श्रमिकों के कल्याण के लिए परिषद करेगी तीन नई योजनाओं का शुभारम्भ

लखनऊ:  उत्तर प्रदेश श्रम कल्याण परिषद की 73वीं बोर्ड की बैठक बापू भवन सचिवालय में परिषद के अध्यक्ष सुनील भराला की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में विभिन्न एजेण्डों एवं मुद्दों पर चर्चा हुई। श्रम कल्याण परिषद के अध्यक्ष सुनील भराला ने बताया कि 10 नवम्बर, 2020 को राष्ट्रऋषि दन्तोपंत के जन्म शताब्दी वर्ष के समापन अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में लोक भवन या कालिदास मार्ग पर कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा, इसमें श्रम कल्याण परिषद की तीन नई योजनाओं का शुभारम्भ किया जायेगा तथा मुख्यमंत्री द्वारा इस अवसर पर परिषद की योजनाओं के लिए पात्र 5100 श्रमिकों को चेक वितरित किये जाएंगे।

उन्होंने बताया कि परिषद ने श्रमिक खेल कल्याण योजना को स्व0 चेतन चौहान एवं अन्य महान विभूतियों के नाम से चलाने का प्रस्ताव लाया है। इसी प्रकार श्रमिक पाठ्य-पुस्तक योजना को महादेवी वर्मा श्रमिक पुस्तक योजना तथा स्वामी विवेकानन्द धार्मिक एवं पर्यटन यात्रा योजना का शुभारम्भ करेगी। उन्होंने बताया कि इसी दौरान श्रम कल्याण परिषद की 2019-20 का लेखा-जोखा से सम्बंधित पुस्तक का विमोचन भी मुख्यमंत्री द्वारा कराया जायेगा।

श्री भराला ने बताया कि विभिन्न कारखानों/दुकानों/प्रतिष्ठानों में कार्य करने वाले तथा 15 हजार रू0 मासिक वेतन पाने वाले श्रमिकों को परिषद की योजनाओं से लाभान्वित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि उ0प्र0 श्रम कल्याण नियमावली 1985 के तहत परिषद में 11 सदस्य होते थे, जिसमें संशोधन करने के पश्चात् 51 सदस्य बनाने का निर्णय लिया गया है। इसमें 40 विशेष आमंत्रित सदस्य श्रमिक व सेवायोजक वर्ग से होंगे। इसी प्रकार बोर्ड में स्वतंत्र प्रतिनिधियों एवं महिला प्रतिनिधियों का प्रतिनिधित्व दो-दो से बढ़ाकर 05-05 सदस्य कर दिया गया है।

श्री भराला ने बताया कि बोर्ड की बैठक में सभी जिलाधिकारियों व मण्डलायुक्तों को निर्देशित किया गया कि जिलों व मण्डलों में श्रम बन्धु एवं उद्योग बन्धु की होने वाली बैठकों में परिषद की योजनाओं की भी समीक्षा की जाय। इसी प्रकार बोर्ड ने यह भी सुनिश्चित किया है कि श्रम विभाग के निष्क्रिय एवं लापरवाह अधिकारियों को चिन्हित कर इनको प्रतिकूल प्रविष्टि दी जाय, जिनका रिपोर्ट कार्ड योजनाओं के लिए पात्रों के चयन में शून्य रहा है। उन्होंने बताया कि बोर्ड की बैठक में उपस्थित होने के लिए सदस्यों को 10 रूपए मानदेय निर्धारित है जोकि अत्यन्त कम है।

नियमावली 1985 के सापेक्ष मूल्य वृद्धि के आधार पर यह मानदेय 6800 रूपए निर्धारित करने के लिए तथा इस पर विचार- विमर्श हेतु सदस्य श्री राधाकृष्ण त्रिपाठी की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई है जो इस मानदेय का निरीक्षण करके अपनी रिपोर्ट अध्यक्ष को सौंपेगी। इसी प्रकार दुकानों, प्रतिष्ठानों एवं कारखानों में श्रमिक पंजीयन में वास्तविकता की जांच के लिए एक समिति का गठन किया गया है जो अपनी रिपोर्ट 30 सितम्बर तक सौंपेगी। उन्होंने परिषद की योजनाओं का प्रचार-प्रसार के लिए क्षेत्रीय कार्यालयों एवं कारखानों में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि इन कार्यक्रमों के आयोजन से श्रमिकों में जागरूकता आयेगी और वे योजनाओं का लाभ लेने के लिए स्वयं आगे आएंगे।

बैठक में बोर्ड के सदस्य राधाकृष्ण त्रिपाठी, कन्हैया लाल, अजित कुमार, शुचिता तिवारी, उमेश चौहान, पंकज गोयल के साथ अपर मुख्य सचिव श्रम सुरेश चन्द्रा, अपर श्रम आयुक्त वी0के0 सिंह, डी0एल0सी0 शमीम अख्तर, सियाराम तथा कोआर्डिनेटर मो0 रिजवान उपस्थित थे।

Facebook Comments