अन्नदाताओं की आय बढ़ाने, उनके जीवन में समृद्धि लाने के लिए है कृषि कानून

नई दिल्ली:  कृषि कानून से किसानों को होने वाले लाभ के बारे में जानकारी देने के लिए आज दिल्ली भाजपा किसान मोर्चा द्वारा पालम गांव में आयोजित किसान महापंचायत को दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता और  सांसद रमेश बिधूड़ी ने संबोधित किया। वहीं बदरपुर में आयोजित किसान महापंचायत को राष्ट्रीय मंत्री एवं दिल्ली भाजपा सह-प्रभारी डॉ अलका गुर्जर और नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधुड़ी ने संबोधित किया।

प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि देश का अन्नदाता मजबूत होता तभी देश भी मजबूत होगा और इसी संकल्प को पूरा करने के लिए माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में किसानों को सशक्त, स्वतंत्र और खुशहाल बनाने के लिए कृषि कानून लाया गया। कांग्रेस सरकार के संरक्षण में किसानों को मिलने वाली फायदा बिचौलिए ले जाते थे लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, हर छोटे-बड़े किसानों को उसकी फसल का सही मूल्य और लाभ मिलेगा। किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए मंडी के अलावा भी विकल्प होंगे। विपक्षी पार्टियों बिचौलियों के साथ खड़ी है इसलिए कृषि कानून के बारे में भ्रामक प्रचार कर किसानों के नाम पर अपने राजनीतिक और आर्थिक हित को साधने में लगे हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हैं जिन्होंने पिछले 6 वर्षों में दिल्ली के किसानों को किसान का दर्जा नहीं दिया, सिंचाई की सुविधा नहीं दी, ट्यूबवेल लगाने की अनुमति नहीं दी, कृषि उपकरणों की खरीद पर सब्सिडी नहीं दिया लेकिन धरने पर किसानों के हितैषी बनने का ड्रामा जरूर कर रहे हैं, क्योंकि पंजाब में चुनाव नजदीक है। आज दिल्ली और देश के किसान जान चुके हैं कि केजरीवाल कितने झूठे और नौटंकीबाज हैं।
राष्ट्रीय मंत्री और दिल्ली भाजपा सह प्रभारी डॉ अलका गुर्जर ने कहा कि आजादी के बाद वर्षों तक शासन करने वाली कांग्रेस ने देश के किसानों के विकास और उनकी समास्यों को लेकर कोई कार्य नहीं कि जिसके कारण आज कृषि क्षेत्र से 52 प्रतिशत लोग जुड़े होने का बाद भी जीडीपी में उनका योगदान कम है। कांग्रेस के शासन में फसल बर्बाद के तनाव के कारण किसान आत्महत्या करने को मजबूर होते थे, लेकिन आज मोदी सरकार के नेतृत्व में किसानों को किसी भी प्रकार का तनाव नहीं होता, क्योंकि किसान सम्मान निधि योजना के तहत उनके अकाउंट में पैसे आ रहे हैं, किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत किसान फसल के लिए कम ब्याज पर लोन ले सकता है। प्राकृतिक आपदा के कारण बर्बाद हुए फसल के लिए मुआवजा देने के लिए फसल बीमा योजना की शुरुआत की गई। किसान को मिट्टी की गुणवत्ता का अध्ययन करके एक अच्छी फ़सल प्राप्त करने में सहायता मिल सके इसके लिए सॉयल हेल्थ कार्ड योजना भी लाई गई और किसानों की समस्याओं को स्थायी समाधान मिला। अब कृषि कानून के माध्यम से देश के 80 करोड़ किसान को फायदा मिलेगा जिससे उनके आर्थिक स्थिति में सुधार होने के साथ-साथ देश की विकास यात्रा में उनका योगदान बढ़ेगा। तीनों नए कृषि कानून वर्षों से आढ़तियों और बिचौलियों के द्वारा दबाए जा रहे किसानों को उनका हक दिलाएंगे। कांग्रेस पार्टी के साथ विपक्षी पार्टियां इस बिल का विरोध कर रही हैं।
नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि कृषि कानून के विरोध में किया जा रहा आंदोलन को सीधे तौर पर किसानों का पूरा समर्थन नहीं मिला है। जो भी लोग दिल्ली के बॉर्डर पर बैठे हैं वह किसी न किसी राजनीतिक दल से संबंध रखते हैं। यह सभी लोग किसानों को आगे बढ़ते हुए नहीं देखना चाहते हैं। सरकार विरोधी व मोदी विरोधी लोग इस कानून को लेकर लोगों में भ्रम पैदा कर रहे हैं कि मंडियां समाप्त हो जाएंगी जबकि इस बात का जिक्र कहीं भी नहीं है कि मंडियां समाप्त हो जाएंगी, बल्कि असली सच्चाई तो यह है कि मंडी वालों ने किसानों का लंबे समय तक शोषण किया है। उन्होंने किसानों को कम कीमत पर फसल बेचने के लिए मजबूर किया है। कृषि कानून को पूरे देश के किसानों का समर्थन है और वह सकारात्मक बदलाव के लिए उत्साहित हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासन काल में किसानों का शोषण होता रहा और अब मोदी सरकार किसानों के हित के लिए कार्य कर रही है तो कांग्रेस और विपक्षी पार्टियों से यह देखा नहीं जा रहा है और राजनीति के लिए गलत जानकारी फैला रहे हैं। दिल्ली के किसानों ने भी नए कृषि कानून का स्वागत किया है।
सांसद रमेश बिधूड़ी ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा किसानों को लिखे हुए पत्र को पढ़कर कृषि कानूनों के संदर्भ में सही जानकारी दी। पत्र के माध्यम से कृषि मंत्री जी ने किसानों को आश्वस्त कि कृषि कानूनों से किसानों की जमीन को खतरा नहीं है बल्कि  मालिकाना हक उन्हीं का रहेगा। किसानों को तय समय पर भुगतान किया जाएगा, अगर तय समय पर भुगतान किया गया तो जुर्माना लगेगा। मंडी व्यवस्था चालू हैं और चालू रहेंगी, किसानों के पास खुले बाजार में अच्छे दाम पर फसल बेचने का विकल्प होंगे। नए कृषि कानून लागू होने के बाद इस बार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीद के भी पिछले सारे रिकॉर्ड टूट गए हैं। ऐसे समय में जब मोदी सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए नए रिकॉर्ड बना रही है, खरीद केंद्रों की संख्या बढ़ रही है, वहीं विपक्षी पार्टियों  किसानों से झूठ बोल रहे हैं कि न्यूनतम समर्थन मूल्य बंद कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य व्यवस्था जारी है और जारी रहेगी। उन्होंने बताया कि करार फसलों के लिए होगा, जमीन के लिए नहीं, किसान जब चाहें करार खत्म कर सकते हैं। एपीएमसी  मंडियां कानून के दायरे से बाहर हैं।
पालम गांव में आयोजित किसान महापंचायत में प्रदेश किसान मोर्चा अध्यक्ष विनोद सहरावत, जिला अध्यक्ष जगमोहन महलावत, किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष जय देव सोलंकी, महामंत्री पवन राठी, कुलदीप सोलंकी, वहीं बदरपुर में आयोजित कार्यक्रम में जिला अध्यक्ष रोहताश बिधूड़ी, प्रदेश प्रवक्ता आदित्य झाधर्मवीर, वीरपाल सहित कई गांव के किसान उपस्थित थे।

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