बिहार में विकास की धारा के साथ ही दूध की धारा भी बह रही है: डाॅ. प्रेम कुमार
Date posted: 9 October 2020
पटना: एनडीए की सरकार हर क्षेत्रों में विकास की गति के साथ तेजी से बढ रही है। इसी क्रम में पशुपालन के क्षेत्र में व्यापक तेज गति से विकास हुआ है। सूबे में दूध उत्पादन में व्यापक वृद्धि हुई है, दूध की धारा बह रही है। साल 2005 से पहले पशुपालन, मत्स्यपालन के क्षेत्र में नाम मात्र का विकास हुआ था, लेकिन जब से एनडीए की सरकार आयी, इस क्षेत्र में क्रांति आ गई।
दूध उत्पादन में आश्चर्यजनक वृद्धि हुई, जिसके सुखदः परिणाम सामने आए हैं। उक्त बातें सूबे के कृषि मंत्री सह भाजपा के वरिष्ठ नेता डाॅ. प्रेम कुमार ने आज यहां एक प्रेेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है। कृषि मंत्री ने कहा कि साल 2005 से पहले राज्य में दूध का उत्पादन 57.7 लाख मेट्रिक टन प्रतिवर्ष था, जो एनडीए की सरकार में बढकर 104.9 लाख मेट्रिक टन प्रतिवर्ष है।
राज्य में मात्र 4.79 लाख किलो प्रतिदिन दूध का संग्रहण होता था, जबकि आज 18 लाख किलो प्रतिदिन दूध का संग्रहण हो रहा है। राज्य में मात्र 6 हजार 585 दूध उत्पादन समितियां थी, जब कि आज 24 हजार 223 समितियां है, जिसमें 3 हजार 3 सौ 82 महिला दूध उत्पादन समितियां है। साल 2005 से पहले राज्य में दूध प्रसंस्करण की क्षमता मात्र 08 लाख लीटर प्रतिदिन था, जब कि आज प्रसंस्करण क्षमता 30 लाख लीटर प्रतिदिन का है। राज्य में पहले 01 हजार 119 कृत्रिम गर्भाधान केन्द्र थे, जब कि आज 4 हजार 427 कृतिम गर्भाधान केन्द्र हैं। राज्य में पहले 10 हजार 667 लाख प्रतिवर्ष अण्डा का उत्पादन था, जो एनडीए की सरकार में ब-सजय़ कर 27 हजार 408 लाख प्रतिव-ुनवजर्या हो गया है। मछली का उत्पादन 2.88 लाख मेट्रिक टन प्रतिव-ुनवजर्या था, जो एनडीए की सरकार में 6.42 लाख मेट्रिक टन प्रतिवर्ष यानी तीन गुणा उत्पादन बढा है।
उन्होंने कहा कि सूबे की जनता अब सिर्फ विकास चाहती है और सूबे का विकास एनडीए ही कर रही है। जनता ने दिल खोल कर एनडीए के विकास के साथ है। जिस कारण इस चुनाव में सूबे की जनता अपना पूर्ण समर्थन के साथ एनडीए की सरकार बनाने जा रही है।
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