आम आदमी पार्टी क्या दिल्ली नगर निगम में इंस्पेक्टर राज लाना चाहती हैं?
Date posted: 23 November 2020

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार अपनी नाकामियों और घोटालों पर पर्दा नहीं डाल पाई इसलिए अब अपने बड़बोले नेताओं और विधायकों की ड्यूटी लगाई है जो भाजपा शासित नगर निगम पर अनर्गल आरोप लगाकर दिल्लीवासियों को गुमराह कर रही है। दिल्ली भाजपा महामंत्री हर्ष मल्होत्रा ने दिल्ली सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी और कहा कि जब से दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली सरकार द्वारा दिल्ली जल बोर्ड को करोड़ों के कर्ज घोटाले के साथ ही, दिल्ली सरकार की बिजली कंपनियों से सांठगांठ के मामले उठाए हैं तब से आम आदमी पार्टी बौखलाई हुई है और खुद पर लगे आरोपों का जवाब देने के लगातार भाजपा शासित नगर निगमों को बदनाम करने की ओछी राजनीति कर रही है और इसके लिए वह निगम अधिकारियों पर अपने दैनिक बयानों से दबाव डाल रहे हैं की वह लोगों को प्रताड़ित करने के लिए नोटिस दें।
हर्ष मल्होत्रा ने बताया कि जल बोर्ड का 7300 करोड़ रुपए का बजट होने पर भी दिल्ली सरकार ने उसे अतिरिक्त 11000 करोड़ रुपए दिए और 40000 करोड़ का लोन भी दिया लेकिन 1 साल में 60000 करोड़ रुपए खर्च करने के बाद भी दिल्ली का पानी जहरीला है। जब जनहित के लिए दिल्ली भाजपा ने दिल्ली सरकार से सवाल किए तो आम आदमी पार्टी नेता और विधायकों ने आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति शुरू कर दी। उन्होंने बताया कि 2004 से नगर निगमों मे सम्पत्ति कर के लिए स्वः मूल्यांकन योजना लागू है, जिसके चलते लोग खुद अपना सम्पत्ति कर श्रेणी अनुसार तय करके रिटर्न एवं टैक्स भरते हैं। निगम लगभग 10 प्रतिशत मामलों की ओचक जांच करता है। संभावना है कि इस स्वः मूल्यांकन योजना का लाभ उठा कुछ थोड़े से लोग गलत या कम टैक्स देते हों पर सामान्यता स्वः मूल्यांकन योजना के चलते लोगों को इंस्पेक्टर राज से मुक्ति मिली है और यह व्यापक लोक हित में है। आम आदमी पार्टी नेता सौरभ भारद्वाज केवल 1 से 2 प्रतिशत गड़बड़ी के मामलों को उठा कर नगर निगम प्रशासन पर दबाव डालना चाहते हैं की वह लोगों को व्यापक स्तर पर सम्पत्ति कर पुनः मूल्यांकन के नोटिस दें जिससे भाजपा की छवि खराब हो। सी.ए.जी. की उठायी कुछ सम्पत्तियों में हेर फेर में से अधिकांश पर कार्यवाई पहले से की जा रही है और आगे भी की जायेगी।
हर्ष मल्होत्रा ने कहा कि अपनी ओछी राजनीति के चलते आम आदमी पार्टी नेता सौरभ भारद्वाज यह भी भूल गये हैं की जो वह बोल रहे हैं यदि नगर निगम उसे लागू कर दें तो उसका मतलब होगा इंस्पेक्टर राज लागू करना। हम आम आदमी पार्टी से जानना चाहते हैं की वह लगातार सम्पत्ति कर की हेरा फेरी के बेबुनियाद आरोप क्यों लगा रहे हैं? क्या वह निगम अधिकारियों पर नोटिस राज यानी इंस्पेक्टर राज पुनः लागू करने का दबाव बना रहे हैं?
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