एमिटी ला स्कूल में जन स्वास्थ्य और पर्यावरण, मुद्दे और समाधान संगोष्ठी का समापन
Date posted: 25 January 2019
लखनऊ 25 जनवरी 2019- पर्यावरण की सुरक्षा तभी संभव है जब मानव समाज उसकी सुरक्षा के लिए तत्पर रहे इसी बात को ध्यान में रख कर एमिटी विश्विद्यालय लखनऊ परिसर के एमिटी लाॅ स्कूल द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी ‘पर्यावरण और जन स्वास्थ्य’ का आज समापन हो गया।
समापन सत्र में बोलते हुए मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति एआर मसूदी, इलाहाबाद उच्च न्यायालय, लखनऊ बेंच ने कहा कि, पर्यावरण को बचाने की शुरूआत हमें अपने घर से करनी होगी। इसके लिए हमें अपनी जरूरतों को सीमित करते हुए प्रकृति के साथ संतुलन बनाने की जरूरत है। उन्होने कहा कि पुराने समय में आज जैसी वैज्ञानिक सुविधाएं नही थी पर हम जीवन संघर्ष में कुशल थे परन्तु आज की पीढ़ी गैरजरूरी सुविधाओं की इतनी आदी हो चुकी है कि उसे जीवन के सामान्य कार्य के लिए भी तकनीकि का मुह देखना पड़ता है।
इसके पूर्व कार्यक्रम के दूसरे दिन की शुरुआत तकनीकि सत्र से हुई जिसमे देश भर के विभिन्न विश्विद्यालयों से आये छात्रों ने इस विषय पर अपने विचार रखे। सत्र की अध्यक्षता डॉ राजेश हर्षवर्धन, प्रभारी अस्पताल शासन प्रबंधन, एसजीपीजीआई एवं डॉ वी पी शर्मा, वरिष्ठ वैज्ञानिक इंडि यन इंस्टीट्यूट आॅफ टाक्सिकोलाजी ने की।
डॉ हर्षवर्धन ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि “कैसे हमारे पर्यावरण को हमने विकास के पीछे भागते हुए काफी पीछे छोड़ दिया और जब पछता रहे तो काफी भयावह स्तिथि पर खड़े है इसीलिए जरूरत है कि हम पर्यावरण की सुरक्षा करते हुए विकास कि ओर अग्रसर रहे ।
इसके बाद डॉ वी पी शर्मा ने युवाओं को इस विषय कि महत्वता को समझाते हुए कहा कि आज हम प्लास्टिक के युग में जी रहे है और प्लास्टिक प्रदूषण कि समस्या हमको दिन प्रतिदिन घेरते हुई नज़र आ रही है जिसके कारण हमारे खान पान और स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुँच रहा है ऐसे वक्त पर युवाओं का आकर इस विषय पर चर्चा करना सराहनीय है और इन्ही चर्चाओं से शायद समस्या हल भी मिल जाये।
इस अधिवेशन में चर्चा का मुख्य बिंदु पर्यावरण सुरक्षा सतत शासन एवं नदी प्रदूषण जैसे मुद्दों पर था इस सबके बाद तीसरे सत्र में जिसकी अध्यक्षता माननीय डॉ अंजलि सोमानी, प्रसूतिशास्री सहारा अस्पताल एवं श्री राम करण, क्षेत्रीय अधिकारी उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड लखनऊ ने की ।
डॉ अंजलि सोमानी ने अपने वक्तव्य में कहा कि” यह विषय समय के साथ बहुत प्रासंगिक है और मानव समाज को इस विषय के बारे में जरूर गहन चर्चा करनी चाहिए उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए कहा कि स्वास्थ्य हर एक व्यक्ति का अधिकार होता है और हमे स्वास्थ्य सुरक्षा से जुड़े सभी बिन्दुओ पर आम जनमानस में जागरूकता फैलानी चाहिए।
इस के बाद डॉ राम करण जी ने युवओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि उन्होंने कुम्भ के मेले में स्वछता कि निगरानी की और कहा कि जब तक सरकार और जनता का सरोकार नहीं होगा तब तक हम यूं ही इस समस्या से परेशान होते रहेंगे समय आ गया है की हम अपने पर्यावरण की ओर सचेत हो जाये और उसकी रक्षा के लिए तत्पर रहे उन्होंने यह भी कहा की यह पर्यावरण हमे आने वाली पीढ़ी से उधार ले रखा है तो यह हमारा मौलिक कत्र्तव्य है की हम इस पर्यावरण की रक्षा करे।
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