घर बुलाकर डीटीसी कर्मचारियों से मिलने तक को तैयार नहीं हैं केजरीवाल
Date posted: 7 December 2018

नई दिल्ली: पिछले कुछ माह से लगातार डीटीसी के अनुबंधित कर्मचारी अपनी मांग समान काम, समान वेतन और अस्थायी कर्मचारियों को पक्का करने की मांग कर रहे है। बीते अक्टूबर और नवंबर में कई बार धरना कर चुके डीटीसी कर्मचारी बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री केजरीवाल की एक सभा में जब अपनी मांग को सामने रखने के लिए पहुंचे तो मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने उन्हें अगले दिन 10 बजे अपने घर आकर मिलने को कहा था। आज सुबह जब डीटीसी के महिला कर्मचारियों सहित कुछ कर्मचारी उनसे मिलने पहुंचे तो मुख्यमंत्री उनसे मिलने तक को तैयार नहीं हैं।
डीटीसी कांट्रेक्चुअल एम्पलाइज यूनियन के अध्यक्ष वाल्मीकि झा का कहना है कि जब तक केजरीवाल उनसे नहीं मिलते तब तक कोई भी कर्मचारी मुख्यमंत्री आवास से नहीं जाएगा। यही नहीं, उन्होंने कहा कि इसके बाद होने वाली किसी भी कार्रवाई के लिए वो पूरी तरह तैयार हैं।
सार्वजनिक रूप से अपने घर पर बुलाये जाने पर भी डीटीसी कर्मचारियों से न मिलने पर प्रतिक्रिया देते हुए दिल्ली भाजपा अध्यक्ष श्री मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली सरकार अपने ही कर्मचारियों की सुनने को तैयार नहीं है। डीटीसी के कर्मचारी लगातार अपनी मांग को लेकर धरने प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन उन्हें जबरन धरना करने से रोकने के प्रयास किये जाते हैं। उन्होंने कहा कि धरना प्रदर्शन कर सत्ता में आयी केजरीवाल सरकार के खिलाफ कोई धरना करे तो ये उनको मंजूर नहीं है।
श्री तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री आवास पर बैठे कर्मचारी मुख्यमंत्री द्वारा बुलाये जाने पर शांतिपूर्ण तरीके से अपने मुख्यमंत्री से मिलने का इंतजार कर रहे हैं और खुद को जनता का सीएम बताने वाले केजरीवाल उनसे मिलने तक को तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि डीटीसी कर्मचारियों द्वारा एक वीडियो भी जारी किया गया है जिसमे उन्होंने उनके साथ हो रहे अन्याय और आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा उनके साथ मारपीट के बारे में भी बताया है। श्री तिवारी ने कहा कि वहां महिला कर्मचारी भी सुबह से मौजूद हैं और अभी तक भी मुख्यमंत्री उनसे मिलने नहीं पहुंचे हैं। जिससे मुख्यमंत्री केजरीवाल के अराजकतापूर्ण व्यवहार का पता चलता है। खुद को दिल्ली का मालिक बताने वाले केजरीवाल दिल्लीवासियों और डीटीसी कर्मचारियों की समस्याएं सुनने तक को तैयार नहीं हैं।
श्री तिवारी ने बताया कि दिल्ली की परिवहन व्यवस्था को केजरीवाल सरकार ने पूरी तरह ध्वस्त कर दिया है। 11000 बसों के स्थान पर आधी बसें दिल्ली की सड़कों पर हैं जिससे यात्रियों को अनेकों परेशानी हो रही है और प्रदूषण भी बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली भाजपा पहले भी डीटीसी कर्मचारियों की मांग को उठाती रही है और उनके साथ कदम से कदम मिलकर उनके हक के लिए लड़ती रही है। तिवारी ने कहा कि हम अब भी डीटीसी कर्मचारियों की मांग का समर्थन करते हुए मुख्यमंत्री केजरीवाल से समान काम, समान वेतन और अस्थायी कर्मचारियों को पक्का करने की मांग करते हैं। साथ ही दिल्ली की परिवहन व्यवस्था को ठीक करने के लिए पर्याप्त बसे दिल्ली की सड़कों पर उतारने की भी मांग करते हैं।
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