ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों को लेकर दिल्ली सरकार जनता को भ्रमित कर रही है: गुप्ता

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता एवं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई मौतों को लेकर दिल्ली सरकार लोगों को भ्रमित कर रही है।

प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने आज एक प्रेसवार्ता में कहा कि दिल्ली सरकार ऑक्सीजन के मामले पर जनता को भ्रमित करने व मीडिया के बीच अपनी झूठी राजनीति करने का काम कर रही है जो कि बहुत निंदनीय है। कोरोना के समय दिल्ली सरकार ऑक्सीजन की सप्लाई सुनिश्चित करने, ऑक्सीजन के टैंकरों का इंतेज़ाम करने व ऑक्सीजन के प्लांटो को लगाने की जगह राजनीति करती हुई ज़्यादा दिख रही थी जिसका खामियाज़ा दिल्ली की जनता ने भुगता है। जब माननीय उपराज्यपाल ने एक एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया जो है और ऑक्सीजन के मामले पर दिल्ली PCRP, ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई मौतों की जांच कर रही है ऐसे में दिल्ली सरकार बार-बार ऐसे मुद्दों को मीडिया के सामने ला रही हैं जिससे उसकी कमियाँ उजागर ना हो सके जबकि वास्तविकता यह है कि ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई मौत पर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया लगातार झूठ बोल रहे हैं और दिल्ली की जनता को गुमराह कर रहे हैं। यह बिल्कुल ऐसा लग रहा जैसा कि ’चोर मचाये शोर’।
श्री गुप्ता ने कहा कि 10 अगस्त को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एक प्रेसवार्ता की और केन्द्र सरकार से कहा कि ऑक्सीजन की कमी के कारण कितनी मृत्यु हुई है इसके बारे में हमें कोई चिट्ठी नहीं मिली है जो कि सब झूठ था क्योंकि 11 अगस्त को देश के स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने स्पष्ट रूप से कहा कि उनके मंत्रालय ने दिल्ली सरकार को 26 जुलाई को ही इस विषय में मेल भेज दिया था कि उनकी सरकार समीक्षा करके स्वास्थ्य मंत्रालय को जरूरी डाटा भिजवा दें। जिसकी कॉपी उन्होंने सार्वजनिक रूप से मीडिया और सोशल मीडिया पर दिखाई थी और 10 अगस्त को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री कह रहे हैं कि हमें कोई चिट्ठी ही नहीं मिली है।
आदेश गुप्ता ने कहा कि झूठ बोलने की भी सीमा होती है। आम आदमी पार्टी की प्रत्येक मुद्दे पर झूठ बोलने की पुरानी आदत है और जब इनके उपमुख्यमंत्री के झूठ का पर्दाफाश हो गया तो उन्होंने प्रेसवार्ता के माध्यम से अनर्गल बातें करना शुरू कर दीं और आज तक दिल्ली सरकार ने केन्द्र सरकार को कोई भी डाटा नहीं भेजा। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार को अस्पतालों का डाटा इकठ्ठा करके केन्द्र सरकार को भेजना था जिसके लिए कमेटी की नहीं सही नीयत की ज़रूरत थी जो कि दिल्ली सरकार ने नहीं किया।
आदेश गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार की नीयत शुरू से ही खराब थी। वह काम करने के बजाय झूठ बोलने में विश्वास रखते थे और जब दिल्ली में अप्रैल व मई के माह में ऑक्सीजन की ज़रूरत थी तब भी केन्द्र सरकार ने दिल्ली में ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराई, लेकिन दिल्ली सरकार अस्पतालों तक ऑक्सीजन की सप्लाई सुनिश्चित करने में असफल रही जिसके कारण बहुत से लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी।
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने ऑक्सीजन की मांग को ज़रूरत से ज़्यादा बताया और जब सुप्रीम कोर्ट ने ऑक्सीजन ऑडिट की बात कही तो तुरंत दिल्ली सरकार ने यू-टर्न लिया और उन्होंने कहा कि हमें इतनी ऑक्सीजन की ज़रूरत नहीं है बाकि ऑक्सीजन आप दूसरे राज्यों को भेज दें। एक तरफ जब महामारी का पीक पीरियड था तो केजरीवाल सरकार ने 976 MT की मांग की थी और जब सुप्रीम कोर्ट ने ऑडिट की मांग की तो तुरंत उन्होंने अपनी मांग घटाकर 582 MT कर दी।
