शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए योग एवं हर्बल को अपनायें: पाण्डेय

लखनऊ:  भारतीय जनता पार्टी द्वारा प. दीनदयाल उपाध्याय के जीवन व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को लेकर आयोजित किये जा रहे वर्चुअल वेबिनार में आज केन्द्रीय मंत्री डॉक्टर महेन्द्रनाथ पाण्डेय, डा संजीव वालियान, प्रदेश सरकार कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने विभिन्न श्रेणी वर्ग के नागरिकों से संवाद किया।
केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री डॉक्टर महेन्द्रनाथ पाण्डेय ने कहा कि देश के सभी नागरिकों को शारीरिक एवं मानसिक रूप से फिट रहने के लिए योग एवं हर्बल को अपनाना चाहिए। डॉ. पाण्डेय ने कहा कि आज योग का महत्व सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विश्व के अनेक देशों में निरंतर बढ़ता जा रहा है। योग के द्वारा हमें शारीरिक और मानसिक एकाग्रता को बढ़ाने में मदद मिलती है। उन्होंने कहा कि हम सभी को योग एवं हर्बल को अपनी दिनचर्या का अभिन्न अंग भी बनाना चाहिए ताकि हम सभी निरोग एवं तनावमुक्त जीवन जी सके। डा. पाण्डेय ने आज माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को लेकर भाजपा द्वारा जड़ी-बूटी उत्पाद एवं उद्यान बागवानी विषय पर प्रदेश स्तरीय वर्चुअल संवाद को सम्बोधित किया।

डा. पाण्डेय ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत को नई दिशा प्रदान करने हेतु कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय निरंतर प्रयासरत है। पिछले पांच वर्षों में युवाओं को कुशल एवं आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में केंद्र सरकार की ओर से कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। आज हर्बल प्रोडक्ट की मांग मार्केट में अचानक से बढ़ी है। आने वाले दिनों में भारत में हर्बल मार्केट का बड़ी तेजी से विस्तार होगा जो पूरे विश्व के लिए बड़ा सहायक साबित हो सकता है। इसको ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार भारत के अलग-अलग राज्यों में हर्बल खेती करने के लिए अनेक योजनाओं का विस्तार कर रही है। हाल ही में केंद्र सरकार ने हर्बल यानी जड़ी-बूटियों की खेती को प्रोत्साहन देने के लिए 4,000 करोड़ रुपये की योजना का ऐलान किया है। इससे न सिर्फ रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी बल्कि उद्योगों का भी विस्तार होगा।

केंद्रीय पशुपालन मंत्री संजीव बालियान ने पशुपालन एव दुग्ध डेरी से जुडे़ लोंगो के साथ वर्चुअल वेबिनार के माध्यम से संवाद करते हुए कहा कि कोरोना संकट के कारण बाहरी प्रदेशों से बहुत से लोग वापस अपने घर आए हैं और उन्हें रोजगार उपलब्ध करवाना सरकार की प्राथमिकता है। ऐसे में पशुपालन स्वरोजगार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। हाल ही में आत्मनिर्भर भारत अभियान प्रोत्साहन पैकेज के अनुकूल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने पशुपालन बुनियादी ढांचा विकास फंड (एएचआईडीएफ) की स्थापना के लिए अपनी मंजूरी देकर इस दिशा में सार्थक प्रयास किया है।

वहीं डेयरी सेक्टर के लिए पशुपालन आधारभूत संरचना विकास निधि के तहत 15,000 करोड़ रुपए का प्राविधान किया गया है। जिससे डेयरी क्षेत्र में प्रोसेसिंग मे प्राइवेट इन्वेस्टर्स को बढ़ावा मिलेगा तथा डेयरी प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन और मवेशियों के चारे के लिए बुनियादी ढांचे में निजी निवेशकों को भी जगह मिल सकेगी। ताकि इस क्षेत्र का विकास और तेजी हो सके। वालियान ने कहा कि उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जनपद में दुग्ध उत्पादन यूनिट लगाए जाने का प्रयास केंद्र सरकार का है जिससे किसानों को पूरे वर्ष दूध का उचित मूल्य मिलता रहे जिसके लिए पशुपालन क्षेत्र में एनीमल हसबेंडरी इंफ्रास्ट्र्रक्चर डेवलपमेंट फंड भी केन्द्र सरकार द्वारा जारी किया जा चुका है।

