अपनी सुविधानुसार समय और स्थान बताएं केजरीवाल, भाजपा नेता बताएंगे तीनों कृषि कानून के फायदे

नई दिल्ली, 27 दिसम्बर। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता और दिल्ली भाजपा पूर्व अध्यक्ष एवं सांसद मनोज तिवारी ने तीनों कृषि कानूनों पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के संदेहों को दूर करने के लिए निमंत्रित किया था और इंतजार करते रहे लेकिन मुख्यमंत्री नहीं आए। उन्होंने मुख्यमंत्री केजरीवाल को खुली चुनौती देते हुए कहा कि अगर वह नहीं आ सकते तो अपनी सुविधानुसार समय और स्थान बता दें हम वहां आकर आपको कानून के फायदे समझा देंगे।

इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि दूसरे राज्यों में जाकर मुख्यमंत्री केजरीवाल कहते फिरते हैं कि कृषि कानून क्या, उसके क्या लाभ हैं और जब आज उनको यह समझाने के लिए बुलाया, तो आए नहीं। उन्होंने कहा कि 23 नवम्बर को केजरीवाल ने तीनों कृषि कानून में से एक कानून को नोटिफाई किया था, और अब इन कानूनों का विरोध कर खुद को किसान हितैषी साबित करने की कोशिश कर रहे। उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने स्वयं विस्तार में बताया है कि नए कृषि कानूनों से न न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था खत्म होगी, न ही मंडी व्यवस्था खत्म होगी, और न ही किसानों को जमीन चले जाने का खतरा होगा, बल्कि इन कानूनों के लागू होने से किसानों की आय दोगुनी होगी, वह समृद्धशाली होंगे और उनके पास यह अधिकार होगा कि अधिक मुनाफे के लिए वह मंडी या मंडी से बाहर कहीं भी अपनी फसल को बेच सकते हैं। लेकिन दिखावे के लिए केजरीवाल ने विधानसभा में कानून की प्रतियां फाड़कर अपनी ओछी मानसिकता का परिचय दिया।
सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि केजरीवाल कह रहे हैं की कृषि कानून के क्या फायदे हैं यह भाजपा समझाएं इसलिए हमने उन्हें आवास पर आमंत्रित किया लेकिन वह नहीं आए। उन्होंने कहा कि कुछ दिनों पूर्व ही निगम के तीनों महापौर और पार्षद मुख्यमंत्री के दरवाजे के बाहर कई दिन रहे लेकिन मुख्यमंत्री केजरीवाल घर से बाहर निकल कर उनसे मिलने तक नहीं आए। उन्होंने कहा कि हमने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा लिखित पत्रक के माध्यम से तीनों कृषि कानूनों की जानकारी लोगों तक पहुंचाई है, जिसमें स्पष्ट रूप से विपक्ष द्वारा फैलाया जा रहा छूट और उसका सच लिखा गया है। यह लिखित में दिया गया है कि अग्रीमेंट फसलों के लिए होगा न कि जमीन के लिए, परिस्थिति चाहे जो भी हो किसानों की जमीन से कांट्रेक्टर का कोई लेना-देना नहीं होगा, फार्मिंग एग्रीमेंट में  कृषि उपज का खरीद मूल्य दर्ज किया जाएगा, किसानों का भुगतान 3 दिन के अंदर करना होगा। लिखित में यह फायदे भी मुख्यमंत्री केजरीवाल को समझ में नहीं आ रहे हैं।

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