भाजपा ने दिल्लीवालों की समस्याओं को लेकर उपराज्यपाल के साथ की बैठक

नई दिल्ली: दिल्ली के लोगों खासकर कोविड मरीजों एवं प्रवासी मजदूरों की समस्याओं को लेकर आज दिल्ली भाजपा अध्यक्ष श्री आदेश गुप्ता एवं अन्य वरिष्ठ नेताओं ने उपराज्यपाल श्री अनिल बैजल के साथ वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से बैठक की एवं अपने सुझाव रखे।

बैठक में सांसद मनोज तिवारी, मीनाक्षी लेखी, रमेश बिधूड़ी, प्रवेश साहिब सिंह, गौतम गम्भीर, नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी एवं विधायक विजेंद्र गुप्ता सहित सभी अन्य भाजपा विधायक सम्मलित हुए।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता एवं अन्य नेताओं ने उपराज्यपाल से कहा कि आज सामूहिक व्यवस्था से काम करने की जरूरत है पर खेद का विषय है कि न तो दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार खुद व्यवस्थाओं को सुचारू करने में कामयाब हो पा रही न ही विपक्ष का सहयोग ले रही है। यहाँ तक की जो नगर निगम पिछले कोविड लाकडाउन में दिल्ली वालों के बड़े सहायक के रूप में उभरे थे आज सरकार उनको भी काम में नहीं जोड़ रही, उन्हें कोविड अस्पताल कक्ष बनाने की अनुमति देने में देर की जा रही है और न ही उन्हे कोरंटाइन सेन्टर बनाने दिये जा रहे हैं।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि उपमुख्य मंत्री मनीष सिसोदिया दावा कर रहे हैं कि दिल्ली में अस्पतालों में आज भी 2500 बेड उपलब्ध हैं पर वास्तविकता है कि मरीज एक-एक बेड पाने को परेशान हैं। इसी तरह ऑक्सीजन की भारी किल्लत के समाचार मिल रहे हैं।
भाजपा सांसदों एवं विधायकों ने उपराज्यपाल से कहा कि दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट आथोरिटी का प्रमुख होने के नाते वह दिल्ली में विभिन्न सेवाओं का समन्वय सुनिश्चित करें। भाजपा नेताओं ने निम्न प्रमुख सुझाव उपराज्यपाल के समक्ष रखे :-
1. नगर निगमों को उनके सभी अस्पतालों में सुविधा अनुसार कोविड-19 कक्ष बनाने की अनुमति दी जाये।
2. नगर निगमों को अविलंब अपने कम्युनिटी सेन्टरों एवं स्कूलों में आवश्यकता अनुसार कोरंटाइन सेन्टर बनाने की अनुमति दी जाये।
3. होम आइसोलेशन के मरीजों को दवाओं की जरूरत है पर घर से बाहर कोई जा नहीं पा रहा। सरकार इसके लियें केन्द्रीकृत व्यवस्था करे।
4. होम आइसोलेशन के मरीजों को डॉक्टरी सलाह न मिलने की बड़ी शिकायतें आ रही हैं …. सरकार पी.बी.एक्स. लाईन सिस्टम की कोविड 19 मेडिकल काउंसलिंग सेवा शुरू करे।
बड़े एन.जी.ओ. को खासकर दिल्ली मेडिकल काउंसल को इस कार्य में भागीदार बनाया जाये।
5. प्रवासी मजदूरों के लिये राशन के साथ ही अस्थाई कैम्प आवास की व्यवस्था की जाये।
पिछला अनुभव बताता है कि प्रवासी मजदूर अगर चले गये तो महीनों लग जायेंगे अर्थ व्यवस्था को वापस उठाने में।
6. परिवार के परिवार होम आइसोलेशन में हैं ऐसे लोगों के लिये घर पर खाना पहुँचाने के लिये अनेक सामाजिक संस्थायें आगे आना चाह रही हैं … सरकार ऐसी संस्थाओं को प्रोत्साहन दे।

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