देवेश चतुर्वेदी ने जिलाधिकारियों को FPO की नियमित बैठकें कराने के दिए निर्देश
Date posted: 10 October 2020
लखनऊ: प्रदेश में धान के क्रय के लिए प्रस्तावित 4000 क्रय केंद्रों के सापेक्ष अब तक 1460 क्रय केन्द्र खोले गये है, जिनसे धान का क्रय किया जा रहा है। जिलाधिकारी अपने-अपने जनपद में आवश्यकतानुसार केन्द्रों को खुलवाकर निर्धारित समर्थन मूल्य पर उनका क्रय कराकर किसानों को लाभान्वित कराये।
किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान के विक्रय, पराली प्रबन्धन तथा भारत सरकार द्वारा किसानों के लिए पारित तीनों लाभकारी अधिनियमों के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। यह बातें गत दिवस मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद और बरेली मण्डल के मण्डलीय रबी उत्पादकता गोष्ठी के अवसर पर सम्बन्धित मण्डलायुक्त/जिलाधिकारियों एवं अन्य सम्बन्धित विभागों के मण्डलीय एवं जनपदीय अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा ने कही।
सिन्हा ने कहा कि जनपदों में रबी के लिए बीजों आदि की आवश्यकता की समीक्षा कर समय से पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करायी जाए। कृषक उत्पादक संगठन बाजार की माॅग के अनुसार कृषि उत्पादन, उनके मूल्य सम्वर्द्धन एवं विपणन की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य कर किसानों की आर्थिक दशा क्रान्तिकारी प्लेटफार्म के रूप में विकसित हो सकते है। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा नीति निर्धारित कर प्रथम चरण में प्रत्येक विकास खण्ड में 01-01 कृषक उत्पादक संगठन के गठन हेतु निर्देश जारी कर दिये गये है। इसका गठन कराकर इनकी गतिविधियों को क्रियान्वित कराया जाए।
अपर मुख्य सचिव, कृषि डा0 देवेश चतुर्वेदी ने रबी,-2020 में उत्पादन की रणनीति एवं राज्य सरकार द्वारा कृषि निवेशों एवं अन्य व्यवस्थाओं की जानकारी देते हुए अधिकारियांे से पराली प्रबन्धन, बीज एवं कृषि निवेशों की व्यवस्था, कृषि यंत्रीकरण, किसान क्रेडिट कार्ड, पी0एम0 किसान योजना के छूटे हुए किसानों के अभिलेखों को दुरूस्त कराने के निर्देश दिये। उन्होंने जिलाधिकारियों को एफ0पी0ओ0 का शीघ्र लक्ष्य के अनुसार विकास खण्डवार गठन कराने तथा इसकी नियमित बैठकें कराने के निर्देश दिये गये। गोष्ठी में बुलन्दशहर के जिलाधिकारी अनूप शहर चीनी मिल की क्षमता में वृद्धि कराने, बागपत के जिलाधिकारी ने यमुना नहर में पर्याप्त जल उपलब्ध कराने, गाजियाबाद के जिलाधिकारी द्वारा बासमती धान में न्यूनतम् सम्वर्द्धन मूल्य घोषित कराने, मुरादाबाद के जिलाधिकारी द्वारा कृषि विभाग मेे कर्मचारियों एवं अधिकारियों के रिक्त पदों को भरने का अनुरोध किया।
कृषि निदेशक, ए0पी0 श्रीवास्तव ने गोष्ठी मे अवगत कराया कि प्रदेश में आगामी रबी के लिए समस्त प्रकार के बीजों एवं उर्वरकों का लक्ष्य के सापेक्ष शत-प्रतिशत पूर्ति सुनिश्चित कराते हुए 15 अक्टूबर, 2020 तक बीजों के भण्डारों/बीज गोदामों तक पहंुच जाने की व्यवस्था सुनिश्चित करा ली जायेगी। उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा 03 संकल्पों के अनुसार गेहूं की लाइनों में बुवाई, दलहन बीजों को राइजोबियम कल्चर से शोधित कर बुवाई की जाए। तिलहनी फसलों में सिंगल सुपर फास्फेट का प्रयोग अनिवार्य रूप से किया जाए तथा अल्टरनेरिया ब्लाइट का नियंत्रण करने हेतु अभियान चलाया जाए।
इस अवसर पर सम्बन्धित जनपदों के किसानों द्वारा भी अपनी समस्यायें बतायी गयी। हापुड के किसान अमरेश त्यागी ने सहकारी समिति में पोटास की कमी की बात कही। सहारनपुर के किसान सेठपाल द्वारा उनके जनपद के पूर्व में आई0टी0सी0 कम्पनी द्वारा ई-चैपाल के माध्यम से कान्ट्रेक्ट फार्मिग का उल्लेख करते हुए उसे पुनः शुरू कराने का अनुरोध किया गया। मुजफ्फरनगर के किसान अरविन्द मलिक ने जैव उर्वरकों के उत्पादकता के विपणन की व्यवस्था कराने, बेडप्लान्टर मैनुअल की माॅग के साथ ही उद्यान विभाग में अनुदान पर ट्रैक्टर एवं डी0बी0डब्लू-187 गेहूू के बीजों की उपलब्धता कराने की माॅग की गयी।
मुरादाबाद के किसान नवनीत गुप्ता ने डी-कम्पोजर की व्यवस्था कराने की माॅग की गयी। बिजनौर के श्री राम सिंह द्वारा एसएमएएम एवं इन-सी-टू योजना के अन्तर्गत किसानों के रजिस्ट्रेशन के लिए समय बढ़ाने का अनुरोध किया गया तथा लाभार्थियों की आवश्यकता को देखते हुए प्रथम आवक-प्रथम पावकध्लाटरी से लाभार्थियांे के चयन का अनुरोध किया किया गया। अमरोहा के किसान पीली सरसों के बीज की माॅग की गयी। रामपुर के किसान श्री सुरेन्द्र पाल द्वारा बताया गया कि पी0एम0 किसान योजनान्तर्गत नगरीय क्षेत्र वाले किसान सम्मिलित नही हो पा रहे है साथ ही चारा काटने वाली मशीन पर अनुदान की माॅग की गयी। सम्भल जनपद में उप सम्भागीय अधिकारी और जिला कृषि रक्षा अधिकारी का पद सृजित कराने की माॅग की गयी।
बुलन्दशहर के किसान अरूण तोमर ने राजकीय नलकूपों की व्यवस्था कराने तथा सोलर पम्प के गत वर्ष का अनुदान उपलब्ध कराने तथा दुधारू पशुओं के अच्छे सीमेन को उपलब्ध कराने की माॅग के साथ ही मक्का के क्रय केन्द्र खोले जाने की माॅग की गयी। बदायूं के किसान तोमर द्वारा चिपसोना आलू के बीज की माॅग की गयी तथा बीज ग्राम योजना के अन्तर्गत बीजों पर अनुदान बढ़ाने की माॅग की गयी। पीलीभीत के किसान द्वारा रैंक प्वाइंट पर कार्यरत् कर्मचारियों के रिक्त पदों को भरने की माॅग की गयी।
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