अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के सबसे फिसड्डी सांसद: स्वतंत्रदेव सिंह
Date posted: 16 June 2021
लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने कहा है कि जिनकी राजनीति, काम-काज और कार्यशैली ही भ्रष्टाचार की रही है, जिन्होंने अपनी सरकारों में खुले तौर पर स्वयं को रामद्रोही साबित किया है वे भगवान राम व उनके नाम पर हो रहे काम पर ‘ट्रस्ट‘ कैसे कर सकते हैं? भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने सपा मुखिया अखिलेश यादव के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आज वह लोग आस्था व निष्ठा की बात कर रहे हैं, जिन्होंने रामभक्तों पर गोलियां चलवाई।
जो तुष्टिकरण व वोटबैंक के डर से रामनगरी अयोध्या जाना तो दूर उसका नाम अपनी जुबान पर लाने से डरते थे। ऐसे लोग विश्व भर के करोड़ों रामभक्तों के आस्था के प्रतीक श्रीराम मंदिर के निर्माण में बाधा उत्पन्न करने का प्रयास न करें ऐसा कैसे संभव है? हास्यास्पद यह भी है कि कांग्रेस के युवराज के आज बोल फूट रहे हैं। जबकि केंद्र में जब उनकी सरकार थे तो उनके मंत्री सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दे रहे थे कि मंदिर न बने, वे भगवान राम के अस्तित्व के सबूत मांगते थे। लेकिन, अखिलेश जी हों या राहुल जी उनको नहीं भूलना चाहिए कि केंद्र और प्रदेश दोनों ही जगह अब रामभक्तों की सरकार है और भगवान राम के काज में कोई बाधा नहीं आएगी।
प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि सपा मुखिया किस मुंह से परफार्मेंस की बात कर रहे हैं जबकि दो सालों में संसद में उनके मुंह से एक सवाल तक नहीं फूटे। इससे साफ है कि अखिलेश जी खुद मानते हैं कि केंद्र व प्रदेश सरकार बहुत अच्छा कार्य कर रही है। बाहर उनके दिए गए बयान महज भ्रम फैलाने की कोशिश के सिवा कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में सरकार ने 1.40 लाख करोड़ से अधिक गन्ना किसानों को भुगतान किया है। सपा-बसपा सरकारों ने मिलकर जितना गेहूं नहीं खरीदा उससे कई गुना अधिक खरीद योगी सरकार कर चुकी है। सपा मुखिया कुछ महीनों पहले तक वैक्सीन को लकर जनता को गुमराह करने पर जुटे थे।
जब खुद ‘नेता मुलायम सिंह यादव ने उन पर सवाल उठा दिया तो बेशर्मी से कोविड प्रबंधन पर सवाल उठा रहे हैं। आज उत्तर प्रदेश् कोविड की दूसरी लहर को नियंत्रित करने की ओर है और तीसरी लहर की संभावनाओं को देखते हुए उससे लड़ने की तैयारी कर चुका है। सपा मुखिया को अपने घर से बाहर निकल कर यथार्थ देखना चाहिए। उन्हें साफ समझ में आएगा कि जिन रामद्रोहियों को भगवान राम पर ट्रस्ट नहीं है उन पर जनता कैसे ट्रस्ट करेगी?
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