कोरोना की संभावित तीसरी लहर के लिए दिल्ली तैयार नहीं दिखती: गुप्ता
Date posted: 10 August 2021
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नई दिल्ली: कोरोना की तीसरी लहर के संभावित खतरे को देखते हुए दिल्ली के स्वास्थ्य ढ़ाचे में आज तक कोई सुधार नहीं किया गया जिसका ख़ामियाज़ा एक बार फिर से दिल्ली की जनता को भुगतना पड़ेगा। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तो विज्ञापनों और झूठ के दम पर हर क्षेत्र को ‘वर्ल्ड क्लास’ बनाने का दावा करते हैं, लेकिन वास्तविकता ये है कि पिछले एक साल में दिल्ली के अस्पतालों में केवल 628 विस्तरों की बढ़ोत्तरी हुई है।
एक आर.टी.आई. का हवाला देते हुए आदेश गुप्ता ने कहा कि जब आम आदमी पार्टी की सरकार सत्ता में आई तब दिल्ली में 9 हजार से ज्यादा विस्तर थे जबकि 30 मार्च 2021 तक इनकी संख्या 10993 तक ही बढ़ी है। उन्होंने कहा कि ‘आप’ ने अपने 2015 के घोषणा पत्र में कहा था कि दिल्ली के अस्पतालों में उपलब्ध 10 हज़ार विस्तरों को हम बढ़ाकर 40 हज़ार कर देंगे। इतने वर्षों में 30 हज़ार तो दूर मुख्यमंत्री केजरीवाल की सरकार 1000 विस्तर भी नहीं बढ़ा पायी है।
श्री गुप्ता ने कहा कि लोगों को झूठ और विज्ञापनों के दम पर बहलाने और भ्रम फैलाने वाली ‘आप’ का वायदा था कि वे अतर्राष्ट्रीय मापदण्ड के अनुरुप दिल्ली में प्रति एक हज़ार जनसंख्या पर पांच विस्तर सुलभ कराएगी। घोषणा पत्र में जिन 30 हज़ार बिस्तरों को बढ़ाने का वायदा किया गया था। उनमें से चार हज़ार जच्चा-बच्चा के लिए बताया गया था लेकिन ये सब आज भी कागजों तक ही सीमित है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ने अपने सत्ता में रहने के दौरान एक भी अस्पताल नहीं बनवाया और न ही स्वास्थ्य ढांचे को बढ़ाने पर ध्यान दिया है।
आदेश गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार ने जिस तरह से पहली और दूसरी कोरोना की लहर में लापरवाही दिखाई, अगर वैसे ही हालात रहे तो यह वास्तव में घातक सिद्ध होंगी। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार को संभावित तीसरी लहर के लिए सभी जरूरी इंतजाम पहले से करने चाहिए न कि लहर आने पर हाथ खड़े कर अपनी जिम्मेदारियों को केंद्र सरकार पर डालने की कुप्रयास करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि दिल्ली को कोरोना की सबसे बुरे दौर से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए क्योंकि आशंका जताई जा रही है कि दिल्ली में तीसरी लहर के दौरान प्रतिदिन 40 हज़ार तक मामले आ सकते हैं जिनमें से 9000 मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ सकती है। इस स्थिति से निपटने के लिए 500 मीट्रिक टन तक ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ेगी। इसके लिए जरुरत है कि दिल्ली के अधिकतम अस्पतालों में ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित करने की जरुरत है। साथ ही सरकार ऑक्सीजन लाने-ले जाने के लिए 20 टन क्षमता के छोटे और 100 टन क्षमता के बड़े ऑक्सीजन टैंकर भी जरुरत पड़ेगी।
श्री गुप्ता ने कहा कि कई विशेषज्ञों ने दिल्ली में तीसरी लहर अक्टूबर-नवंबर तक आने की आशंका व्यक्त की है। ऐसे में केजरीवाल को अपने वर्ल्डक्लास मोहल्ला क्लीनिक में इस बार कम से कम जांच और टीकाकरण की व्यवस्था जरूर कर लेनी चाहिए ताकि लोगों को घर के पास ही प्राथमिक और जरूरी उपचार मिल सके। उन्होंने इस बार एम्बुलेंस सेवा, दवाइयों, ऑक्सीजन सीलेंडर, जरूरी संयंत्र के साथ-साथ आईसीयू बेड को बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाने को भी कहा है।
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