माफ़ी मांगने से पहले जनता को भ्रष्टाचार से अर्जित अकूत संपत्ति का ब्यौरा दें तेजस्वी
Date posted: 7 July 2021
पटना: तेजस्वी की माफ़ी को ढ़कोसला बताते हुए भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन ने आज कहा कि अपने झूठ और दुष्प्रचार के सारे हथकंडे फ़ेल हो जाने के बाद राजद के युवराज अब जनता से माफ़ी मांगने का एक नया ढोंग रचते हुए जनता को बरगलाने की कोशिश करने में जुट गये हैं। इनकी यह माफ़ी ‘नौ सौ चूहे खाकर बिल्ली चली हज को’ वाली कहावत को चरितार्थ करती है। बहरहाल युवराज यह जान लें कि अब न तो तो बिहार पहले वाला है और न ही बिहारवासी पहले जैसे हैं। जनता अब उनकी चिकनी चुपड़ी बातों में आने वाली नहीं है।
श्री रंजन ने कहा कि हर आपदा में लापता हो जाने वाले तेजस्वी शायद नहीं जानते कि उनके राज में हुए कुकर्मों की सूचि इतनी लंबी है कि वह माफ़ी मांगते-मांगते थक जायेंगे लेकिन बिहार जनता उन्हें और उनकी पार्टी को माफ़ करना तो दूर वैसा सोच भी नहीं सकती। तेजस्वी को ज्ञात भी नहीं होगा कि उनके शासनकाल की भयावहता ने कितने मासूमों का जीवन लीला है। उन्हें नहीं मालूम कि उनके राज में सत्ता की शह पर मदमस्त अपराधियों ने कितनों की खून-पसीने की गाढ़ी कमाई को लूट कर अपनी जेबें भरी हैं। उनके कारण ही बिहारियों को रोजी-रोटी के बिहार से पलायन करने के लिए मजबूर होना पड़ा था। दहशत के कारण लोग दिन में भी घर से निकलने से डरते थे और आज तेजस्वी जी चाहते हैं कि लोग यह सब भूल कर उन्हें माफ़ कर दें।
उन्होंने कहा कि तेजस्वी अगर हकीकत में अपने माता-पिता के कुशासन के लिए बिहार की जनता से माफ़ी चाहते हैं तो उन्हें कोरी लफ्फाजी से आगे बढ़कर कुछ करना होगा। उन्हें चाहिए कि भ्रष्टाचार से अर्जी हुई अपनी अकूत संपति को सार्वजनिक करें और उनके राज में जितनों की हकमारी हुई है, उन्हें उनका वाजिब हक वापस लौटा दें। इसके अतिरिक्त उन्हें कसम खाना चाहिए कि वह राजद से परिवारवाद की समाप्ति कर वहां लोकतंत्र स्थापित करेंगे।
भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष ने कहा कि लोग यह जानते हैं कि अगर तेजस्वी सही में राजद के कार्यकाल में हुए गुनाहों को लेकर शर्मिंदा होते तो कुतर्कों के सहारे उनका बचाव कभी नहीं करते। इसी तरह अगर उनमें बिहार और बिहारवासियों से थोड़ा भी लगाव होता तो वह हर आपदा में बिहार छोड़कर कभी भी भाग खड़े नहीं होते। इसके अलावा तेजस्वी खुद आगे बढ़कर कांग्रेस जैसे देश के सबसे बड़े भ्रष्टाचारी दल के साथ अपना गठबंधन तोड़ देते। इससे साफ़ है कि तेजस्वी की कथनी और करनी में भारी अंतर है। तेजस्वी यह जान लें कि सिर्फ बोल देने से जनता के रुख में कोई बदलाव नहीं आने वाला। जनता उनकी सच्चाई जानती है और वक्त आने पर अपना जवाब जरुर देगी।
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