श्री गुप्ता ने कहा कि दिल्ली में अरविंद केजरीवाल ने ऑक्सीजन को लेकर पहलेऑ पैनिक और भय पैदा किया और उसके बाद जब सुप्रीम कोर्ट ने ऑक्सीजन ऑडिट की बात कही तो आपका झूठ पकड़ा गया तो ’आप’ ने यू-टर्न लिया। अगर दिल्ली सरकार ने कोई काम किया होता तो सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाया गया पैनल ऑक्सीजन ऑडिट ऑफ एनसीटी दिल्ली इसकी जांच नहीं कर रहा होता। जिसने अपनी 25 जून की अंतरिम रिपोर्ट में माना है कि दिल्ली सरकार ने ज़रूरत से चार गुना ज़्यादा ऑक्सीजन की डिमांड की थी।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाये गये इस पैनल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि दिल्ली सरकार ने ऑक्सीजन होते हुए भी दिल्ली के अस्पतालों को ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं करायी जिसके कारण बहुत से नामी अस्पतालों में लोगों को अपनी जानें गंवानी पड़ीं और वास्तविकता यह है कि दिल्ली सरकार इस रिपोर्ट से डरी हुई क्योंकि उन्हें लगता है कि इस रिपोर्ट द्वारा उनके काले कारनामे जनता के सामने आयेंगे जिसके डर के कारण उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया फिज़ूल बयान दे रहे हैं और जांच कमेटी नहीं बनने दे रहे हैं।
आदेश गुप्ता ने कहा कि ऑक्सीजन से हुई मृत्यु का डाटा इकठ्ठा करने और उसको रिलीज़ करने से दिल्ली सरकार को किसने रोका है। इसका जवाब मनीष सिसोदिया और केजरीवाल को देना पड़ेगा कि वो जिस तरह कि बहानेबाज़ी और नाकामी दिखा रहे हैं वो सिर्फ और सिर्फ अपनी कमियों पर पर्दा डाल रहे हैं। उन्होने कहा कि मैं दिल्ली सरकार से बस इतना कहूँगा कि ’तू इधर-उधर की बात न कर ये बता कि ऑक्सीजन की कमी से मृत्यु कैसे हुई? सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाये गये ऑडिट पैनल के बाद ’आप’ ने ऑक्सीजन की डिमांड कम क्यों कर दी? इसका भी जवाब केजरीवाल सरकार को देना पड़ेगा और 25 जूलाई को जब केन्द्र सरकार ने चिठ्ठी लिखकर जवाब मांगा तो फिर ने आप ने झूठ क्यों बोला? इसका जवाब भी आपको देना होगा क्योंकि कहीं न कहीं दाल में कुछ काला है और जिसके कारण दिल्ली सरकार इधर-उधर की बातें कर रही है।
नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली सरकार के पास संपूर्ण जानकारी है कि कितने लोगों की मौतें कोरोना से हुई, कितने लोग दिल्ली में बीमार हुए और कितने लोग बीमारी से ठीक हो गये, ये सारी जानकारी दिल्ली सरकार के पास है। मगर मुझे शर्म आती है कि जब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया कहते हैं कि हमारे पास कोरोना से हुई मौतों का कोई डाटा नहीं है।
रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली के बत्रा हॉस्पिटल मैनेजमेंट ने हाईकोर्ट में बताया है कि ऑक्सीजन की कमी से कितने लोगों की मृत्यु हुई है और यह भी कहा है कि इसके लिए अरविंद केजरीवाल की सरकार ज़िम्मेदार है जो समय पर हॉस्पिटल में ऑक्सीजन नही पहुँचा पायी क्योंकि इनके पास तो ऑक्सीजन टैंकर ही नहीं थे। जयपुर गोल्डन हॉस्पिटल के मैनेजमेंट ने भी हाईकोर्ट में यह जानकारी दी है कि ऑक्सीजन की कमी के कारण कितने लोगों की मौतें हुई हैं इसके लिए दिल्ली सरकार ही ज़िम्मेदार है।
उन्होंने कहा कि मैं अरविंद केजरीवाल और सिसोदिया से बस इतना कहूँगा कि वो झूठ बोलना बंद करें और जो उन्होंने वादा किया था कि ऑक्सीजन की कमी के कारण जिसकी मृत्यु हुई है उनके परिजनों को 10-10 लाख रूपये और इलाज के दौरान हॉस्पिटल में हुए खर्च को भी दिल्ली सरकार वहन करेगी। उस वादे को जल्द से जल्द पूरा करें।
प्रदेश कार्यालय में हुए प्रेसवार्ता में मुख्य रूप से दिल्ली भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक गोयल देवराहा, प्रदेश प्रवक्ता यासिर जिलानी व ममता काले भी उपस्थित रहीं।

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