दिल्ली जल बोर्ड के निजीकरण के प्रयासों पर विराम लगाएगी दिल्ली भाजपा

नई दिल्ली:  दिल्ली सरकार के अधीन आने वाली दिल्ली जल बोर्ड जानबूझकर दिल्ली वासियों को जहरीला और गंदा पानी सप्लाई कर रही है ताकि दिल्ली जल बोर्ड के निजीकरण को सही ठहराया जा सके। दिल्ली सरकार द्वारा दिल्ली जल बोर्ड के निजीकरण के लिए किए जा रहे प्रयासों के खिलाफ आज दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली भाजपा महिला मोर्चा कार्यकर्ताओं ने दिल्ली जल बोर्ड मुख्यालय के बाहर प्रचंड प्रदर्शन किया।

प्रदर्शन के उपरांत आदेश गुप्ता ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नाम का ज्ञापन दिल्ली जल बोर्ड को सौंपा। इस प्रदर्शन में दिल्ली भाजपा महिला मोर्चा अध्यक्ष योगिता सिंह, दिल्ली भाजपा उपाध्यक्ष राजन तिवारीजयवीर राणा, प्रदेश मीडिया प्रमुख नवीन कुमार, प्रदेश प्रवक्ता ऋचा पांडे मिश्रा, कार्यालय मंत्री हुकम सिंह, जिला अध्यक्ष राजेश गोयल, श्याम बाला, सोना कुमारी, विशाखा सैलानी पुष्पा राजपूत रेनु सिंह, पूनम गुप्ता एवं महिला मोर्चा की पदाधिकारी सहित सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि बिजली हाफ और पानी माफ के वादे पर सरकार में आई आम आदमी पार्टी ने 24 घंटे साफ पानी देने का वादा किया था, लेकिन आज दिल्ली वासी अमोनिया युक्त पानी पीने को मजबूर हैं। अमोनिया युक्त जहरीला पानी देकर दिल्ली जल बोर्ड लोगों के स्वास्थ्य और जीवन के साथ जो खिलवाड़ कर रही है उसे दिल्ली भाजपा हरगिज बर्दाश्त नहीं करेगी। दिल्ली सरकार ने दिल्ली वालों से 14 एस.टी.पी. लगाने का वादा किया था, लेकिन छह साल में एक भी एस.टी.पी. नहीं लगाया गया। जमीनी स्तर पर काम करने की बजाए दिल्ली सरकार दिल्ली वासियों की गाढ़ी कमाई का पैसा चैक चैराहे पर मुख्यमंत्री केजरीवाल के चमकते हुए चेहरे वाली होर्डिंग लगाने में बर्बाद कर रही है।
आदेश गुप्ता ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड 1998 के बाद से घोटालों का केन्द्र रहा है और आपके शासनकाल में भी पूर्ववर्ती शीला दीक्षित सरकार के समय के घोटाले चाहें वह टैंकर घोटाला हो या पानी की लाईन बिछाने का घोटाला हो या फिर नालों की सफाई का सब बदस्तूर चल रहे हैं जिस सब ने दिल्ली जल बोर्ड की आर्थिक स्थिति पूरी तरह खोखली कर दी है। जो दिल्ली जल बोर्ड केजरीवाल सरकार आने पहले लाभ में चलता था वह देखते देखते भारी आर्थिक नुकसान का केन्द्र बन गया है। दिल्ली जल बोर्ड का करीब 7300 करोड़ रुपए का बजट कहां खर्च किया, इसका कोई हिसाब ही नहीं है। यही नहीं बल्कि केजरीवाल सरकार का 60000 करोड रुपए का बजट है उसमें से भी दिल्ली जल बोर्ड को लगभग 47000 करोड़ रुपए के आर्थिक संसाधन उपलब्ध कराए और देखते देखते वह पैसा भी मुख्यमंत्री की तस्वीर लगाकर प्रचार और घोटालों की भेंट चढ़ गया। बिना राजनीतिक संरक्षण के दिल्ली जल बोर्ड इतना बड़ा घोटाला कैसे कर सकता है? उन्होंने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण करने के नाम पर दिल्ली सरकार कभी पटाखों पर बैन लगाती है, कभी ऑड-ईवन लेकर आती है, तो कभी रेड लाइट ऑन इंजन ऑफ जैसे नुस्खे लेकर आती है जो हर बार फेल होती है। 2018 में दिल्ली सरकार ने ग्रीन बजट की घोषणा की जिसमें 26 प्रमुख वादे किए गए थे जो पूरे नहीं किए गए। स्मॉग टावर लगाने से लेकर इलेक्ट्रिक बस के वादे भी समय के साथ  धुंधले हो गए और सड़कों पर सिर्फ दिखा मुख्यमंत्री केजरीवाल की मुस्कुराती हुई तस्वीर वाली होर्डिंग।
आदेश गुप्ता ने कहा कि दिल्ली वासियों की समस्याओं का हल करने के लिए दिल्ली सरकार गंभीर नहीं है। टैंकर घोटाले की जानकारी होने के बाद भी दिल्ली सरकार अपने विधायकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की उल्टा लोगों को टैंकरों से पानी खरीद कर पीने को मजबूर कर दिया। अधिकांश अंधिकृत कालोनियां आज भी पाइपलाइन से पीने के पानी की बाट जोह रहीं हैं। गत 5 वर्ष में वाटर ट्रीटमेंट ऑफ सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का न रखरखाव हुआ, न ही गली मुहल्लों में पुरानी पड़ी सीवर एवं न ही पानी की पाईप लाईनों का रखरखाव किया गया जिसके चलते करोड़ों दिल्ली वाले आज दूषित जल पी कर बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। दिल्ली जल बोर्ड इस हद तक भ्रष्टाचार के आकंठ में डूब चुकी है कि 2016 से कर्मचारियों का प्रोविडेंट फंड उनके वेतन से काटे जा रहे हैं लेकिन ऑल खातों मे जमा नहीं किया जा रहा है।सरकार निजीकरण की राह पर लगातार बढ़ रही है। अब दिल्ली सरकार रेवन्यू बढ़ाने की आस दिखा कर लाई गयी 1 आपरेटर 1 जोन योजना लेकर आई है जो दिल्ली जल बोर्ड के निजीकरण की ओर पहला कदम है। दिल्ली भाजपा दिल्ली वासियों के हित के लिए, उनके सहूलियत के लिए, उनके हक के लिए कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध है और दिल्ली सरकार द्वारा दिल्ली जल बोर्ड के निजीकरण के प्रयासों को सफल नहीं होने देगी।

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