श्री बालियान ने कहा कि भारत सरकार द्वारा शुरू किये गये राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत दिये जा रहे प्रोत्साहनों एवं सहूलियतों से किसानों को अवगत कराया जा रहा है तथा पशुधन विकास के लिये वित्त पोषण की जिम्मेदारी भी सरकार द्वारा ली गयी है। जिसमें पशुधन बीमा योजना की भी शुरूआत की जा चुकी है। इसका उद्देश्य पशुपालकों को पशुओं की मृत्यु के कारण हुये नुकसान से सुरक्षा उपलब्ध कराना है। इस बीमा योजना में पशुपालक को गौवंशीय, भैंस, घोड़े, गधे, खच्चर, ऊंट, भेड़, बकरी, सुकर एवं खरगोश को बीमित करने की व्यवस्था प्रदान है। मिशन के तहत बकरी एवं भेड़ पालन, मुर्गी पालन को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसमें पशुपालन के लिए सब्सिडी का भी प्रावधान है।

बालियान ने कहा कि 2022 तक किसानों की आमदनी  दोगुनी करने के मकसद से  किसान क्रेडिट कार्ड  की तर्ज पर पशुधन क्रेडिट कार्ड योजना शुरू की गई है, इस योजना में किसानों को बहुत कम ब्याज दर पर लोन दिया जा रहा है। इसकी विशेषता यह है कि पशुपालकों को बिना किसी गारंटी के 1 लाख 60 हजार रुपये का ऋण मिल सकेगा।

कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कृषि संयत्र उद्योग से जुडे़ लोगों से संवाद करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी ने किसानों की क्षमता व प्रतिभा को अनदेखी करते हुए उन्हें स्वावलम्बी व आत्मनिर्भर बनाने की जगह उनकी अनदेखी करते हुए कभी ध्यान नहीं दिया। भाजपा की सरकार बनने के बाद माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विशेष रूप से कृषि क्षेत्र में ध्यान देने का काम किया। भाजपा सरकार बनने के बाद से किसानों की खुशहाली व उन्नति के लगातार प्रयास किये जा रहे है। किसानों को जागरूक करने के साथ ही अनाज की उन्नत किस्म का उत्पादन हो सके, उत्पादन क्षमता को बढावा मिल सके, गुणवत्ता पूर्ण बीज मिल सके, कम लागत के साथ अधिक उत्पादन हो सके। इन सभी व्यवस्थाओं पर भी मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार लगातार काम कर रही है।

उन्होंने कहा कि स्वामीनाथन की रिपोर्ट को यूपीए सरकार ने ठण्डे बस्ते में डाले रखा था जिसका नतीजा यह रहा कि यूपीए शासन काल में किसानों की स्थिति में कोई भी सुधार नही हुआ। किसानों की उन्नति के लिए एक भी सार्थक पहल यूपीए शासन काल में नहीं की गई आज मोदी सरकार में स्वामीनाथन कमेटी के अधिकांश हिस्सों को लागू किया गया है। आज देश में बडे पैमाने पर खाद्यान्नों की खरीददारी के साथ-साथ उनका भुगतान भी समय पर किया जा रहा है। आत्मनिर्भर भारत पैकेज से किसानों के जीवन में खुशहाली आ सके इसके लिए केन्द्र सरकार ने कृषि विधेयकों को पारित किया। उन्होंने कहा कि प. दीनदयाल उपाध्याय जी की कल्पना थी कि ग्रामीण क्षेत्र में कुटीर उद्योग धंधे स्थापित हो, जिससे खाद्य उत्पादन के आधार पर निकलने वाली फसलों के आधार पर उद्योग स्थापित हो सके। जिससे व्यापक स्तर पर किसान इसका लाभ उठायें। इसी सोच के साथ आत्मनिर्भर भारत पैकेज की घोषणा देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की है।

उन्होंने कहा कि कृषि बिल को लेकर कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल गलत तथ्यों के आधार पर जनता को गुमराह करने का प्रयास करने में लगा हुआ है। लेकिन अब सिर्फ राजनीतिक विरोध के नाम पर किसानों के हित की अनदेखी करते हुए कांग्रेस किसानों के हितों की विरोधी बन चुकी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सपा सरकार के समय 24 चीनी मिलों में ताला लग गया था, न ही एमएसपी पर किसानों के खाद्यान्नों की खरीदारी होती थी। आज भाजपा सरकार जब किसानों की उन्नति व उनके हितों को ध्यान में रखते हुए काम कर रही है तो सपा-कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल किसानों का अहित अपनी राजनैतिक हित के लिए कर रही है।

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