रेशपाल अवाना के बेटे पर जानलेवा हमला, पुलिस पर कारवाई ना करने का आरोप
Date posted: 19 February 2022
नोएडा: नोएडा के निठारी गांव निवासी सपा नेता व पूर्व जिलाध्यक्ष सपा रेशपाल अवाना के पुत्र रोहन अवाना पर हुआ जानलेवा हमला।सपा नेता का आरोप है कि पुलिस कारवाई ना करके मामले को दबाने का प्रयास कर रही है।पुलिस को दी शिकायत में उन्होंने बताया कि मेरा पुत्र रोहन अवाना की मुलाकात अभिषेक कसाना से दो माह पहले एक शादी समारोह में हुई थी। अभिषेक अपने मामा देवेंद्र नागर के साथ मिलक गांव में रहता है।
16 फरवरी को मेरा पुत्र रोहन अवाना को अभिषेक कसाना ने तिगड़ी गोल चक्कर के पास बुलाया था।जहां वह अपने दोस्त के साथ मिलने के लिए पहुंचा था। तभी अभिषेक अपनी गाड़ी से फायरिंग करता हुआ आगे बढ़ा जहां रोहन की गाड़ी खड़ी थी। वहां रुकने के बाद उसने व उसके दोस्तों ने गाड़ी पर हमला किया।अभिषेक व उसके साथियों ने मेरी स्कॉरपियो गाड़ी यूपी 16 बीएल 0355 पर हमला किया। वह घटना के बाद तेजी से अपनी स्कॉर्पियो यूपी 16 सीडी 5152 में बैठकर फरार हो गए।यह घटना आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हुई है। इसके चलते मामले की शिकायत बिसरख थाने में दी गयी। कोतवाल यसपाल धामा ने तहरीर लेकर कार्रवाई का भरोसा दिया।
उसके बाद आरोपी के मामा को थाने में बुलाया भी गया।पूछताछ भी की गई लेकिन अगले ही दिन पुलिस ने घटना को गाजियाबाद का मामला कहकर घटना को दबाने का प्रयास किया। जबकि घटना का सीसीटीवी फुटेज वह घटनास्थल पर पढ़े हुए गाड़ी के शीशे का वीडियो भी उनको दिखाया गया।सारे सबूत होने के बाद भी वह घटना को दबाने में लगे हुए हैं और पुलिस ने अबतक कोई कार्रवाई नहीं की है।वरिष्ठ अधिकारी भी मामला को गाजियाबाद का बताकर ध्यान भटकाना चाहते है।घटना के तीन बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इससे मेरे पुत्र पर जान का खतरा बना हुआ है।थाना अध्यक्ष यशपाल धामा से लेकर वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से बात होने के बावजूद कोई,सुनवाई नहीं हो रही है।
पुलिस दबाव में आकर कार्रवाई नहीं कर रही है। प्रदेश सरकार बड़े बड़े दावे करती है कि जिले में कानून व्यवस्था में सुधार हुआ है, लेकिन पुलिस दबाव में काम कर रही है। एक पक्ष की नहीं सुनी जा रही है। अगर हमारे साथ ऐसा होगा तो आम जनता के साथ क्या हो रहा है। सब जानते हैं। अभिषेक कसाना व उसके दोस्तों द्वारा कार का शीशी तोड़े जाने का फुटेज भी है, लेकिन पुलिस कार्रवाई से बचने के लिए इसे गाजियाबाद का बताकर वहां मुकदमा दर्ज कराने को कह रही है।
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