दिल्ली सरकार से आग्रह, कोरोना ड्यूटी पर तैनात शिक्षकों के लिए सुरक्षा उपकरण मुहैया करवाएं और सुरक्षा सुनिश्चित करें: चहल

नई दिल्ली:  दिल्ली में शिक्षक अपनी जान की परवाह किए बगैर अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं। फ्रंटलाइन वॉरियर्स शिक्षक बच्चों को ऑनलाइन क्लासेज देने के साथ-साथ भोजन व राशन वितरण की भी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। कोरोना ड्यूटी के दौरान लोगों से सीधे संपर्क में आने के कारण शिक्षकों को कोरोनावायरस के संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा है लेकिन फिर भी उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। दिल्ली में कोरोना ड्यूटी पर लगे शिक्षकों की सुरक्षा व्यवस्था और सुविधाओं को लेकर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए दिल्ली भाजपा प्रदेश महामंत्री कुलजीत सिंह चहल ने कहा कि राशन वितरण व अन्य कार्य में तैनात शिक्षक दिन-रात बिना किसी अवकाश के दिल्ली के लोगों की सेवा और सुरक्षा में लगे हैं लेकिन वह सबसे ज्यादा असुरक्षित हैं।

इन्हें सुरक्षात्मक उपकरण जैसे कि पीपीई किट, मास्क, ग्लव्स, सैनिटाइजर इत्यादि भी उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए आवश्यक उपकरण का अभाव और अन्य सुविधाओं से वंचित होने के कारण उन्हें संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा है।

श्री चहल ने कहा कि कई ऐसे शिक्षक है कि जिन की तैनाती अलग-अलग जिले में की गई है लेकिन दिल्ली में उनके रहने का कोई उचित प्रबंध नहीं किया गया है। जो शिक्षक भी हैं जो दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश, हरियाणा के जिलों में रहते हैं वह स्कूल नहीं आ पा रहे हैं जिसके कारण उन्हें शो कॉज नोटिस दिया जा रहा है जो कि उचित नहीं है। कई ऐसे शिक्षक है जो पिछले 40 दिनों से लगातार 12 घंटे की कोरोना ड्यूटी कर रहे हैं जिनका कोरोना टेस्ट करवाना अत्यंत आवश्यक है और इनकी ड्यूटी दूसरों शिक्षकों के साथ फेरबदल कर लगाने की जरूरत है।

श्री चहल ने बताया कि सरकारी स्कूल शिक्षक संघ द्वारा लिखे गए पत्र में शिक्षकों ने समस्याओं को सामने रखा है जिस ओर मैं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं। मेरा दिल्ली सरकार से आग्रह है कि इन समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए शीघ्र ही कोरोना ड्यूटी पर तैनात शिक्षकों के सुरक्षा उपकरण मुहैया करवाएं, दिल्ली से सटे राज्यों के जिलों से आने वाले शिक्षकों से शो कॉज नोटिस को वापस लिया जाए। यह दिल्ली सरकार की जिम्मेदारी है कि वह फ्रंटलाइन वॉरियर शिक्षकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करें और अलग-अलग जिलों में तैनात शिक्षकों के रहने का उचित प्रबंध करें। समय-समय पर शिक्षकों का कोरोना टेस्ट भी अत्यंत आवश्यक है।

Facebook Comments