दीवान वीएस ग्रुप ऑफ़ इंस्टीटूशन्स में हुई वार्षिक उत्सव की धूम
Date posted: 29 October 2024
मेरठ: दीपावली मनाने की सार्थकता तभी है जब भीतर का अंधकार दूर हो. इस विशेष बात को ध्यान में रखते हुए आज दीवान वीएस ग्रुप ऑफ़ इंस्टीटूशन्स, मेरठ में “चतुर्युग – युगांतर समय का शाश्वत चक्र” थीम पर आधारित वार्षिक उत्सव 2024 आयोजित की गई. यह महापर्व न केवल खुशियों का संचार करता है, बल्कि भारतीय संस्कृति की विविधता और समृद्धि को भी दर्शाता है. आयोजन का शुभारंभ संस्थान के चेयरमैन विवेक दीवान, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर कर्नल. डॉ. नरेश गोयल, एडवाइजर डॉक्टर श्रुति अरोरा, मुख्य अतिथिगण सहित संस्थान से समस्त निदेशकगण द्वारा सरस्वती माँ के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत हनुमान चालीसा के वाचन से प्रारंभ हुई.
इस वर्ष की दीपावली को चार युगों—सत्ययुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलियुग—के प्रतीकों और विशेषताओं से जीवंत किया गया. हर युग को अनूठे साज-सज्जा, नृत्य और संगीत के द्वारा प्रस्तुत किया गया. सतयुग को शांति और सच्चाई पर आधारित नृत्य नाटिकाएँ प्रस्तुत की गई साथ ही त्रेतायुग के रामायण के पात्रों की विशेष प्रस्तुतियाँ, द्वापर में कृष्ण लीला और भक्ति संगीत एवं कलियुग के आधुनिक तकनीक और कला का समागम प्रस्तुत किये. छात्रों और छात्राओं ने मिलकर इस अवसर पर कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ साथ नृत्य, गायन आदि प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया. छात्रों ने अपने विचारों को साझा करते हुए कहा, “वार्षिक समारोह को यादगार बनाने में छोटी से पहल की हैं और अपने चारों ओर सकारात्मकता फैलाना हमारा उद्देशय हैं। हमें गर्व है कि हम अपने वातावरण सहित दिवाली उत्सव को भी सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल तरीके से मनाने का प्रयास सफल रहा. यह समारोह हम सभी विद्यार्थियों को एकजुटता, प्रेम और भाईचारे का संदेश देकर गया.”
समापन समारोह में संस्थान के चेयरमैन विवेक दीवान जी ने कहा यह एक ऐसा अवसर है जब हम भारतीय संस्कृति की विविधता, समृद्धि और एकता का जश्न मनाते हैं। चारों युग—सत्ययुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलियुग—के प्रतीकों और कहानियों को जीवंत करने का यह प्रयास हमारे इतिहास और परंपराओं को न केवल संरक्षित करेगा, बल्कि उन्हें अगली पीढ़ी के सामने भी प्रस्तुत किया. इस उत्सव के माध्यम से हम यह संदेश देना चाहते हैं कि हमारे सांस्कृतिक मूल्यों में निहित शांति, सच्चाई, प्रेम और भाईचारे का प्रचार करें। चतुर्युग की विभिन्न प्रस्तुतियाँ हमें यह समझने में मदद करेंगी कि कैसे हर युग में मानवता ने अपने सिद्धांतों और नैतिकता को बनाए रखा।
एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर कर्नल (डॉ.) नरेश गोयल ने इसी पावन की महत्ता को आगे बढ़ाते हुए कहा कि यह बात सच है कि मनुष्य का रूझान हमेशा प्रकाश की ओर रहा है। अंधकार को उसने कभी न चाहा न कभी माँगा। ‘तमसो मा ज्योतिगर्मय’ भक्त की अंतर भावना अथवा प्रार्थना का यह स्वर भी इसका पुष्ट प्रमाण है। अंधकार से घिरा हुआ आदमी दिशाहीन होकर चाहे जितनी गति करे, सार्थक नहीं हुआ करती। आचरण से पहले ज्ञान को, चरित्र पालन से पूर्व सम्यक्त्व को आवश्यक माना है। ज्ञान जीवन में प्रकाश करने वाला होता है। शास्त्र में भी कहा गया-‘ नाणं पयासयरं ’ अर्थात ज्ञान प्रकाशकर है. आपका समर्थन और सहभागिता हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है. आइए, इस दिवाली हम एक साथ मिलकर खुशियों, प्रेम और एकता के इस महापर्व को मनाएँ।
एडवाइजर डॉक्टर श्रुति अरोरा ने समस्त विद्यार्थिओं को ध्यान में रखते हुए अपने विचार प्रकट कर कहा कि इस वर्ष हमारे कॉलेज का वार्षिक समारोह एक नई ऊर्जा और उमंग के साथ आयोजित किया गया. यह अवसर न केवल हमारी शैक्षणिक उपलब्धियों को मनाने का है, बल्कि यह उन सभी प्रयासों को भी मान्यता देने का है जो आपने इस वर्ष किए हैं. आपकी मेहनत ने न केवल आपको व्यक्तिगत स्तर पर सफल बनाया है, बल्कि हमारे कॉलेज को भी गर्वित किया है। हमें गर्व है कि आप हमारे संस्थान का हिस्सा हैं और आपने अपने सामर्थ्य का प्रदर्शन किया है. यह समारोह हमें एकजुट होने, एक-दूसरे को प्रोत्साहित करने और एक सकारात्मक भविष्य की दिशा में आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करता है. हम सभी ने जिस तरह से एकता का परिचय देकर आयोजन को सफल बनाया, उसी तरह भविष्य में भी मिलकर इस तरह के विशेष अवसर का आनंद लें और अपने सपनों को साकार करने की प्रेरणा प्राप्त करें। आपका भविष्य उज्ज्वल हो और आपकी मेहनत रंग लाए, ऐसा कहकर अपनी वाणी को विराम दिया साथ ही सभी को शुभकामनाएं प्रेषित की.
एक भव्य समापन जो एक युग से दूसरे युग में संक्रमण को दर्शाता है, जो समय के साथ बदलते और विकसित होते नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों पर प्रकाश डालता है। प्रदर्शन सत्य युग की शुद्धता से शुरू हो सकता है और अराजकता के साथ समाप्त हुआ. मंच का संचालन द्वारा बेहद सफलतापूर्वक निभाया गया. इस पूर्ण आयोजन को सफलता की चरम सीमा तक ले जाने में निदेशक डॉ. विंकी शर्मा, डॉ. शुचि शर्मा, डॉ. शशांक मिश्रा, डॉ. साहिल गुलाटी, डॉ. मुनींद्र कुमार, मिस श्वेता शर्मा, डॉ. शिल्पी बंसल आदि का प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से सराहनीय सहयोग प्राप्त हुआ.
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