दिल्ली भाजपा ने आयोजित की किसान महापंचायत, किसानों ने जताया मोदी का आभार

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किसानों के हित में लाया गया कृषि सुधार कानून किसानों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन विपक्ष किसानों को भ्रामक जानकारी देकर उन्हें गुमराह कर रहे हैं। किसानों को कृषि सुधार कानून की सही जानकारी देने के लिए आज से दिल्ली भाजपा किसान मोर्चा द्वारा किसान महापंचायत की शुरुआत की गई। आज दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता, नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी, सांसद प्रवेश साहिब सिंह और प्रदेश किसान मोर्चा अध्यक्ष विनोद सहरावत ने नजफगढ़ में आयोजित किसान महापंचायत को संबोधित किया। उपस्थित किसानों ने कृषि सुधार कानून का समर्थन किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का आभार जताया।

प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने उपस्थित किसानों का अभिवादन करते हुए कहा कि किसनों के हित में मोदी सरकार ने कृषि सुधार कानून बनाए हैं और इससे पहले भी मोदी सरकार ने किसानों के विकास और उन्नति के डॉ स्वामीनाथन आयोग रिपोर्ट के सुझावों को लागू किया, फसल बीमा योजना, क्रेडिट कार्ड योजना, सॉइल हेल्थ कार्ड योजना, नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट जैसे अनेक ऐतिहासिक फैसले लिए जिसका लाभ आज देश के करोड़ों किसानों को हो रहा है। उन्होंने कहा कि देश में 6 दशक कांग्रेस का शासन रहा लेकिन कांग्रेस ने किसानों के हित में कोई कदम नहीं उठाया बल्कि इसके विपरीत बिचौलियों के साथ मिलकर किसानों का शोषण किया। प्रधानमंत्री पद की शपथ लेते हुए मोदी जी ने संकल्प लिया था देश के अन्नदाता किसानों की आय दुगुनी करने की दिशा में काम करने का और इस संकल्प को पूरा भी किया। कांग्रेस की सरकार कृषि बजट अधिकतम 16-17 हजार करोड़ का होता था लेकिन मोदी सरकार आने के बाद यह बजट 1 लाख 34 करोड़ हो गया है।  उन्होंने कहा कि सॉयल हेल्थ कार्ड योजना के अंतर्गत 22 करोड़ 51 लाख किसानों का सॉयल हेल्थ कार्ड बनाया गया, वहीं फसल बीमा योजना के तहत लगभग 9 करोड़ किसान पंजीकृत हुए हैं और किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत 70.32 लाख क्रेडिट कार्ड बांटे गए जिसके माध्यम से कुल 62708 करोड़ का लोन किसानों को दिया गया।
आदेश गुप्ता ने कहा कि कृषि सुधान कानून आने के किसानों की दिशा और दशा में सुधार होगा, लेकिन अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए विपक्ष उन्हें भड़का रही है। उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य सिस्टम खत्म नहीं होगा, एएमपीसी मंडिया बंद नहीं होंगी यानी किसानों को एमएसपी मूल्य मिलता रहेगा और न ही किसानों की जमीन कोई नहीं छीन सकता। कृषि सुधार कानून से किसानों की आय बढ़ेगी, किसान अधिक दाम के लिए मंडी से बाहर भी अपनी फसल बेच सकता है। किसानों को फसल के मूल्यों में अप्रत्याशित उतार-चढ़ाव से मुक्ति मिलेगी, उच्च मूल्य की नई किस्मों के लिए बाजार उपलब्ध होगा, फसल बुआई से पहले और कटाई के बाद,  दोनों स्थिति में आवश्यकता से अनुरूप कमाई के बेहतर विकल्प होंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल दिल्ली के किसानों की दुर्दशा की सुध नहीं लेते हैं लेकिन किसानों के हितैषी बनने का नाटक करने के लिए किसान आंदोलन में जा रहे हैं। एकमात्र भारतीय जनता पार्टी सरकार ही है जो किसानों के दर्द को समझती है और उनके हितों में काम करने के लिए कटिबद्ध है।
नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि लंबे समय से भाजपा दिल्ली के किसानों के हित की लड़ाई लड़ रही है। आजादी से पहले देश के किसानों को मुगलों ने लूटा और आजादी के बाद कांग्रेस ने। उन्होंने दिल्ली के किसानों की हालत पर चर्चा करते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री स्व. साहिब सिंह वर्मा जी ने मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए जो विकास कार्य दिल्ली के लिए किया उसे वर्तमान की दिल्ली सरकार जारी नहीं रख पाई। देहात के लिए स्व. साहिब सिंह वर्मा जी ने देहात के लिए कॉलेज, बारात घर एवं विभिन्न सुविधाएं दिलाई, यहां तक की किसानों की जमीन का लाल डोरा करवाने का काम भी उन्होंने शुरू करवाया। केजरीवाल सरकार ने पिछले 6 वर्षों में कोई नया कॉलेज नहीं बनवाया लेकिन देहात के 2 कॉलेज को बंद करवाना चाहते हैं।
