दिल्ली में पानी की कमी को लेकर बहने लगा है खून: आदेश गुप्ता
Date posted: 30 April 2022
नई दिल्ली: एक तरफ दिल्ली में गर्मी पिछले कई सालों का रिकॉर्ड तोड़ रही है तो दूसरी तरफ राजधानी में पीने के पानी की भारी किल्लत ने लोगों को रुला दिया है। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने केजरीवाल सरकार की लोगों के लिए पीने का पानी तक सुलभ न करवा पाने के लिए कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि मुफ्त पानी के चक्कर में लोग पानी से ही मुक्त हो चुके हैं और अब तो स्थिति यह हो चुकी है कि पानी के लिए खून तक बहने लगा है।
प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि पिछले पांच वर्षों से दिल्ली में पाइप लाइन से पानी देने का दावा करने वाली केजरीवाल सरकार की हकीकत यह है कि जहां पाइप लाइन बिछा दी है, वहां भी लोग पानी खरीद कर पीने को मजबूर हैं और जहां पर पानी आ रहा है, वह इतना बदबूदार और गंदा है कि वह पीने लायक नहीं है। दिल्ली की 40 प्रतिशत बीमारियों का कारण वही बदबूदार पानी ही है। उन्होंने कहा कि एक ओर दिल्ली में बढ़ती गर्मी लोगों को मार रही है तो दूसरी ओर बूंद-बूंद पानी के लिए लोग तरस रहे हैं।
गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल सरकार कहती है कि दिल्ली के 93 प्रतिशत कॉलोनियों के अंदर पाइपलाइन बिछा दी गई है तो उसमें पानी क्यों नहीं आ रहा है। इतना ही नहीं साल 2014 से पहले जब कांग्रेस की सरकार थी तो पानी टैंकरों पर 1109 करोड़ रुपये खर्च होते थे क्योंकि अधिकांश कॉलोनियों में पानी की सप्लाई नहीं थी, लेकिन केजरीवाल सरकार का दावा है कि अगर 93 प्रतिशत कॉलोनियों में पाइप लाइन बिछा दी गई है तो पानी टैंकरों पर 1783 करोड़ रुपये का खर्च क्यों हो रहा है। आखिर यह पैसा किसकी जेब में जा रहा है। यह टैंकर माफिया और आम आदमी पार्टी के गठजोड़ के बीच भ्रष्टाचार का एक नतीजा है।
आदेश गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा दिल्ली जलबोर्ड को 57000 करोड़ रुपये स्वच्छ जल उपलब्ध कराने के नाम पर दिए गए लेकिन इसके बाद भी लोग स्वच्छ पानी के लिए तरस रहे हैं। दिल्ली की 40 प्रतिशत आबादी के पास अभी भी जल बोर्ड का पानी नहीं पहुंच पाया है। दिल्ली को जितना पानी चाहिए उतना जल बोर्ड पूर्ति ही नहीं करता। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने पानी के इंतजाम के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाये जिससे लोग मजबूर होकर पानी खरीद रहे हैं। जिन क्षेत्रों में टैंकर से पानी सप्लाई होता है, वहां के लोग भी टैंकर माफियाओं को पैसे देने पर मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि हज़ारों शिकायतों के बावजूद केजरीवाल सरकार या जल बोर्ड ने कभी टैंकर माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं की बल्कि उन्हें संरक्षण ही दिया है।
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