भाजपा ने बस खरीद में दिल्ली सरकार द्वारा करोड़ों रूपये के घोटाले की पुलिस जांच की मांग की
Date posted: 16 March 2021

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के विधायक दल ने केजरीवाल सरकार पर 1000 सी.एन.जी. बसों की खरीद में करोड़ों रुपये के घोटाले का आरोप लगाते हुए दिल्ली पुलिस से इस मामले की जांच करने की मांग की है। नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी के नेतृत्व में भाजपा के सभी आठ विधायकों ने आज इस मामले में सतर्कता विभाग के विशेष पुलिस आयुक्त से भेंट कर उन्हें एक ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में दिल्ली सरकार द्वारा 1000 लो फ्लोर बसों की खरीद में घोटाला किए जाने का आरोप लगाते हुए इसकी रिपोर्ट दर्ज कर जांच कराने की मांग की है। ज्ञापन देने वाले विधायकों में विजेन्द्र गुप्ता, ओम प्रकाश शर्मा, मोहन सिंह बिष्ट, अनिल बाजपेई, अभय वर्मा और अजय महावर, शामिल हैं। ज्ञापन पर विधायक जितेन्द्र महाजन ने भी हस्ताक्षर किए, लेकिन अस्वस्थ होने के कारण वह दल में शामिल नहीं हो सके।
भाजपा दल विधायकों ने आरोप लगाया है कि केजरीवाल सरकार ने एक हजार बसों की खरीद के लिए दो कंपनियों से 875 करोड़ रुपये का समझौता किया। बाद में इन कंपनियों के लिए अलग से निवेदिता (टेंडर) जारी कर इनके साथ बसों के रखरखाव के लिए 3500 करोड़ रुपये का अनुबंध किया गया। विधायकों ने आरोप लगाया कि बस खरीदने में तो भ्रष्ट्राचार हुआ ही, उनका अनुबंध देने में भी भारी घोटाला किया गया।
नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी और विधायक अजय महावर ने बताया कि बसों की खरीद में तीन साल और 2.10 लाख किलोमीटर तक चलने की वारंटी शामिल है। उसके बावजूद बसों के रखरखाव के नाम पर 3500 करोड़ रुपये का अनुबंध किया गया है, जिसमें वारंटी का समय भी शामिल है। इससे स्पष्ट है कि दिल्ली सरकार एक ही काम के लिए दो बार करोड़ों रुपये का भुगतान कर रही हैं। उन्होंने इस मामले की जांच कर दोषियों की कड़ी सजा देने की मांग की है।
उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार जो कि वास्तव में घोटालों की सरकार है, इस तरह का काम करती रही है। इस बार भी परिवहन विभाग और बोर्ड की बैठक में बसों की खरीद की, लेकिन संख्या अलग-अलग बताई गई। इस मामले में जब विधानसभा में भाजपा विधायको ने सवाल उठाया तो केजरीवाल सरकार की तरफ से कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया। ऐसे में आज भाजपा विधायक दल की ओर से पुलिस के विशेष आयुक्त को ज्ञापन देकर इन सभी मामलों में हुए करोड़ो रुपये के घोटाले की रिपोर्ट दर्ज कर जांच करने की मांग की गई है।
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