भाजपा का बस खरीद मामले में डीटीसी मुख्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन
Date posted: 7 July 2021

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक गोयल देवराहा के नेतृत्व में ओबीसी मोर्चा के कार्यकर्ताओं द्वारा आज केजरीवाल सरकार द्वारा बस खरीद मामले में 5000 करोड़ रुपये के घोटाले के खिलाफ आई.टी.ओ. चौराहे से लेकर डीटीसी मुख्यालय तक जोरदार विरोध प्रदर्शन किया गया। विरोध प्रदर्शन में विधायक श्री अजय महावर, अभय वर्मा और अनिल वाजपेयी, प्रदेश भाजपा मीडिया प्रमुख नवीन कुमार जिंदल ने प्रदर्शनकारियों को सम्बोधित किया और भाजपा ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष श्री संतोष पाल ने मंच संचालन किया।
प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक गोयल देवराहा ने कहा कि बसों की तीन वर्ष की गारंटी रहती है। ऐसे में रखरखाव के लिए किसी निजी कंपनी से करार करने की जरुरत क्या है। बसों की खरीद पर जितनी राशि खर्च होगी उससे अधिक राशि उसके रखरखाव के लिए करार किया गया है। 1000 बसों के लिए 900 करोड़ रुपये और उसके रखरखाव के लिए 3500 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष है। डी.टी.सी. में पहले से ही बसों की रखरखाव के लिए कर्मचारी हैं, वे क्या करेंगे?
श्री गोयल ने केजरीवाल सरकार को घोटाले की सरकार बताते हुए कहा कि एक के बाद एक दिल्ली की जनता का पैसा लूटा है, वह बहुत शर्म की बात है। लगातार घोटाले चाहे वह टैंकर घोटाला हो, टीकाकरण घोटाला हो, सिवील डिफेंस घोटाला और डीटीसी बस घोटाले से दिल्ली की जनता समझ चुकी है कि केजरीवाल आपदा में भी लूटने का काम किया है। दिल्ली में जब केजरीवाल की सरकार आई तो उस वक्त बसों की संख्या 7000 थी लेकिन अब वह घटकर 3600 रह गई है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली की हर क्षेत्र में हालत बद से बदतर हुई है। गत 4 वर्षों में करोड़ो के बजट के बावजूद दिल्ली के लिए बस नहीं खरीदी गई, एक स्कूल नहीं खोला गया, एक कॉलेज नहीं खोला गया और स्वास्थ्य सेवाओं की सच्चाई तो यह कि जनता ने अभी हाल ही में झेली है। उन्होंने कहा कि इस घोटाले को विधानसभा में भी उठाया गया था, लेकिन सत्ता के मद में चूर आम आदमी पार्टी ने बहुमत के नीचे इसे दबाने का प्रयास किया था।
अजय महावर ने कहा कि दिल्ली में आज 15000 बसों की जरूरत है लेकिन पिछले 7 सालों में केजरीवाल सरकार ने एक भी बस की खरीद नहीं की। आज जितनी बसें दिल्ली की सड़कों पर चल रही है उनमें से सभी बसें सितंबर तक सड़कों से हटा ली जाएगी क्योंकि उनकी मियाद पूरी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल और उच्चतम न्यायालय के आदेशों के अनुसार इन बसों को फिर से सड़कों पर नहीं उतारा जा सकेगा। इसलिए एक तरफ दिल्ली में बसों की भारी कमी हो जाएगी जबकि नई बसों की खरीद में घोटालों के चलते स्वयं सरकार ही बसों की खरीद पर रोक लगा दी है।
अभय वर्मा ने परिवहन निगम के भ्रष्टाचार आयुक्त की रिपोर्ट को भी सार्वजनिक करने की मांग करते हुए कहा कि इस मामले में उपराज्यपाल ने 16 जून को इस मामले की जांच के लिए एक समिति बनाने की बात कही थी। जबकि दिल्ली सरकार ने इस मामले में 11 जून को ही बसों की खरीद रोकने का फैसला ले लिया गया था। इससे साफ जाहिर होता है कि परिवहन निगम में बड़े स्तर पर हुए भ्रष्टाचार से घबराकर सरकार ने रोक लगाई और अब इसके लिए उपराज्यपाल द्वारा गठित समिति का बहाना लिया गया।
अनिल बाजपेयी ने कहा कि गत 13 वर्षों में दिल्ली परिवहन निगम ने एक भी बस नहीं खरीदी। निगम के पास जो 3500 बसें हैं उनमें से अधिकांश बसें जल्दी ही सेवा से बाहर हो जायेंगी क्योंकि उनकी आयुसीमा पूरी हो जाएगी। इसके बाद दिल्ली में बस व्यवस्था ठप हो जाने का खतरा बन जाएगा।
प्रदेश भाजपा मीडिया प्रमुख नवीन कुमार जिंदल ने केजरीवाल सरकार पर हर मामले में झूठे वायदों करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यमुना को टेम्स और शिक्षा को वर्ल्ड क्लास बनाने का वायदा किया, लेकिन सच्चाई सबके सामने हैं। उन्होंने कहा कि आखिर केजरीवाल नई पीढ़ी को कैसी दिल्ली देना चाहते हैं क्योंकि एक तरफ बेरोजगारी बढ़ रही है और दूसरी ओर जिनके पास रोजगार है उन्हें निकाला जा रहा है। यही नहीं जिस तरह से राशन से लेकर स्वास्थ्य मामले में भ्रष्टाचार किया गया है, उसे पूरी दिल्ली ने देखा है और इसका जवाब जल्द मिलने वाला है।
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