकानों में झुग्गी वासियों के रहने की व्यवस्था नहीं की हम स्वयं ही झुग्गी वासियों को उन खाली पड़े मकानों में रहने का प्रबंध करेंगे।
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