युवा जॉब सीकर नहीं बल्कि जॉब क्रिएटर बनें: आदेश गुप्ता

नई दिल्ली:   वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता व प्रदेश संगठन महामंत्री सिद्धार्थन ने युवाओं के साथ “राष्ट्र और युवा“ विषय पर चर्चा की। इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राष्ट्र निर्माण के लिए 4-E पर विशेष रूप से चर्चा की गई जिसमें एजुकेशन, एंप्लॉयमेंट एंटरप्रेन्योरशिप व एंपावरमेंट शामिल है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से वैशाली पोद्दार, तुषार द्विवेदी, आदर्श शर्मा, यश बिनानी, विवेक सिंह सहित सैकड़ों युवा जुड़े थे।

एजुकेशन यानी शिक्षा को लेकर आदेश गुप्ता ने कहा कि हमारे यहां युवाओं में असीम प्रतिभा और उर्जा है। इस ऊर्जा का समुचित विकास और उपयोग किए जाने के लिए माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नई शिक्षा नीति लाई गई है। इस नई शिक्षा नीति के माध्यम से छात्रों को अपने पैशन को फॉलो करने का एक अवसर प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण सिर्फ राजनीति का या नीति-निर्धारकों का काम नहीं है बल्कि यह एक सामाजिक जागृति और युवा शक्ति का सामर्थ्य है, जो भूमि के एक हिस्से को सशक्त राष्ट्र के रूप में खड़ा करता है।
यह एक ऐसा परिवर्तन है, जो युवाओं के बिना संभव नहीं है। नई शिक्षा नीति से ऐसे युवा तैयार होंगे जो स्वावलम्बी, चरित्रवान, बुद्धिमान और उद्यमी होगा और जीवन के किसी भी क्षेत्र में काम करते हुए राष्ट्र-निर्माण में योगदान कर सकता है। इसलिए आज के युवा की यह जिम्मेदारी है कि वह अपने स्तर पर नई शिक्षा नीति के बारे में अन्य लोगों को जागरूक करें।
एंप्लॉयमेंट यानी रोजगार को लेकर चर्चा करते हुए आदेश गुप्ता ने कहा कि आज भारत गिग इकोनामी की ओर बढ़ रहा है जिसके अंतर्गत फ्रीलान्स कार्य और एक निश्चित अवधि के लिये प्रोजेक्ट आधारित रोजगार शामिल हैं। आप सरकारी, प्राइवेट नौकरी करते हुए या पढ़ाई करते हुए भी अपनी सहूलियत के हिसाब से काम कर सकते हैं। यानी कंपनी आपको तय समय में प्रोजेक्ट पूरा करने के एवज में भुगतान करती, इसके अतिरिक्त किसी भी चीज से कंपनी का कोई मतलब नहीं होता। टेक्नोलॉजी के विकास के साथ लोगों को गिग अर्थव्यवस्था में अनेक तरह के रोजगार विकल्प मिल रहे हैं। गिग इकॉनमी, भारत में रोजगार के रूप में एक नई अर्थव्यवस्था तेजी से उभर रही है जिसमें युवाओं का अहम योगदान है। इस क्षेत्र को लेकर लोगों का नजरिया बदलने की भी जरूरत है।
एंटरप्रेन्योरशिप यानी उद्यमिता पर प्रकाश डालते हुए श्री गुप्ता ने बताया कि युवा जॉब सीकर (नौकरी खोजने वाले) नहीं बल्कि जॉब क्रिएटर (नौकरी देने वाले) बनें।आज के परिपेक्ष में नौकरी पाना नहीं, बल्कि नौकरी देना चुनौती है। यह नए भारत का विजन है। उद्यमिता के लिए सपना, उत्साह और विश्वास जरूरी है। कोई भी नौकरी कितनी ही बड़ी क्यों न हो, होती नौकरी ही है, जबकि अपने छोटे उद्यम के भी हम मालिक होते हैं।  उनके जीवन का यही लक्ष्य चाहिए कि वह और लोगों के लिए क्या कर सकते, उन्हें रोजगार दे सकते हैं, उनसे जुड़ सकते हैं और देश की अर्थव्यवस्था में अपना योगदान सुनिश्चित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि उद्यमिता देश में संतुलित आर्थिक विकास एवं पिछड़े क्षेत्रो का विकास को बढ़ावा देती है। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर देश की पहचान को बढ़ावा के लिए देश में उद्यमिता को प्रोत्साहित किए जाने की आवश्यकता है।
एंपावरमेंट का मतलब सशक्तिकरण की चर्चा करते हुए श्री गुप्ता ने कहा कि भारत सरकार भी युवाओं के नेतृत्व वाले विकास का लक्ष्य रखती है। युवाओं को प्रोत्साहित और सशक्त बनाने के लिए, केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय युवा नीति शुरू की है। इसका उद्देश्य सही दिशा में युवाओं की क्षमता को प्रसारित करना है जो राष्ट्र को समग्र रूप से मजबूत बनाने में मदद करेगा। समाज में व्याप्त समस्याओं के बारे में जागरूक करना और उन्हें इस बात के बारे में शिक्षित करना कि वे कैसे इसे खत्म करने की दिशा में योगदान कर सकते हैं, इसके लिए युवाओं को सशक्त करना आवश्यक है। जब देश के युवा अपने कौशल और क्षमता का पूरा उपयोग करेंगे और राष्ट्र निश्चित रूप से विकसित होगा और दुनिया भर में पहचाना जाएगा।
सिद्धार्थन ने कहा कि भारत जैसे विकासशील राष्ट्र के लिए युवा या छात्र एक खजाना है, जो अमूल्य और अनमोल है। उनके पास भविष्य को अच्छे या बुरा के लिए बदलने की शक्ति है। किसी भी राष्ट्र की प्रगति उनके युवाओं पर निर्भर करती है, जो सामंजस्यपूर्ण विकास के रास्ते पर राष्ट्र को ले जाने में अपनी अहम जिम्मेदारी निभाते हैं। भारत ऐसा राष्ट्र जिसके पास ऊर्जावान, जिज्ञासु और परिश्रमी युवा हैं और उन्हें अपने स्वयं के विकास के लिए एक मजबूत आधार बनाने और काम करने का पर्याप्त अवसर प्रदान करने में सक्षम है।

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