राजनीतिक बयानबाजी छोड़ कोरोना संकट से निपटने में लगें सभी दल: राजीव रंजन
Date posted: 23 April 2021
पटना: सभी राजनीतिक दलों को सियासी बयानबाजी छोड़ कर जनता की सेवा में लगने की सलाह देते हुए भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन ने कहा “ कोरोना के बढ़ते संकट के समय सियासी आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति किसी भी सूरत में सही नहीं मानी जा सकती. इससे न केवल जनता गुमराह होती है बल्कि सरकार द्वारा चलाये जा रहे सेवा कार्यों में भी बाधा पहुंचती है. इसीलिए सभी राजनीतिक दलों से मेरी गुजारिश है कि आपसी सियासी रंजिश को कुछ समय के लिए भूल जायें और केंद्र तथा राज्य सरकार द्वारा कोरोना से बचाव के लिए किये जा रहे कार्यों में अपना सहयोग करें.”
उन्होंने कहा कि कोरोना का संकट किसी विशेष राजनीतिक दल, जाति या धर्म देखकर वार नहीं करता. महामारी की इस दूसरी लहर से अभी तक लगभग सभी राजनीतिक दलों के बड़े-बड़े नेता संक्रमित हो चुके हैं. कई बड़ी हस्तियों और उनके रिश्तेदारों की इस बीमारी से मौत भी हो चुकी है. इससे आम जनता पर क्या गुजर रही होगी इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है. आपदा के इस समय उनके लिए राजनीतिक दल और उनके नेता ही उम्मीद ही किरण है. इसलिए एक दुसरे पर टीका-टिप्पणी छोड़ सभी दलों को पूरी एकजुटता से इस महामारी के खिलाफ मोर्चाबंदी करनी चाहिए.
भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष ने कहा कि इस समय न तो राज्य का चुनाव है और न ही देश का. इसलिए एक-दुसरे को निशाना बनाने या सरकार के कामों की व्यर्थ में आलोचना करने का कोई मतलब नहीं है. इससे न केवल जनता का हित बाधित होता है बल्कि उनमें राजनीतिक दलों के खिलाफ एक नकारात्मक संदेश भी जाता है. सभी दलों को यह समझना चाहिए कि यह वक्त कोरोना से लड़ने का है, एक-दुसरे से नहीं.
केंद्र और बिहार सरकार की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना के अप्रत्याशित आये इस दुसरे वेग के बावजूद केंद्र और बिहार सरकार इस महामारी के खिलाफ बेजोड़ काम कर रही है. यही वजह है कि अभी भी अपने से विकसित राज्यों की तुलना में बिहार की स्थिति काफी बेहतर है. चाहे बात कोरोना नियमों के पालन की हो या टीकाकरण की, बिहारवासी सभी मुद्दों पर अन्य राज्यों की अपेक्षा ज्यादा जागरूक हैं. यदि जनता और सभी राजनीतिक दल एक साथ खड़े हो जायें तो कोरोना को बेहद काम समय में मुंहतोड़ जवाब दिया जा सकता है. इसलिए हालात को देखते हुए सभी राजनीतिक दलों को आपसी मतभिन्नता से ऊपर उठ जनसेवा में जुट जाना चाहिए. हमारी आपसी एकता ही कोरोना के खिलाफ सबसे कारगर हथियार साबित होगी.
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