भाजपा नेताओं ने की उपराज्यपाल से हस्तक्षेप की मांग: आदेश गुप्ता

नई दिल्ली:  दिल्ली प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष आदेश गुप्ता और दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने आम आदमी पार्टी सरकार की उस घोषणा पर सख्त एतराज किया है जिसमें कहा गया है कि दिल्ली के 72 लाख राशनकार्ड धारकों को मई और जून महीने का राशन दिल्ली सरकार की तरफ से मुफ्त दिया जा रहा है। भाजपा नेताओं ने कहा कि यह जनता के साथ सरासर धोखा है।

यह राशन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की घोषणा के अनुसार दिल्ली सरकार को मुफ्त उपलब्ध कराया जा चुका है। दिल्ली सरकार का इस राशन से कुछ लेना-देना नहीं है। दिल्ली सरकार की बस इतनी जिम्मेदारी है कि इस राशन को जनता तक पहुंचाए। शर्मनाक बात यह है कि यह राशन पहले ही दिल्ली सरकार को उपलब्ध कराया जा चुका है लेकिन अब तक उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंचा।
श्री गुप्ता और बिधूड़ी ने कहा है कि दिल्ली में हर राशनकार्ड धारक को 8 किलो गेहूं और 2 किलो चावल प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत मुफ्त उपलब्ध किया जा चुका है। यह मदद मई और जून के दो महीने के राशन के लिए केंद्र सरकार द्वारा दी जा रही है। इस योजना पर केंद्र सरकार हर महीने करीब 250 करोड़ रुपए खर्च कर रही है। पिछली बार लाॅकडाउन के दौरान केंद्र सरकार ने गरीबों को छह महीने का राशन मुफ्त दिया था। अब दिल्ली सरकार के खाद्य-आपूर्ति मंत्री ने यह कहा है कि मुफ्त राशन दिल्ली सरकार की तरफ से दिया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा है कि यह फैसला शुक्रवार को एक मीटिंग में लिया गया।
भाजपा नेताओं ने कहा है कि यह जनता के साथ खुली धोखाधड़ी है। यही नहीं, आम आदमी पार्टी सरकार इस राशन को उपभोक्ताओं तक न पहुंचाकर अपराध भी कर रही है और गरीबों को भूखा रख रही है। मई महीने के 15 दिन बीत चुके हैं और केंद्र द्वारा उपलब्ध कराया गया यह राशन अभी तक उपभोक्ताओं को नहीं बांटा गया। राशन बांटने का औपचारिक आदेश हर महीने पहली तारीख को जारी करना होता है लेकिन दिल्ली सरकार ने अब तक यह आदेश जारी नहीं किया। यही वजह है कि राशन की दुकानों से लोग निराश लौट रहे हैं। आम आदमी पार्टी अपनी ओछी राजनीति के कारण गरीबों के मुख से निवाला छीन रही है।
श्री गुप्ता और श्री बिधूड़ी ने कहा है कि अगर दिल्ली सरकार अपनी तरफ से दिल्ली के गरीबों को मुफ्त राशन देना चाहती है तो वह अलग से इसका इंतजाम करे। दिल्ली सरकार यह भी बताए कि आखिर दिल्ली के खजाने से कितना पैसा खर्च करके वह गरीबों को राशन दे रही है। सच्चाई यह है कि इस बार लाॅकडाउन में दिल्ली सरकार ने गरीबों के लिए भोजन का कोई इंतजाम नहीं किया। गरीबों के यहां चूल्हा नहीं जल रहा क्योंकि दिल्ली सरकार ने अदालत के निर्देश के बावजूद अपनी तरफ से जनता को भोजन नहीं पहुंचायाऔर केंद्र द्वारा भेजे गए राशन को अपनी राजनीति चमकाने के लिए रोका हुआ है।
भाजपा नेताओं ने उपराज्यपाल अनिल बैजल से अनुरोध किया है कि वह मामले में हस्तक्षेप करें और गरीबों को राशन तुरंत पहुंचाने का निर्देश दें। इस मामले की जांच भी कराई जाए ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके।

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