विधानसभा चुनाव में पांच सीटें भी नहीं जीत पाएगी कांग्रेस: रीता बहुगुणा जोशी
Date posted: 5 December 2021
लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी प्रदेश मुख्यालय पर लोकसभा सांसद डा. रीता बहुगुणा जोशी ने शनिवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में 40 प्रतिशत महिलाओं को टिकट दिये जाने की घोषणा को शगूफा बताते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी को अस्तित्व में आये 150 साल हो चुके है और उसने 70 साल देश पर राज किया है। लेकिन महिलाओं को कभी आठ प्रतिशत से ज्यादा भागीदारी नहीं दी। अब जब उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की जमींन खिसक चुकी है और पार्टी को पांच सीटें जीतने के लाले है। ऐसे समय में प्रियंका वाड्रा महिलाओं को दिवास्वप्न दिखाने में व्यस्त है।
डा. जोशी ने कहा कि अगर कांग्रेस को महिलाओं की चिन्ता थी तो उन्हें यह प्रयोग पंजाब व अन्य राज्य जहां कांग्रेस पार्टी की सरकार है वहां करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस महासचिव को महिलाओं की नहीं उनके वोटों की ज्यादा चिन्ता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार की तुलना में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में बनी केंद्र सरकार को देख लीजिए। भाजपा ने सरकार में 11 महिलाओं को मंत्री बनाया। पहली बार हमारी 17वीं लोकसभा में 78 महिलाएं जीत कर आयीं हैं, उनमें से 41 महिलाएं भारतीय जनता पार्टी की तरफ से जीती हैं। आज पूरे देश के विधायकों की समीक्षा कर लीजिए करीब-करीब 40 प्रतिशत महिलाएं सिर्फ भारतीय जनता पार्टी से जीत कर आयीं हैं और उन्हें बड़े-बड़े अहम पदों पर बिठाया गया हैं। जो कभी सोचा भी नहीं जा सकता था महिलाओं को रक्षा मंत्रालय और वित्त मंत्रालय तक के प्रभार दिये गए। और ऐसी महिलाओं को दिये गये जिनकी कोई राजनैतिक पृष्ठभूमि नहीं थी। लेकिन अपनी एक पहचान और पकड़ थी समाज में।
उत्तर प्रदेश ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में जो काम महिलाओं के लिए पांच वर्षों में किया है वह बहुत ही प्रभावशाली रहा है। हमने नारा दिया था महिला सम्मान, महिला सुरक्षा और महिला स्वावलंबन का। सुरक्षा, सम्मान, स्वावलंबन का नारा देकर लेकर हमारे मुख्यमंत्री चले और इस क्षेत्र में प्रभावशाली कदम उठाए गए। उन्होंने कहा कि सपा-बसपा के शासनकाल में जिस तरह से लड़कियों के साथ अत्याचार होता था, बालिकाओं का रेप होता था, उन्हें मार दिया जाता था और बड़े-बड़े मंत्री-विधायक-सांसद उसमें लिप्त पाए जाते थे और सरकार कोई कार्रवाई नहीं करती थी, बल्कि सरकार उनको बचाने का काम करती थी। उन्होंने कहा कि बांदा का मामला, फैजाबाद का मामला, लखीमपुर खीरी का मामला रहा हो, आपको याद होगा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किस तरह से एक लड़की के साथ गैंगरेप किया गया और उसके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई, क्योंकि एक जाति विशेष का मामला था। लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने योगी सरकार में जीरो टॉलरेंस अगेंस्ट क्राइम की रही है। योगी सरकार में सबसे पहले एंटी रोमियो स्क्वायड को लाया गया कि महिलाओं के प्रति कोई छेड़छाड़ नहीं चलेगी और 10,000 से ज्यादा लोगों को चार्जशीट भी किया गया और चेतावनी भी दी गई, उससे एक वातावरण बना की लड़कियां स्वयं को सुरक्षित महसूस करने लगी, आज 15 सौ से अधिक पुलिस स्टेशन हैं, उनमें महिला डेस्क हैं। महिला थाना बनाने की ओर हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं, पहली बार डेढ़ लाख पुलिसकर्मी की भर्ती में 20 फीसदी महिलाओं की भी नियुक्ति की गई है। इसी प्रकार पीएसी में तीन महिला बटालियन बनाई गई। यह बड़ा कीर्तिमान स्थापित किया गया। प्रदेश के सभी 75 जनपदों में वन स्टॉप सेंटर स्थापित हैं, 181 को सक्रिय किया गया, 112 को सक्षम किया गया, साथ ही साथ मिशन शक्ति के माध्यम से जन जागरण किया गया और 6 करोड महिलाओं तक उनके अधिकारों के बारे में सचेत किया गया।
डा. जोशी ने कहा कि समाजवादी पार्टी के नेता घूम-घूम कर कह रहे हैं कि महिलाओं पर बहुत अत्याचार हो रहा है, कांग्रेस वाले कह रहे हैं बहुत अत्याचार हो रहा है, मैं उनसे पूछना चाहती हूं कि वह आंकड़े देखते हैं या नहीं देखते हैं, नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े देखिए स्पष्ट है कि रेप के मामले में उत्तर प्रदेश में 52 फीसदी की कमी आई है। आज उत्तर प्रदेश में कोई महिलाओं के साथ ज्यादती हो और कोई कार्यवाही ना हो ऐसा इस प्रदेश में अब नहीं होता। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 12 फीसदी दहेज हत्या के मामलों में कमी आई है, 70 फीसदी डकैती और लूट के मामलों में कमी आई है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास के तहत जो आवास मिल रहे हैं उनमें जमीन पर भी नाम महिला का, मकान भी महिला के नाम से है। आज हम स्वयं सहायता समूहों को आगे बढ़ा रहे हैं, स्वयं सहायता समूह की ओर किसी का ध्यान नहीं था। महिलाओं को उत्तर प्रदेश में सक्षम बनाने के लिए उनको स्वावलंबन प्रदान करने के लिए काम किया गया। हर न्याय पंचायत में सामूहिक पिंक टॉयलेट बने, और इनका संचालन स्वयं सहायता समूह को दे दिया गया है। पीडीएस सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत कंट्रोल की दुकानों को भी स्वयं सहायता समूह को दिया जा रहा है, स्वयं सहायता समूह को प्रशासनिक कार्य से जोड़ने का काम तेजी से किया जा रहा है, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान से लिंगानुपात में सुधार हुआ है।
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