देश-जीवन और आर्थिक दोनों मोर्चा पर लड़ रहा है:  डॉ. प्रेम कुमार

कोरोना वायरस और तेजी से पांव फैला कर हमारी जिंदगी में संक्रमण फैला रहा है। जिंदगी छीन ले रहा है, तो वही भय और संक्रमण के कारण कई उद्योग पर  विपरीत प्रभाव भी डाल रहा है। भारत आज दोहरी मार झेल रहा है। मजदूर अपने घरों को वापस जा रहे हैं ।लॉकडाउन या  पार्ट टाइम बंदी के कारण लोगों के रोजगार छीन रहे है। कोरोना का नया स्टेन पहले की अपेक्षा ज्यादा खतरनाक है, जहां पहले 7 दिनों में फेफड़ों को संक्रमित कर रहा था, अब यह 3 दिन में संक्रमित कर रहा है।

यहां तक कि युवाओं पर भी इस बार संक्रमण का असर हो रहा है और उनकी मौत भी हो रही है। इस बार 2 गज की दूरी नही नहीं, बल्कि 6 गज तक की दूरी प्रभावित कर रहा है। अब जरूरी हो गया है कि घरों में भी मास्क का प्रयोग जरूर करें। वही जोखिम बढ़ने से घरेलू निवेश में सुधार में देरी हो सकती है। ऐसे में अर्थव्यवस्था मुश्किल दौर में फिर पहुंच सकती है। विश्व बैंक ने कहा है कि समूचा दक्षिण एशिया गरीबी उन्मूलनमे  मिले फायदे को गवां सकता है।

इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन ने कहा कोरोना वायरस सिर्फ वैश्विक स्वास्थ्य संकट नहीं ,बल्कि एक बड़ा लेबर मार्केट और आर्थिक संकट भी बन गया। दुनिया भर में बचत और राजस्व के रूप में जमा खरबों डॉलर स्वाहा हो चुका है ।वहीं दूसरी ओर भारत में ऑक्सीजन की मांग जहां 7 हजार मीट्रिक टन है उत्पादन क्षमता हमारे पास 78 हजार मीट्रिक टन है, लेकिन परिवहन क्षमता, रखरखाव, वितरण की सिस्टम सही नही होने से समस्या पैदा हुई है।

भारत सरकार ने वैसे भी उत्पादन 90 हजार टन तय किया है। सिस्टम ठीक हो चुका है विदेशों से मिल रही मदद से जल्द ही स्थिति बेहतर होगी।अभी देश मे मात्र 28 लाख 82 हजार 204 एक्टीभ केस है। भारत की आबादी 138 करोड़ है ,जबकि विश्व की 65 देशों की कुल आबादी 136.95 करोड़ है।इस कारण से भी स्थिति संभालने में थोड़ी दिक्कत आ रही है। हम आम लोगों से अपील करते हैं सभी लोग घरों में रहें, सुरक्षित रहें, स्वस्थ रहें।

Facebook Comments