ग्रामीण बच्चों के एडमिशन सम्बंधित सवाल पर जवाब नहीं देना चाहता प्राधिकरण : नोवरा
Date posted: 24 July 2022
नोएडा।शहर की समाजसेवी संस्था एवं नोएडा के 81 गाँवों के अधिकारों की लड़ाई लड़ने वाली संस्था नॉएडा विलेज रेसिडेंट्स एसोसिएशन ने अपने अध्यक्ष रंजन तोमर के माध्यम से नोएडा प्राधिकरण से आरटीआई में एक सवाल पूछा तो प्राधिकरण ने उसका जवाब सीधे तरीके से न देकर दूसरे विभागों पर ज़िम्मेदारी को उड़ेलने की कोशिश की,
श्री तोमर ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा की ग्रामीण क्षेत्रों और कृषकों के बच्चों को नॉएडा प्राधिकरण द्वारा गैर सरकारी विद्यालयों में एडमिशन में कितने प्रतिशत आरक्षण मिलता है , और यदि कोई विद्यालय इन शर्तों को नहीं मानता तो उसके खिलाफ क्या कार्यवाही की जाती है , या की जा सकती है , इसके साथ ही श्री तोमर ने ऐसे विद्यालयों की लिस्ट भी मांगी जिनके खिलाफ इस बाबत शिकायत आई हो या प्राधिकरण द्वारा कार्यवाही की गई हो , गौरतलब है की यह आरक्षण ग्रामीणों का अधिकार है और वह इसलिए उन्हें प्राप्त होना चाहिए क्यूंकि प्राधिकरण द्वारा कृषकों की ज़मीन अर्जन्सी की धाराएं लगाकर अधिग्रहित की थी और सस्ते दामों पर विद्यालयों को दी थी जिसमें यह शर्त भी थी के यहाँ के वह कृषक एवं ग्रामीण जिनकी ज़मीन अधिग्रहित की गई है उनके बच्चों को शिक्षा हेतु उन विद्यालयों में कुछ आरक्षण प्राप्त होगा। इसके जवाब में प्राधिकरण ने जवाब देने की बजाये यह कहकर पल्ला झाड़ लिया की इस सवाल को बेसिक शिक्षा अधिकारी अथवा सम्बंधित स्कूल से पूछा जाना चाहिए।
जबकि सच्चाई यह है की सवाल सिर्फ प्राधिकरण के उस अनुबंध से सम्बंधित था जो प्राधिकरण प्लाट धारक के साथ करती है और जिसमें यह शर्तें होती हैं।आरटीई यानि शिक्षा के अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद प्राइवेट विद्यालय यह कहकर ग्रामीणों के एडमिशन को ठुकरा रहे हैं की उनके पास रहने को पक्का मकान है ,दोपहिया वाहन है , जबकि बहुत से ग्रामीणों ने सस्ते दामों पर प्राधिकरण को अपनी ज़मीन देकर यह सब लिया था और अब उनके पास जीवनयापन के और बच्चों को शिक्षित करने के सीमित संसाधन हैं , ऐसे में नॉएडा प्राधिकरण का इस तरह अपनी ज़िम्मेदारियों से मुंह मोड़ लेना सरासर गलत है और इसका जवाब प्राधिकरण को देना ही होगा। नोवरा इस बाबत मुहीम चलाएगी और इस जवाब के खिलाफ भी अपील दाखिल करेगी।
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