भाजपा उल्टे सीधे बयान दिलवा कर राजनीति कर रही: अरुण कुमार श्रीवास्तव
Date posted: 13 November 2021
लखनऊ: चुनावों के आते ही राजनेताओं के बोल बिगड़ने शुरु हो जाते है।ताजा उदाहरण भाजपा की सहयोगी निषाद पार्टी के मुखिया संजय निषाद व अभिनेत्री कंगना रनौत का है। एक तरह संजय निषाद ने भगवान राम राजा दशरथ के नहीं बल्कि श्रृंगी ऋषि निषाद के पुत्र थे कह कर विवाद खड़ा कर दिया।
तो वही दूसरी कंगना रनौत ने यह कह कर विवाद खड़ा कर दिया कि भारत को 1947 में जो आजादी वो आजादी नहीं भीख थी और भारत को आजादी 2014 में मिली है।इसी विषय पर बोलते हुये पीस पार्टी के प्रदेश महासचिव व अंतर्राष्ट्रीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव अरुण कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि इलाहाबाद में कार्यक्रम के दौरान संजय निषाद ने हिंदुओं के आराध्य भगवान राम के बारे में गलत बयान देकर भगवान राम की एवं सारे हिंदू समाज की घोर बेज्जती किया है।
कार्यक्रम के दौरान उन्होंनें बताया कि भगवान राम को राजा दशरथ के नहीं बल्कि श्रृंगी ऋषि निषाद के पुत्र थे, हालांकि बाद में कथित रूप से उन्होंने अपनी बात पर माफी मांग लिया है।यह बार-बार हिंदू धर्म को कहीं ना कहीं किसी न किसी तरह से अपमानित करते रहते हैं जो घोर ही निंदा जनक है। पौराणिक कथाओं के अनुसार ऋषि श्रृंगी ने महाराज दशरथ को पुत्रेष्टि यज्ञ कराया था जिसके बाद अयोध्या के राजा दशरथ की तीनों पत्नियों को खीर खाने के लिए दी गई थी और उसके उपरांत उन्हें संतान उत्पत्ति हुई थी। इस धूर्त विधान परिषद सदस्य के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि भगवान राम का जन्म उनकी मां को खीर खाने के बाद हुआ यह गलत है। यह कहता है कि खीर खिला देने से कहीं बच्चे का जन्म होता है।संजय निषाद के अनुसार राजा दशरथ के संतान नहीं हो रही थी तो उन्होंने निषाद श्रृंगी ऋषि से कथित यज्ञ कराया, यज्ञ मात्र दिखावा करने के लिए ही था और खीर वाली बात सम्मानजनक रूप से बात को छिपाने के लिए कहानी है। उन्होंने भगवान श्रीराम को दशरथ का तथाकथित पुत्र और ऋषि श्रृंगी निषाद का असली पुत्र कहा था जिससे वह भगवान राम को अपनी जाति का बता सके। यह घोर आपत्तिजनक और अपमानजनक बात है।क्टी दूसरी तरफ एक इंटरव्यू में कंगना रनौत ने कहा कि भारत को 1947 में आजादी नहीं भीख मिली थी और भारत को आजादी 2014 में मिली है जो बहुत ही शर्मनाक है और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का घोर अपमान है।
कंगना राणावत ने इस तरह का अपमानजनक बयान देकर बाल गंगाधर तिलक ,सरदार वल्लभभाई पटेल, महात्मा गांधी, चंद्रशेखर आजाद, राजगुरु ,सुखदेव ,भगत सिंह, बटुकेश्वर दत्त, सुभाष चंद्र बोस, दुर्गा भाभी, और ऐसे न जाने कितने स्वतंत्रा संग्राम सेनानियों और शहीदों का अपमान किया है जो घोर निंदा जनक है तथा आपत्तिजनक है और देशद्रोह की श्रेणी में आता है।कंगना रनौत और संजय निषाद दोनों के ऊपर देशद्रोह का मुकदमा किया जाना चाहिए लेकिन क्योंकि इससे भारतीय जनता पार्टी की टीआरपी बढ़ रही है और वह किसी न किसी बहाने से चर्चा में बनी रहना चाहती है। इसलिए उसने इस तरह के लोगों को पाल रखा है जो समय-समय पर इस तरह की भाषा में कुछ ना कुछ बकते रहे और जनता में भाजपा की चर्चा होती है।यदि संजय निषाद जैसे व्यक्ति ने किसी इस्लामिक देश में इस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया होता या भारत हिंदू राज्य होता तो ऐसे व्यक्ति को सरेआम ईशनिंदा के आरोप में चौराहों पर बेइज्जत किया जाता और शायद मौत की सजा दे दी जाती मगर यह हमारे सनातन धर्म की सहनशीलता की पराकाष्ठा है कि हम ऐसे लोगों को भी बर्दाश्त कर रहे हैं और ऐसे लोग भी एक वर्ग के नेता बने हुए हैं।इसकी जितना भी घोर निंदा की जाए वह कम है।भारतीय जनता पार्टी को और देश के जिम्मेदार लोगों को कंगना राणावत और संजय निषाद के विरुद्ध कार्यवाही करनी चाहिए और इनके विरुद्ध आवाज उठानी चाहिए और संजय निषाद को अविलंब विधान परिषद की सदस्यता से निष्कासित कर दिया जाना चाहिए तथा कंगना रनौत से पद्मश्री अवार्ड वापस लिया जाना चाहिए क्योंकि यह देश का अपमान है वैसे भी कंगना रनौत को पद्म पुरस्कार उनके गुण दोष के आधार पर नहीं बल्कि भाजपा का प्रचार करने के आधार पर दिया गया है।
Facebook Comments