मेट्रो फेज-4 के विस्तार को बाधित कर जनता के साथ विश्वासघात कर रही है केजरीवाल सरकार-डाॅ. उदित राज
Date posted: 3 January 2019
नई दिल्ली, 03 जनवरी। भाजपा के वरिष्ठ नेता और सांसद डाॅ. उदित राज ने दिल्ली के विकास में बाधा बन रही केजरीवाल सरकार के कामों को उजागर करते हुये आज दिल्ली भाजपा कार्यालय में पत्रकारों को सम्बोधित किया। पत्रकार वार्ता में प्रदेश प्रवक्ता श्री राजकुमार भाटिया, मीडिया प्रमुख श्री अशोक गोयल देवराहा एवं प्रोजेक्ट निदेशक श्रीमती रेखा वोहरा उपस्थित थीं।
डाॅ. उदित राज ने कहा कि 2015 से लगातार प्रयास के बाद रोड ओवरब्रिज घेवरा, किराड़ी और नरेला में मंजूरी मिली, कई सरकारी विभागों के शामिल होने की वजह से इस काम को अंत तक लाने में समय लगा। दुर्भाग्य हमारी व्यवस्था का है कि इस तरह की परियोजनायें पूरी होने में कभी-कभी दशकों लगा देती हैं जैसे कि सिग्नेचर ब्रिज और रानी झाँसी फ्लाईओवर रोड आदि। इस कार्य में एमसीडी, शहरी विकास मंत्रालय, पीडब्ल्यूडी एवं डीडीए इत्यादि विभागों की सहमती जरुरी थी। जहाँ-जहाँ रोड ओवेरब्रिज बनना है वह इस प्रकार हैं – किराड़ी रेलवे क्रासिंग नंबर 12 सी तथा घेवरा क्रासिंग नंबर 18 सी, रोहिणी जोन एवं नरेला मंडी क्रासिंग नंबर 16 नरेला जोन। इन परियोजनाओं को पूरा करने में 282.70 करोड़ रूपये लगना है जिसमे जो जमीन अधिग्रहित करनी है उसके एवज 111.82 करोड़ रूपये दिल्ली सरकार को देना है। 177 करोड़ रूपये शहरी विकास मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है। ज्ञात रहे कि 80 प्रतिशत पैसा शहरी विकास मंत्रालय का होगा और 20 प्रतिशत एमसीडी का। चूँकि उत्तरी नगर निगम के पास धन अभाव है इसलिये इस असाधारण परिस्थिति को देखते हुए शहरी विकास मंत्रालय ने नगर निगम का 20 प्रतिशत पैसा देने के लिए सहमत (प्रपत्र 5 नवम्बर 2018 संलग्न है) भेजा है।
जमीन मुहैया कराने के लिए डॉ. उदित राज दिल्ली के मुख्यमंत्री से मिलकर प्रस्ताव दिया कि शहरी विकास मंत्रलाय या नगर निगम के अधीन जमीन उपलब्ध कराने का कोई प्रावधान नहीं है अतः राज्य सरकार जमीन उपलब्ध कराने का पैसा दे। उसके पश्चात् दिल्ली मुख्यमंत्री कार्यालय से जवाव भेजा गया कि वो जमीन उपलब्ध कराने का पैसा तभी देंगे जब पूरा पैसा अर्थात 282.70 करोड रूपये भी वही लगायें। यदि दिल्ली सरकार के पास इतना अधिक पैसा है तो 177 करोड़ रूपये कहीं अन्य विकास कार्य में लगाये, दिल्ली में तमाम अनधिकृत कॉलोनी हैं जहाँ पर मुलभूत सुविधाएं भी नहीं हैं तो वहां क्यों नहीं इस पैसे का इस्तेमाल नहीं होता है। इस तरह के श्रेय लेने की होड़ में इस कार्य में बाधा पहुँच रही है इसके अतिरिक्त सूखी नहर पर भी अंडरपास बनना है उसमे भी हम सहयोग की राज्य सरकार से अपेक्षा करते हैं।
डाॅ. उदित राज ने कहा कि दिल्ली मेट्रो फेज 4 को लेकर केजरीवाल सरकार की अड़चनों से पहले से ही काफी देरी देख चुका यह प्रॉजेक्ट और देरी की ओर जा रहा है। दिल्ली सरकार ने ऑपरेशनल घाटे की शेयरिंग और बाहरी कर्जों की देनदारी से जुड़ी 2 नई शर्तें जोड़ी हैं। दिल्ली सरकार अब मांग कर रही है कि ऑपरेशनल घाटे को दिल्ली और केंद्र बराबर-बराबर वहन करें। उन्होंने कहा कि केजरीवाल दिल्ली मेट्रो फेज-4 को जानबूझ कर रोक कर इसका आरोप केन्द्र सरकार पर लगाते है ताकि किसी भी तरह से मीडिया की सस्ती लोकप्रियता को अपने पक्ष में कर पाये। ऐसा कर वह दिल्ली की जनता के हितों के साथ खिलवाड़ कर रहे है। दिल्ली की जनता के बीच परिवहन रूपी लाईफ लाइन मेट्रो फेज-4 से दिल्ली के दूर देहात के गांव जुड़ने से वहां के लोगों को बड़ी राहत मिलने वाली है लेकिन आम आदमी पार्टी निगम चुनावों में मिली हार को अभी तक भुला नहीं पाई है और उसका बदला दिल्ली की जनता से ले रही है।
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