राजद के बिना कांग्रेस का वजूद नहीं: राजीव रंजन
Date posted: 5 July 2020
पटना: कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन ने कहा “ कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी द्वारा दिए गये हालिया बयान के बाद यह साफ़ हो गया है कि निखिल कुमार जैसे अपने वरीय नेताओं की सलाह को नजरअंदाज करते हुए बिहार कांग्रेस ने एक बार फिर से राजद के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है. उन्होंने एक तरह से इस बात को स्पष्ट कर दिया है कि बिना राजद के बैसाखी के कांग्रेस दो कदम भी नहीं चल सकती है. इससे एक बार फिर साबित हो गया है कि कांग्रेस इस बात को जानती है कि राजद के सहारे के बिना कांग्रेस का चुनाव लड़ना तो दूर, दो उम्मीदवार ढूँढना भी मुश्किल है.”
भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष ने कहा “ भले ही राहुल गाँधी ने सीधे सीधे कुछ न कहा हो लेकिन उनके बयान का जो अर्थ निकलता है उसने बिहार कांग्रेस के नेताओं को कटघरे में खड़ा कर दिया है. साफ़ है कि बिना किसी जनाधार के लंबी-लंबी हांकने वाले बिहार कांग्रेस के नेताओं ने न सिर्फ जनता और अपने कार्यकर्ताओं को धोखे में रखा है बल्कि उन्होंने अपने शीर्ष नेतृत्व को भी लगातार अँधेरे में रखा है. हकीकत में बिहार कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की यह लंबे समय से मांग रही है कि राजद से अलग हट के इनकी पार्टी अकेले चुनाव लड़े, लेकिन स्वार्थ के कारण इनके नेता सिर्फ अपने फायदे के बारे में सोचते रहे हैं. यही कारण है कि वंशवादी व्यवस्था के कारण कांग्रेस के सेनापति बने राहुल, वंशवाद के दुसरे उदहारण \तेजस्वी के हाथों आज पूरी पार्टी को गिरवी रख रहे हैं.”
श्री रंजन ने कहा “ सिर्फ सत्ता में बने रहने की अपनी चाह के कारण राहुल ने जिस तरह पूरे देश में कांग्रेस की लुटिया डुबोई है, बिहार कांग्रेस के नेताओं ने उसी परिपाटी पर आगे बढ़ते हुए बिहार में कांग्रेस का बेड़ा गर्क कर दिया है. इन्होने सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए पूरी कांग्रेस को पहले लालू जी के चरणों में और अब तेजस्वी के क़दमों में समर्पित कर रखा है. लोग बताते हैं कि, इनके हालात ऐसे हैं कि पार्टी में पद पाने के लिए भी इनके नेता अपने नेताओं के पास जाने की बजाए राजद के दरबार में हाजिरी लगाना उचित समझते हैं. इसी तरह चुनावों में कांग्रेस का कौन नेता किस सीट से चुनाव लड़ेगा इसका अंतिम फैसला भी राजद दरबार से ही होता है.
राजद के सामने इस आत्मसमर्पण के कारण पुराने कांग्रेसीयों ने या तो पार्टी छोड़ दी या उन्हें किनारे कर दिया गया. यही वजह है कि आज इनके पास कार्यकर्ता तो दूर, जनाधार वाले नेता तक बचे नही है. बहरहाल जयराम रमेश द्वारा आइना दिखाने के बाद भी इसकी कतई उम्मीद नहीं की जा सकती कि इनकी पार्टी में कोई सुधार आएगा. कांग्रेस के नेता यह जानते हैं कि अगर उन्होंने राजद के चंगुल से छूटने की थोड़ी भी कोशिश की तो राजद द्वारा पोषित इनके खुद नेता पार्टी के कई टुकड़े कर देंगे.”
Facebook Comments