आदेश गुप्ता और नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने बताए कृषि कानून के फायदे

नई दिल्ली:  दिल्ली के किसानों को कृषि कानून और उससे होने वाले लाभ की बेहतर जानकारी देने के लिए दिल्ली भाजपा किसान मोर्चा द्वारा कंझावला चौक और नरेला में आयोजित किसान महापंचायत को दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता, नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी और प्रदेश किसान मोर्चा अध्यक्ष विनोद सहरावत ने संबोधित किया और कहा कि मोदी सरकार द्वारा लाया गया कृषि कानून किसानों की उत्पाद को बढ़ाने और आय दुगुनी करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने नरेला में आयोजित किसान महापंचायत में हिस्सा लिया।

कंझावला चौक में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश मीडिया प्रमुख नवीन कुमार, बाहरी दिल्ली जिलाध्यक्ष बजरंग शुक्ला, कार्यक्रम संयोजक पूर्व विधायक मनोज शौकीन रहे, वहीं नरेला में उत्तर पश्चिम जिलाध्यक्ष देवेंद्र सोलंकी और कार्यक्रम संयोजक एवं जिला किसान मोर्चा अध्यक्ष संजय डबास रहे।
प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री बनने पर संसद की देहरी पर माथा टेकते हुए माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने कहा था कि यह सरकार देश के किसानों, गरीबों, मजदूरों और वंचितों की सरकार होगी जिनके विकास और उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का कार्य किया जाएगा। हमारे कृषि प्रधान देश में किसान हमारे अन्नदाता हैं, लेकिन कांग्रेस ने अपने 6 दशक के शासन में किसानों की समस्याओं के लिए कोई स्थाई समाधान नहीं निकाला। किसान आत्महत्या करने पर मजबूर थे लेकिन कांग्रेस मूक दर्शक बनी थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने किसानों के दर्द को समझा और उनके लिए ऐतिहासिक योजनाओं की शुरुआत की जिसका लाभ आज देश के करोड़ों किसान उठा रहे हैं। चाहे वह किसान क्रेडिट कार्ड योजना हो, फसल बीमा योजना, एफपीओ का निर्माण, किसान सम्मान निधि योजना इनमें शामिल हैं। उन्होंने कहा कि नए कृषि कानून आने से किसान सिर्फ मंडियों में अपने उत्पाद को बेचने के लिए बाध्य नहीं है बल्कि ज्यादा मुनाफे के लिए मंडी से बाहर भी अपने उत्पाद को बेच सकता है, अब बिचौलियों द्वारा किसानों का शोषण नहीं होगा। नए कृषि कानून का विरोध वह कर रहे हैं जिन्हें किसानों से ज्यादा बिचौलियों की चिंता है, बिचौलियों के माध्यम से वह अपनी जेब भरते हैं। कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग से न केवल किसानों को फायदा होता है बल्कि, खेती की दशा में भी सुधार होगा, किसानों को बेहतर भाव मिलेंगे, बाजार भाव में उतार-चढ़ाव के जोखिम से किसान मुक्त होंगे। मोदी सरकार किसानों से धान-गेहूं की खरीद पहले की ही तरह करती रहेगी और किसानों को एमएसपी का लाभ पहले की तरह देती रहेगी, मंडी व्यवस्था भी जारी रहेगी।
आदेश गुप्ता ने कहा कि आज मुख्यमंत्री केजरीवाल और उनके बड़बोले मंत्री किसानों के हितैषी होने का नाटक कर रहे हैं, जबकि दिल्ली में पिछले 6 वर्षों से आम आदमी पार्टी की सरकार ने किसानों को किसान का दर्जा नहीं दिया। दिल्ली के किसानों को सिंचाई की सुविधा नहीं है, किसानों की समस्याओं के समाधान के किए कोई विभाग भी नहीं है। किसानों को समर्पित मोदी सरकार दिल्ली के किसानों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ लड़ रही हैं और उनका हक दिला कर रहेगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली का किसानों ने खुले मन से कृषि कानून का स्वागत किया और इसके माध्यम से मिलने वाले लाभ एवं सकारात्मक परिवर्तन के लिए अत्यंत हर्षित हैं और कृषि कानून के लिए माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का आभार जताया है।
नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि किसानों के हित में लाए गए नए कृषि कानून से किसानों को उनकी फसल का सही दाम मिलेगा और टेक्नोलॉजी से जुड़कर उत्पाद को बढ़ाने में भी मदद मिलेगी और रोजगार के अवसर मिलेंगे। उन्होंने के कहा कि वर्षों के शासन में कांग्रेस ने सिर्फ किसानों को लूटने का काम किया है और जब मोदी सरकार किसानों के हित के लिए काम कर रही है तो उन्हें पीड़ा हो रही है। उन्होंने बताया कि दिल्ली के किसानों से कांग्रेस सरकार ने कौड़ियों के भाव जमीन को अधिग्रहित किया और बिचौलियों का फायदा करता रही। दिल्ली के किसानों की दुर्दशा का जिम्मेदार केजरीवाल सरकार को बताते हुए उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान केजरीवाल सरकार ने किसानों को मुफ्त बिजली-पानी, जमीन का लाल डोरा बढ़ाने, और खेती के लिए सभी सुविधाएं देने का वादा किया लेकिन सत्ता में आते ही बाकी वादों की तरह किसानों से किए वादे भी भूल गई केजरीवाल सरकार। अब बिजली कंपनियों के साथ मिलकर केजरीवाल सरकार किसानों को लूट रही है। यहां किसानों को न ही ट्यूबवेल लगाने की अनुमति है, न सिंचाई की कोई व्यवस्था, और न ही किसानों को कृषि उपकरण खरीदने पर कोई सब्सिडी दी जाती है। देश भर में किसानों को जमीन के अधिग्रहण पर मिलने वाला मुआवजा बढ़ाया गया है लेकिन पिछले 6 वर्षों से केजरीवाल सरकार ने मुआवजे में एक भी पैसे की बढ़ोतरी नहीं की।
रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि वादे के मुताबित केजरीवाल सरकार को दिल्ली में 20 नए कॉलेज बनाने थे जिसमें से 8 कॉलेज देहात में बनाने थे लेकिन एक भी नया कॉलेज नहीं बनाया, इसके विपरीत देहात के दो कॉलेज को बंद करने पर तुली है। उन्होंने कहा कि पहले मुख्यमंत्री केजरीवाल ने दिल्ली के किसानों को गेंहूं और धान की फसल पर न्यूनतम समर्थन मुल्य से अधिक देने का प्रचार कर झूठ बोला फिर पराली से खाद बनाने को लेकर प्रचार करवाया जबकि आज भी खेतों में पराली का अंबार लगा है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री स्व. डॉ साहिब सिंह वर्मा जी को याद करते हुए उन्होंने कहा कि स्व. डॉ साहिब सिंह वर्मा जी ने देहात के किए जो विकास कार्य किए वो न तो स्व. शीला दीक्षित की सरकार कर पाई न केजरीवाल सरकार कर रही है। उन्होंने किसानों को विपक्ष के भ्रामक प्रचार में ना आने की अपील करते हुए कहा कि न तो न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था खत्म होगी, न ही मंडियां समाप्त होंगी बल्कि नए कृषि कानून से किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
प्रदेश किसान मोर्चा अध्यक्ष विनोद सहरावत ने कहा कि केजरीवाल सरकार से किसानों का फायदा देखा नहीं जा रहा है इसलिए वह किसानों को भड़काने में लगी है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार के पास को नीति नहीं है इसलिए वह अपनी राजनीति जमीन ढुंढने के लिए किसानों के नाम पर ही राजनीति कर रही है। भाजपा ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जिसने किसानों से किए गए वादों को पूरा किया है और उनके विकास के लिए निरंतय कार्य कर रही है।
कंझावला चौक में आयोजित किसान महापंचायत में जिला महामंत्री दलवीर सिंह, मेवाराम राठौड़, कैलाश आर्या, गजेंद्र दराल, प्रधान धारा सिंह, मास्टर हरिचंद्र, जय किशन भारद्वाज, ऋषि पाल, नवरत्न सिंह, रामकिशन माथुर सहित कई गांवों के प्रधान, किसान नेता और सैंकड़ों की संख्या में किसान उपस्थित थे। नरेला में आयोजित किसान महापंचायत में पूर्व विधायक नीलदमन खत्री, जिला महामंत्री सुनील मित्तलरविंद्र शर्मा, विनोद भारद्वाज, जिला प्रभारी अशोक ठाकुर, जिला सह-प्रभारी संजीव शर्मा, महेश तोमर, भास्कर जय भगवान, रविंद्र इंद्राज, पूर्व विधायक वेद प्रकाश, निगम पार्षद व जोन चेयरमैन सुनील चौहानआनंद आर्या, हवा सिंह ठाकरान, राजेंद्र सिंह खत्री, महेंद्र खत्री, रघुवीर सिंह प्रधान, महेंद्र सिंह गुलिया सहित कई गांवों के प्रधान, किसान नेता और सैंकड़ों की संख्या में किसान उपस्थित थे।

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