क्रेता विभागों की तकनीकी समस्याओं के निराकरण हेतु फील्ड स्तर पर मिलेगी सहायता
Date posted: 17 December 2020
लखनऊः प्रदेश के सभी सरकारी विभागों में सामग्री एवं सेवाओं के क्रय के लिए ई-मार्केट प्लेस (जेम) की व्यवस्था लागू है। जेम पोर्टल पर पंजीकरण व क्रय के संबंध में आने वाली किसी भी प्रकार की कठिनाइयों के निराकरण हेतु जीओटीटी-पीएमयू सेल का गठन किया गया है। समस्त क्रय प्रक्रिया संबंधी कार्यों को जेम सेल के अधीन करते हुए इसके क्रियान्वयन की और अधिक प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
यह जानकारी अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम डा0 नवनीत सहगल ने दी। उन्होंने बताया कि जेम सेल द्वारा वेण्डर रजिस्ट्रेशन का स्टेटस कि कितने प्रार्थना पत्र आये, कितने रजिस्टर्ड हुए और शेष किन कारणों से लम्बित हुए है, इसकी पाक्षिक रिपोर्ट तैयार की जायेगी। विभागों द्वारा कितने प्रतिशत सामग्री जेम से क्रय की जा रही है तथा सामग्री व सेवायें क्रय करने में विभागों को क्या समस्याएं आ रहीं है, इसका भी जेम सेल द्वारा मासिक लेखा-जोखा तैयार किया जायेगा। उन्होंने बताया कि क्रेता विभागों को तकनीकी समस्याओं के निराकरण हेतु फील्ड स्तर पर सहायता मिलेगी और क्रेता विभागों, विक्रेता फर्मों एवं संस्थाओं की पोर्टल से संबंधित समस्याओं का कार्यालय स्तर पर निदान किया जायेगा।
इसके अलावा मैनुअल एल-1 का चयन करने तथा अनियमितता प्रकाश में आने पर सबंधित यूजर को डिबार और फर्म को ब्लैकलिस्ट किया जायेगा। इसके लिए 28 नवम्बर, 2017 को जारी शासनादेश में आंशिक संशोधन भी किया गया है।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि इसके अलावा जेम सेल द्वारा जेम पोर्टल से सामग्री एवं सेवाओं के क्रय के उपरान्त विभागों पर लम्बित भुगतान शीघ्र कराने के लिए आयुक्त एवं निदेशक स्तर से अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा। जेम पोर्टल पर के्रता विभाग द्वारा अपलोड की गई प्रत्येक निविदा जेम के नियमों के अन्तर्गत है, इसका परीक्षण भी सेल द्वारा किया जायेगा। जेम सेल को निविदा निरस्तीकरण के मुख्य कारणों से शासन को अवगत कराना होगा। उन्होंने बताया कि निविदा में दी गई ई0एम0डी0 धनराशि तथा पोर्टल पर अपलोड की गयी निविदाओं की श्रेणी का परीक्षण भी जेम सेल द्वारा होगा।
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