किसानों के हित में है कृषि कानून, राजनीति बंद करे विपक्ष: राजीव रंजन

पटना नए कृषि कानूनों को किसानों के लिए अत्यंत लाभदायक बताते हुए भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन ने कहा “ देश के लगभग 85 फीसदी किसान छोटे और सीमांत किसानों की श्रेणी में आते हैं.नए कृषि कानूनों को मुख्य रूप से इन्हीं किसानों की आर्थिक दशा-दिशा सुधारने के लिए बनाया गया है.

इन कानूनों से किसानों को अपनी फसल, अपने दाम से बेचने की आजादी मिलने वाली है, जो उनकी आय बढ़ाने और उनका जीवन सुधारने की दिशा में मील का पत्थर साबित होने वाले हैं. इन कानूनों से छोटे किसानों की बढ़ने वाली आत्मनिर्भरता, आज विपक्ष की आँखों में खटक रहा है. जो लोग विदेशी कंपनियों को बुलाने के लिए कानून बनाते थे, वही लोग आज किसानों और स्वदेशी उद्योगों की आत्मनिर्भरता में बाधक बन रहे हैं. ”

विपक्ष पर बरसते हुए उन्होंने कहा” मोदी सरकार के अंधविरोध में विपक्ष की दशा अब ऐसी बन चुकी है कि अब यह देशहित के कामों का विरोध करने से भी बाज नहीं आते हैं. यह इनकी राजनीतिक मतिशुन्यता ही है कि अब इन्हें किसानों का हित बाधित करने से भी परहेज नहीं है. इन्हीं के कारण देश के किसान इतने वर्षों तक पिछड़े रहें और आज जब मोदी सरकार इनकी आय बढ़ाने के लिए प्रयास कर रही है तो उसकी राह में कांटे बोने का हरसंभव प्रयास कर रहे हैं. जिन कृषि कानूनों के लिए कभी यह खुद पैरवी कर रहे थेआज उसी के विरोध में खड़े होने में भी उन्हें शर्म नहीं आ रही है. साफ़ है कि इनके लिए अपनी राजनीतिकिसानों के विकास से ज्यादा महत्वपूर्ण है.”

उन्होंने कहा “ विपक्ष यह चाहता ही नहीं कि देश का अन्नदाता आगे बढ़े, उनकी आय दुगनी हो. मोदी राज में किसानों को मिली रसोई गैस, बिजली, पानी, आवास, बीमा, सम्मान निधि जैसी सुविधाएं इनकी आँखों में खटक रही है. किसानों को फायदा न मिले और वह हमेशा गरीब बने रहें इसके लिए पहले उन्होंने झूठे बयान दे कर लोगों को भड़काने का प्रयास किया और अब किसानों के भेष में इनके कार्यकर्ता दिल्ली में उत्पात मचा रहे हैं. इनकी मंशा है कि किसानों की आमदनी बढाने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे उपाए पटरी से उतर जाए, जिसका दोष यह सरकार के माथे मढ कर अपनी वोटों की फसल आसानी से काट सकें.” 

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