दिल्ली प्रदेश भाजपा ने विश्व पर्यावरण दिवस पर लगाये 21000 पेड़
Date posted: 6 June 2021
नई दिल्ली: भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं दिल्ली प्रदेश प्रभारी बैजयंत जय पांडा और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने आज विश्व पर्यायवरण दिवस पर 21000 पेड़ लगाने के अभियान की शुरुआत की। प्रदेश कार्यालय में आयोजित इस कार्यक्रम में असम के सह-प्रभारी पवन शर्मा, कार्यक्रम के संचालक प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व विधायक सतप्रकाश राणा सहित भाजपा के अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।
बैजयंत जय पांडा ने कहा कि हमारा जीवन प्रकृति पर निर्भर है, इसलिए यह हम सबकी जिम्मेदारी बनती है कि पर्यावरण के संरक्षण व संवर्धन के प्रति हम संवेदनशील रहें। इस विश्व पर्यावरण दिवस पर हम सब संकल्प लें कि हम पर्यावरण की क्षति को रोकें ताकि प्रकृति के साथ हमारा रिश्ता और गहरा हो सके। उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता पर्यावरण की मार को बाखूबी जानती है। यहां हर साल बढ़ते तापमान और प्रदूषण के बीच किस तरह लोग जी रहे हैं पर्यावरण मे बदलाव का असरव पूरी दुनिया पर पड़ रहा है, लेकिन भारत जैसे देश ज्यादा प्रभावित हो रहे है।
बैजयन्त जय पांडा ने कहा कि विश्व में बढते प्रदूषण के कारण तेजी से बढ़ता तापमान और प्रदूषण इंसानों के साथ-साथ पृथ्वी पर रह रहे सभी जीवों के लिए बड़ा खतरा बन गया है। यही वजह है कि कई जीव-जन्तू विलुप्त हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोग भी सांस से जुड़े कई तरह के रोगों से लेकर अन्य कई गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। इन सबकी रोकथाम और और बिगड़ते पर्यावरण को सुधारने के लिए हम सब को मिल कर बड़े पैमाने पर पेड लगाने का अभियान चलाना होगा।
आदेश गुप्ता ने कहा कि जीवन प्रकृति की देन है, हमे ज्ञात रहना चाहिए कि पर्यावरण की क्षति हमारी ही क्षति है इसलिए प्रकृति का संरक्षण हमारी जिम्मेदारी है। अगर वृक्षारोपण पर ध्यान नहीं दिया जाएगा। पर्यावरण के बिना हम अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते। इसलिए हम अपनी जिंदगी में अगर एक वृक्ष लगा दें तो शायद जिंदगी जीने का मकसद पूरा हो जाये। उन्होंने कहा कि पर्यावरण में बदलाव और उसको पहुंचते नुकसान के लिये हम खुद जिम्मेदार हैं। हम अपने पर्यावरण का ख्याल नहीं रख रहे हैं, यही वजह है कि धीरे-धीरे हमारी जिंदगी मुश्किल होती जा रही है और इसीलिए अब पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करना जरूरी है।
आदेश गुप्ता ने कहा कि आखिर मानव का अस्तित्व प्रकृति पर ही निर्भर करता है। प्रकृति को बचाने के लिए सिर्फ एक अकेला व्यक्ति नही बल्कि पूरे समाज को एकजुट होकर पर्यावरण संरक्षण पर जोर देना होगा। उन्होंने कहा कि सन 1972 में संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से वैश्विक स्तरपर पर्यावरण प्रदूषण की समस्या और चिंता की वजह से विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की नींव रखी गई। इसकी शुरुआत स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में हुई। यहां दुनिया का पहला पर्यावरण सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें 119 देश शामिल हुए थे।
Facebook Comments