छठ महापर्व पर लगाए गए प्रतिबंध को तत्काल प्रभाव से वापस लें दिल्ली सरकार
Date posted: 14 November 2020

नई दिल्ली: दिवाली में ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के बाद अब दिल्ली सरकार ने यमुना नदी के किनारे छठ महापर्व पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए आज दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता को संबोधित किया। इस अवसर पर प्रदेश महामंत्री दिनेश प्रताप सिंह, प्रदेश मीडिया प्रमुख नवीन कुमार, दिल्ली भाजपा पूर्वांचल मोर्चा अध्यक्ष कौशल मिश्रा, प्रदेश प्रवक्ता आदित्य झा, यासिर जिलानी एवं छठ समितियों के प्रमुख उपस्थित थे।
इस अवसर पर दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि छठ महापर्व को मनाने पर दिल्ली सरकार द्वारा लगाया गया प्रतिबंध अत्यंत निंदनीय है। दिल्ली सरकार के इस फैसले से साफ जाहिर है कि दिल्ली सरकार की काम करने की कोई नियत ही नहीं है। उन्होंने कहा कि हर साल दिल्ली सरकार छठ महापर्व के लिए पूरी व्यवस्था करती थी और पूर्वांचल के भाई-बहन हर्षोल्लास के साथ छठ पर्व मनाते थे लेकिन इस साल दिल्ली सरकार ने पर्व त्यौहारों को उदासीन बनाने की ठान ली है। पूर्वांचल का बहुत बड़ा वर्ग दिल्ली में रहता है और अधिकतर लोग छोटे-छोटे घरों में रहते हैं जो छठ महापर्व के दौरान यह लोग यमुना किनारे सूर्य की आराधना और प्रकृति की उपासना करते हैं। दिल्ली सरकार के इस फैसले के कारण छठ महापर्व मनाने वाला लोगों की भावनाएं आहत हुई है। समस्याओं का समाधान करने की बजाय दिल्ली सरकार पर्व त्योहारों में विघ्न डाल रही है।
आदेश गुप्ता ने कहा कि यह केजरीवाल सरकार की जिम्मेदारी थी समय रहते छठ घाटों पर सभी व्यवस्था करें ताकि लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए छठ महापर्व मना सकें, लेकिन ऐसा नहीं किया। उन्होंने बताया कि दिल्ली में करीब 1500 छठ घाट हैं जिसमें से जहां लाखों छठ मैया की पूजा करते हैं लेकिन मुख्यमंत्री केजरीवाल उन लोगों को सूर्य की उपासना करने से रोक रहे हैं। भगवान सूर्य की पूजा-अर्चना से रोकने का पाप कर रहे हैं मुख्यमंत्री केजरीवाल?
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने बाजार, मॉल, फुल केपेसिटी के साथ डीटीसी बसें, रेस्तरां चलाने की अनुमति दे दी है लेकिन दिवाली में ग्रीन पटाखों को भी जलाने की अनुमति नहीं दी और अब छठ महापर्व को भी मनाने पर प्रतिबंध लगा रही है। दिल्ली सरकार के अनुसार जो छठ पूजा के लिए घाट पर जाएगा उसे हजारों रुपए का जुर्माना भी लगेगा। अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए केजरीवाल सरकार कब तक पर्व-त्यौहारों पर प्रतिबंध लगाते रहेगी? मुख्यमंत्री केजरीवाल को लोगों से पर्व त्यौहार की खुशियां छीन कर क्या मिलता है? मुख्यमंत्री केजरीवाल से अपील है कि वह धार्मिक भावना का ध्यान रखते हुए छठ महापर्व के पूजन पर लगाई गई पाबंदी को हटाए और संबंधित विभागों को छठ घाटों पर सभी व्यवस्था करने के लिए निर्देशित करें।
प्रदेश महामंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि विधानसभा चुनावों के दौरान मुख्यमंत्री केजरीवाल ने पूर्वांचल के वोटरों को लुभाने के लिए 1108 छठ घाटों को पंजीकृत किया जहां की तैयारियां आम आदमी पार्टी विधायकों के माध्यम से करवाई जाती है। आम आदमी पार्टी विधायक छठ समितियों के प्रमुख से सफेद कागज पर हस्ताक्षर लेकर जो फंड छठ पूजा के लिए दी जाती है विधायक खुद ही रख लेते हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल धर्म विशेष के लोगों के पर्व त्योहारों को टारगेट कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि हम लगातार दिल्ली के उपराज्यपाल के साथ संपर्क में भी है ताकि हिंदुओं की आस्था पर कुठाराघात न लगे। दिल्ली भाजपा पूर्वांचली भाई बहनों के साथ खड़ी है।
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