केजरीवाल सरकार के दोहरे चरित्र को उजागर करते हुए रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि खुद को किसानों का मसीहा बताने का नाटक करने वाले मुख्यमंत्री केजरीवाल अन्य राज्यों में जाकर प्रचार करते हैं कि वह दिल्ली के किसानों से गेहूं 2600 रु/क्विंटल और धान 2700 रु/क्विंटल खरीद रहे हैं जबकि वास्तविकता ये है कि दिल्ली के किसानों को केजरीवाल सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मुल्य भी नहीं मिल रहा है। दिल्ली के किसानों को सबसे महंगी बिजली मिलती है और कृषि उपकरणों पर भी सब्सिडी नहीं दी जाती है। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने तो पराली से खाद बनाने का भी झूठा प्रचार करवाया, आज भी दिल्ली के गांवों के खेतों में पराली का अंबार लगा है, खाद तो नहीं बने लेकिन किसानों पर 50,000 रुपए का जुर्माना जरूर लग रहा है। उन्होंने कहा कि कृषि सुधान कानून आने से किसान नई तकनीकों से जुड़ेंगे, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और किसानों की आय दुगुनी करने का संकल्प पूरा होगा।
सांसद प्रवेश साहिब सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल देश के किसानों के लिए उपवास रखने का ढ़ोंग करते हैं लेकिन कई वर्षों से दिल्ली के किसानों को खेती का मुआवजा न मिलने के विषय पर चुप्पी साध लेते हैं। केजरीवाल सरकार के शासन में न मिनी ग्रोथ सेंटर बना, न नया कॉलेज बना, 2-4 स्कूल की फोटो प्रचारित कर कहतें हैं शिक्षा व्यवस्था सुधार दी, स्वास्थ्य सेवाएं दी लेकिन कोरोना महामारी आने पर केजरीवाल सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की पोल खुली और दो बार माननीय गृहमंत्री अमित शाह जी ने हस्तक्षेप कर दिल्ली के लोगों को सुरक्षित रखने का कार्य किया। केजरीवाल बताएं कि कितनी बार वह देहात में आकर किसानों से मिले हैं? विधानसभा चुनाव करीब आते ही केजरीवाल सरकार ने कहा कि वह दिल्ली में भी डॉ स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करेंगे लेकिन नहीं किया और न एमएसपी योजना को दिल्ली में लागू किया। यह केजरीवाल नहीं नटवरलाल है जो किसानों से झूठ बोलकर उन्हें गुमराह करते हैं। उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने स्वंय कहा है कि एमएसपी योजना लागू रहेगी, मंडी व्यवस्था भी जारी रहेगी, किसानों का भुगतान तय समय सीमा के अंदर होगा। मोदी सरकार द्वारा राम मंदिर निर्माण में आ रही बाधाओं को दूर किया, कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए समाप्त किया जिससे विपक्ष को बेहद तकलीफ है इसलिए अब कृषि सुधार कानून को लेकर विपक्ष ने किसानों को भड़काने में लगी है।
प्रदेश किसान मोर्चा अध्यक्ष विनोद सहरावत ने कहा कि मोदी सरकार पूरी तरह से किसानों और गरीबों को समर्पित है और उनका हर काम किसानों के हित में है। केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के किसानों को किसान का दर्जा न देकर उन्हें केंद्र की ओर से मिलने वाले लाभों से वंचित रखा, ऐसे में उन्हें देश के किसानों के हित में बात करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
इस अवसर पर जिलाध्यक्ष विजय सोलंकी, नजफगढ़ जिला किसान मोर्चा अध्यक्ष रमेश गहलोत, जिला प्रभारी सुरेंद्र मटियाला, पूर्व विधायक राजेश गहलोत, प्रदेश प्रवक्ता खेम चंद शर्मानेहा शालिनी दुआ, किसान मोर्चा उपाध्यक्ष ओम सहरावत, जितेंद्र सिंह, कृष्ण गहलोत, रमेश सौखंदा, अंचल शर्मा, मुकेश मिश्रा, चौधरी रतीराम, चौधरी करतार सिंह, चौधरी कंवर सिंह चेयरमैन, ईश्वर प्रधान, सुंदर डागर, रतनलाल, बांके पहलवान, संजय मान, अमर सिंह, राजेंद्र डागर, देवेंद्र डबास, अनूप यादव, राजपाल राणा, सहित किसान नेता व कई गांव के सैंकड़ों किसान उपस्थित थे।

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